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बाघ नख:भारत लाया जायेगा बाघ नख छत्रपति शिवाजी जी ने इसी से अफजल खान को उतारा था मौत के घाट

छत्रपति शिवाजी 9 सितंबर 2023|1659 में छत्रपति शिवाजी ने बीजापुर के सेनापति अफ़ज़ल ख़ान को  बाघ के नाखून जैसे दिखने वाले खंजर ‘बाघ नख’ से मार गिराया था. ये ऐतिहासिक हथियार भारत में नहीं बल्कि UK में था. महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार सितंबर में लंदन जाकर विक्टोरिया ऐंड अल्बर्ट म्यूज़ियम के साथ एक MoU साइन करेंगे. विक्टोरिया ऐंड अल्बर्ट म्यूज़ियम में ही छत्रपति शिवाजी का वाघ नख रखा हुआ है.

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो इसी साल शिवाजी का वाघ नख भारत लौटेगा. सुधीर मुनगंटीवार ने बताया, ‘हमें ब्रिटिश अधिकारियों से एक चिट्ठी मिली है. वो छत्रपति शिवाजी महाराज के वाख नख को लौटाने के लिए राज़ी हो गए हैं. हिन्दू पंचांग के अनुसार जिस दिन छत्रपति शिवाजी ने अफ़ज़ल ख़ान को मारा था, हमें वो हथियार उसी दिन मिल सकता है. कुछ और दिनों पर भी चर्चा हो रही है. वाघ नख को भारत कैसे ट्रांसपोर्ट किया जाएगा इस पर भी बात-चीत जारी है.’

उन्‍होंने कहा कि यूके में शि‍वाजी महाराज की जगदंबा तलवार भी प्रदर्श‍ित की गई है. उन्‍होंने कहा, ‘हम एमओयू पर हस्ताक्षर करने के अलावा अन्य वस्तुओं जैसे कि शिवाजी की जगदंबा तलवार को भी देखेंगे और इन्हें वापस लाने के लिए कदम उठाएंगे. हकीकत यह है क‍ि वाघ नख वापस आ रहा है. यह महाराष्ट्र और उसके लोगों के लिए एक बड़ी बात होगी. अफजल खान की हत्या की तारीख ग्रेगोरियन कैलेंडर के आधार पर 10 नवंबर है, लेकिन हम हिंदू तिथि कैलेंडर के आधार पर तारीखें तय कर रहे हैं.’

समझौता ज्ञापन पर होगा हस्ताक्षर
महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार अक्तूबर में इसे वापस भारत लाने की आधिकारिक प्रक्रिया के लिए लंदन जाएंगे। वहां वे विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। इसी संग्रहालय में ये नख रखा हुआ है। यदि सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो ‘वाघ नख’ इसी साल देश में आ जाएगा।

इस दिन जाएंगे लेने
वाघ नख वापस लाने पर मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि हम एक अक्तूबर को लंदन जाएंगे। वहां पर 3 अक्तूबर को एक एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे और नवंबर में हम वाघ नख को लेकर लाएंगे। उन्होंने कहा कि एमओयू इसलिए हो रहा है क्योंकि उनके खुद के कुछ नियम शर्ते हैं।

क्या है वाघ नख?
धातु के पंजे या ‘वाघ नख’ एक हथियार है जिसे पोर के ऊपर फिट करने या हथेली के नीचे और नीचे छुपाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें एक क्रॉसबार से जुड़े चार या पांच घुमावदार ब्लेड होते हैं। इस हथियार का इस्तेमाल शिवाजी महाराज ने बीजापुर सल्तनत के आदिल शाही वंश के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए किया था। मुनगंटीवार ने कहा था कि ‘जगदंबा’ तलवार और ‘वाघ नख’ उपलब्ध कराने के बारे में पहले ब्रिटिश उप उच्चायुक्त से चर्चा की थी। इसी को लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया जा रहा है। मंत्री ने 16 अप्रैल को पश्चिमी भारत के ब्रिटिश उप उच्चायुक्त एलन जेम्मेल और राजनीतिक और द्विपक्षीय मामलों के उप प्रमुख इमोजेन स्टोन के साथ बैठक की थी।

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