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कछुओं की तस्करी का भंडाफोड़,955 कछुए छापेमारी में बरामद, 6 तस्कर को भी पुलिस ने दबोचा..

नई दिल्ली2 अक्टूबर 2023|गंगा में रहने वाले कछुओं’ जिनमें से कुछ को आईयूसीएन की रेड लिस्ट और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची के तहत खतरे में/ करीब संकटग्रस्त प्रजातियों के रूप में निर्दिष्ट किया गया है. साथ ही अवैध तस्करी और व्यापार में शामिल एक सिंडिकेट के बारे में डीआरआई (राजस्व आसूचना निदेशालय) के अधिकारियों द्वारा खुफिया जानकारी जुटाई गई थी. अवैध व्यापार इन प्रजातियों के लिए बड़ा खतरा है.

कछुओं की विभिन्न प्रजातियों के 955 जीवित बच्चों को बरामद किया गया. बचाए गए गंगा के कछुओं की प्रजातियां इंडियन टेंट टर्टल, इंडियन फ्लैपशेल टर्टल, क्राउन रिवर टर्टल, ब्लैक स्पॉटेड/पॉन्ड टर्टल और ब्राउन रूफ्ड टर्टल हैं. वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत प्रारंभिक जब्ती के बाद, अपराधियों और गंगा के कछुओं को आगे की जांच के लिए संबंधित वन विभागों को सौंप दिया गया.

डीआरआई ने जब्त किए दुर्लभ प्रजाति के कछुए

इस अभियान के सफल होने पर डीआरआई ने कहा कि दुर्लभ प्रजाति के 955 कछुओं को जब्त किया गया, जिसकी कीमत बाजार में 1 करोड़ रुपये से अधिक है। डीआरआई ने ऑपरेशन कच्छप के तहत नागपुर, भोपाल, चेन्नई समेत देश के 6 शहरों में छापेमारी की। इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल कछुओं की तस्करी में एक बड़े गिरोह की लिप्तता की सूचना विभाग को मिली थी। इस सूचना के बाद डीआरआई ने छापेमारी शुरू की। जानकारी के मुताबिक डीआरआई टीम को गुप्त सूचना ये भी मिली थी कि कछुओं की तस्करी जीटी एक्सप्रेस से लखनऊ होते हुए चेन्नई मार्ग पर ले जाया जा रहा है। 

कछुओं की कीमत 1 करोड़ से अधिक

यह सूचना मिलते ही डीआरआई ने नागपुर में कार्रवाई शुरू कर दी और इस मामले में दो पुरुष और एक महिला तस्कर को गिरफ्तार कर लिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दुर्लभ प्रजाति को 955 कछुओं को जब्त किया गया है। इसमें से 551 कछुए नागपुर से पकड़े गए हैँ। बता दें कि प्रत्येक कछुए की कीमत 10 हजार से 50 हजार रुपये के बीच है। इन कछुओं की कीमत 1 करोड़ रुपये से अधइक है। कछुओं की इन प्रजातियों में इंडियन टेंट, इंडियन फ्लैपशेल, क्राउन रिवर, ब्लैक स्पॉटेड, पॉन्ड और ब्राउन रुपड टर्टल शामिल है। 

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