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इनकम टैक्स की छापेमारी में नेताजी मिले अरबपति…. 86 करोड़ की अघोषित संपत्ति का हुआ खुलासा… 4 दिन चली आईटी की छापेमारी खत्म

लखनऊ 22 दिसंबर 2021। इनकम टैक्स की छापेमारी में नेताजी अरबपति निकले। पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के नेताओं के ठिकानों पर की गई छापेमारी में आयकर विभाग को 86 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है. 4 दिन तक चली छापेमारी पूरी हो गई है. इसके बाद वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि लखनऊ, मैनपुर, कोलकाता, बेंगलुरु और एनसीआर के 30 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डेटा को भी बरामद किया गया है.

आयकर विभाग ने 18 दिसंबर को उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी. आयकर विभाग ने मऊ में राजीव राय (Rajeev Rai), मैनपुर में मनोज यादव (Manoj Yadav) और लखनऊ में जैनेंद्र यादव (Jainendra Yadav) के घर पर भी सर्च ऑपरेशन चलाया था. इसके अलावा कोलकाता के एक एंट्री ऑपरेटर के घर पर भी छापा मारा गया था.

कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर्स के पास 86 करोड़ रुपये की अघोषित आय की जानकारी मिली है, जिसमें से 68 करोड़ रुपये की बात मालिक ने मानी भी है और इस पर उसने टैक्स देने की बात कही है. कुछ ही सालों में इस कंपनी का टर्नओवर 150 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन ये कैसे हुआ, इस बारे में मालिक की ओर से कोई भी सबूत पेश नहीं किए जा सके.

आयकर विभाग को सर्च ऑपरेशन के दौरान शेल कंपनियों के जरिए 12 करोड़ रुपये के अघोषित निवेश की जानकारी मिली है. इसके अलावा दूसरे मामले में भी 11 करोड़ रुपये के निवेश का पता चला है और बेनामी संपत्ति में 3.5 करोड़ रुपये के निवेश के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में शामिल कंपनियों में करोड़ों रुपयों के कई फर्जी खर्च की जानकारी मिली है. इनके पास से खाली बिल बुक, स्टांप, साइन किए चेक समेत कई दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया है.

इधर इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गयी है। अखिलेश यादव ने इनकम टैक्स रेड पर कहा कि हमें तो इंतजार था कि अभी तक ईडी, सीबीआई क्यों नहीं आई? कांग्रेस की तरह बीजेपी भी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है. अखिलेश ने सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय के साथ रविवार को छापेमारी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर कौन हैं ये लोग जिनके ठिकानों पर आयकर की छापेमारी हुई है?

आयकर विभाग की छापेमारी में जिस नाम को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हुई वो है सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के ओएसडी रहे जैनेंद्र यादव उर्फ नीटू. अखिलेश यादव कहां रैली करेंगे उसका का क्या रोडमैप होगा? किसके जिम्मे तैयारी होगी, क्या खाका होगा, पार्टी को मजबूती देने के लिए किन संसाधनों की जरूरत पड़ेगी, इस सब को तय करने में अखिलेश यादव के सबसे विश्वस्त करीबी नीटू यादव ही माने जाते हैं.

नीटू की भूमिका काफी अहम

नीटू यादव पार्टी में बेहद लो प्रोफाइल रहकर अखिलेश यादव के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं. चुनाव में पार्टी फंड का मैनेजमेंट हो, किस उम्मीदवार को पार्टी फंड कितना दिया जाना है, कहां से दिया जाना है, यह सब नीटू यादव ही तय करते हैं. आज समाजवादी पार्टी का जो हाईटेक स्वरूप दिखाई देता है, उसमें नीटू यादव की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है. वो फिर चाहे अखिलेश का विजय रथ हो या फिर समाजवादी पार्टी की सोशल मीडिया टीम. पार्टी दफ्तर में नीटू यादव की मौजूदगी या नीटू का फरमान अखिलेश यादव का फरमान माना जाता है.

 

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