ब्यूरोक्रेट्स

“हर रात घर पर भेजो एक लड़की….नहीं तो तुम्ही आ जाओ”….SDM पर महिला वार्डन का गंभीर आरोप…..नहीं मानी तो हॉस्टल को ही …

शिवपुरी 9 अगस्त 2022:  शिवपुरी में पिछोर SDM पर बंद हो चुके सीनियर कन्या छात्रावास (प्रथम) की तत्कालीन वार्डन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। वार्डन ने शिकायत कलेक्टर और दूसरे बड़े अधिकारियों से की है। उसने बताया, हॉस्टल के इंस्पेक्शन के बाद SDM ने हर रात उनके बंगले पर एक छात्रा को पहुंचाने का कहा। मैं ऐसा नहीं कर पाई तो मुझे खुद आने के लिए कहा। जब उनकी गलत डिमांड पर राजी नहीं हुई तो हॉस्टल बंद करवा दिया। छात्राओं को दूसरे हॉस्टल में शिफ्ट करवा दिया। मुझे हॉस्टल के ऑफिस में अटैच कर दिया गया।

वार्डन ने आरोप लगाया है कि एसडीएम ने हर दिन रात के समय बंगले पर एक छात्रा को भेजने के लिए कहा था। महिला वार्डन के अनुसार एसडीएम ने कहा था कि अगर छात्रा नहीं भेज सकती हो तो तुम आ जाया करो। वार्डन ने यह आरोप पिछोर एसडीएम पर लगाया है। वहीं, जब इसके लिए वह राजी नहीं हुई तो नियमों की अनदेखी करते हुए हॉस्टल को बंद करवा दिया।

हॉस्टल वार्डन ने आरोप लगाया है कि इस छात्रावास की छात्राओं को एक अन्य हॉस्टल में शिफ्ट करवा दिया गया। साथ ही अधीक्षिका को छात्रावास से ऑफिस में अटैच कर दिया गया है। इसकी शिकायत तत्कालीन अधीक्षिका ने 50 रुपए के स्टांप पर शपथपूर्वक कलेक्टर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से की है। इस पूरे घटनाक्रम पर छात्रावास की तत्कालीन अधीक्षिका राजकुमारी कोली ने जानकारी देते हुए बताया कि आदिम जाति के तत्कालीन जिला संयोजक और पिछोर में पदस्थ एसडीएम बिजेंद्र यादव ने यह मांग की थी। उन्होंने मई माह में छात्रावास का निरीक्षण किया था। इसके बाद दबाव बनाते हुए कहा था कि उन्होंने रात को एक छात्रा को उनके बंगले पर भेजने को कहा था। साथ ही सुबह में उसे वापस ले जाया करो।

तत्कालीन अधीक्षिका ने एसडीएम पिछोर पर यह भी आरोप लगाए हैं कि एसडीएम रात के अंधेरे में छात्रावास आ जाते थे। वह निरीक्षण के नाम पर अपने गंदे अरमानों को पूरा करना चाहते थे। नियम है कि पुरुष अधिकारी छात्रावासों का निरीक्षण करने नहीं आ सकता है। छात्रावास अधीक्षिका ने इस संबंध में कुछ फोटो भी शिकायत के साथ उपलब्ध करवाए हैं।

इस पूरे मामले में एसडीएम पिछोर का कहना है कि वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए छात्रावासों के निरीक्षण पर जाते थे, जो आरोप लगाए गए हैं निराधार है। छात्रावास की अधीक्षिका का ट्रांसफर प्रक्रिया का हिस्सा था और इसी बात से नाराज होकर वह इस तरह के उल्टे सीधे आरोप लगा रही है। एसडीएम ने कहा कि हमने भी कलेक्टर से जांच करवाने की मांग की है।

वहीं, एसडीएम बिजेंद्र यादव की शिकायत किए जाने के बाद कुछ छात्रावास अधीक्षिकाएं भी एसडीएम के समर्थन में उतर आई हैं। छात्रावास अधीक्षिका मोनिका तोमर, कविता कुशवाह, डॉ रजनी आर्य, अनीता तिम्मी, पुष्पा देवी आर्य आदि ने कलेक्टर से कहा है कि एसडीएम महिलाओं का सम्मान करते हैं।

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