टॉप स्टोरीज़

पुनर्जन्म ! 3 साल की ये दो बच्चियां बोलती है फर्राटेदार अंग्रेज़ी…. एक खुद को बताती कैलीफोर्निया की तो एक… माता पिता भी है हैरान….

रायपुर 20 मई 2023 दुनियां में कई रहस्य ऐसे होते हैं कि जिसे सुनकर इंसान के पैरों टेल जमीं खिसक जाते हैं। ऐसी ही एक खबर हम आपको सुनाने जा रहे हैं जिसको लेकर यह रहस्य बना है कि यह पुर्वजन्म है या कोई चमत्कार।

सूरत शहर के न्यू कतारगाम इलाके में रत्न कलाकार की साढ़े तीन साल की बेटी विदेशी लहजे में अंग्रेजी बोलती है जिससे सब में बच्ची के विषय मे जानने की उत्सुकता पैदा हो गई है। इस बच्ची के घर या उसके आसपास कोई भी अंग्रेजी में बात नहीं करता है, लेकिन सभी यह सुनकर हैरान है कि बच्ची विदेशी अंग्रेजी कैसे बोल रही है। हालाँकि परिवार का कोई भी सदस्य कभी विदेश यात्रा पर नहीं गया है या अंग्रेजी में बात नहीं करता है, ऐसा ही मामला राजस्थान के बीकानेर में एक पुनर्जन्म की कहानी चर्चा का विषय बनी हुई है. तीन साल की बच्ची फर्राटेदार इंग्लिश बोल रही है. दरअसल बेंगलुरु में जन्मी तीन साल की कृषा लोहिया सींथल गांव में पली बढ़ी है. लेकिन एक दिन कृषा तीन साल की उम्र में ही फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लगी तो घर वाले चौंक गए. पहले तो घर वाले कुछ समझ नहीं पाए लेकिन बाद में बच्ची ने पुनर्जन्म की कहानी सुनाई तो उन्हें पूरा मामला समझ आया., यह पुनर्जन्म है या प्रकृति का चमत्कार है? ऐसी चर्चा से परिवार की दुविधा बढ़ती जा रही है। किसी भी अन्य माता-पिता की तरह, हर माता-पिता की यह भावना होती है कि उनके बच्चें अपनी स्थानीय भाषा जरूर जाने।

बीकानेर की कृषा
मां बोली, अचानक बोलने लगी इंग्लिश तो हुई हैरानी
कृषा की मां ने बताया की उनकी तीन साल की बेटी एक दिन अचानक अंग्रेजी बोलने लगी. ऐसे में उन्हें आश्चर्य हुआ क्योंकि परिवार का दूर-दूर तक इंग्लिश का कोई नाता नहीं था. इसके अलावा घर वाले टीवी शो भी हिंदी में देखते थे, तो बच्ची का अंग्रेजी बोलना हैरान करने वाला था. परिवार कृषा को लेकर डॉक्टर के पास भी गया. धीरे-धीरे कृषा की बताई बातें स्पष्ट हुईं. रोज कृषा नई-नई बातें बताती है. उसकी बातों से ऐसा लगता है कि जैसे वो सच में वहां मौजूद रही हो. जिस जगह का वो उल्लेख करती है हम भी उन जगहों को नहीं जानते. बेटी कृषा की बातों को परिवार के लोग सुन लेते हैं और हां में हां मिलाकर ज्यादा गौर नहीं करते ताकि उसकी भावना आहत ना हो.

सूरत की बच्ची विदेशियों की तरह करती है व्यवहार

वे कहते हैं, हम खुश भी हैं और दुखी भी क्योंकि बेटी ऐसे विदेशी लहजे में बोलती है। हमारे परिवार में कोई भी विदेश नहीं गया है या अंग्रेजी नहीं बोलता है और अगर यह बेटी अंग्रेजी बात करती है, तो हो सकता है इसका पुनर्जन्म यहां कोई चमत्कार होना चाहिए। मॉम नैन्सी कहती हैं, हमारे घर में जहां सभी अपने हाथों से खाते हैं, वहीं श्रीशा खाने के लिए चम्मच का इस्तेमाल करती हैं। इसलिए हम चिंतित हो जाते हैं और जोर देते हैं कि हमारी बेटी हमारी भारतीय भाषा में ही बोले।
परेशभाई मूल रूप से सौराष्ट्र के अमरेली जिले के धारी तालुका के अमृतपुर गांव के रहने वाले हैं, सूरत के न्यू कतारगाम क्षेत्र में रहते हैं और एक रत्न कलाकार के रूप में काम करते हैं। उन्होंने सूरत को अपना कर्मभूमि बनाया है परेशभाई ने 8वीं तक पढ़ाई की है और उनकी पत्नी नैन्सी ने 12वीं तक की पढ़ाई की है। दोनों के वैवाहिक जीवन में साढ़े तीन वर्ष पूर्व लक्ष्मीजी के रूप में एक पुत्री हुई और उसका नाम श्रीशा रखा गया। वे कहते हैं, हम बच्ची से गुजराती में बात कराने की बहुत कोशिश करते हैं लेकिन वह गुजराती समझती है लेकिन बोलती नहीं है। कई बार कोशिश की गुजराती बोलने की लेकिन अभी तक बा ही बोल पाती हैं। ज्यादातर शब्द अंग्रेजी में ही बोलती है तो कुछ शब्द हिंदी में बोलती है।

Back to top button