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UPSC 45वीं रैंक:”अरपा पैरी के धार….” इंटरव्यू में राजगीत गाकर श्रद्धा ने पैनलिस्ट को किया था इंप्रेस….रायपुर में रहकर की पूरी तैयारी…..

रायपुर 30 मई 2022। “अरपा पैरी के धार…महानदी हे अपार…..” छत्तीसगढ़ के इस राजगीत पर हर किसी को अभिमान है”…और इसी गीत को UPSC के इंटरव्यू में गाकर 45वीं रैंक पाने वाली श्रद्धा ने छत्तीसगढ़ का मान बढ़ा दिया। UPSC में 45वीं रैंक लाकर IAS सीट पक्की करने वाली श्रद्धा शुक्ला की इस कामयाबी में उनकी मेहनत व संघर्ष का जितना अहम रोल रहा….उतना ही रोल छत्तीसगढ़ के इस राजगीत का भी रहा। कांग्रेस नेता व कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला की बेटी श्रद्धा शुक्ला से NW न्यूज ने विस्तार से बात की….।

45वीं रैंक हासिल कर छत्तीसगढ़ की IAS बिटिया भी मानती है कि इंटरव्यू में जब उन्होंने छत्तीसगढ़ के इस राजगीत को गाया तो इसका बहुत बड़ा प्रभाव पैनलिस्ट पर पड़ा और उनकी इस रैंकिंग के पीछे ये बड़ा फैक्टर रहा होगा। दरअसल करीब 25 मिनट के इंटरव्यू के दौरान श्रद्धा से सामान्य सवाल-जवाब का सिलसिला ही चला। श्रद्धा बताती है कि उन्हें लग रहा था उनका इंटरव्यू बहुत साधारण जा रहा है, इंटरव्यू के आखिर में पेनलिस्ट ने उनसे कहा कि

“आप कुछ अपनी तरफ से बताना चाहती है, तो बतायें”

श्रद्धा कहती है कि उन्हें बस इसी मौके की तलाश थी, जब मैं अपनी क्षमता पेनलिस्ट को दिखा सकूं। श्रद्धा कहती है …..

गाना मेरी हावी रही है, मुझे संगीत में काफी रूचि है, मैंने पैनलिस्ट से कहा- अगर आप इजाजत दें तो मैं अपने प्रदेश का राजगीत गाना चाहती हूं, पेनलिस्ट ने इजाजत दी, तो मैंने उसे गाया और ना सिर्फ गाया, बल्कि उसका अर्थ भी समझाया, सुनकर सारे लोग काफी प्रभावित हुए, मुझे लगता है कि इस गाने ने सभी लोगों के मन में काफी अच्छा प्रभाव छोड़ा। मुझे लगा कि मेरा इंटरव्यू इस राजगीत की बदौलत और भी बेहतर हो गया।

श्रद्धा बताती है कि 2020 के UPSC में भी वो इंटरव्यू तक पहुंची थी, लेकिन उस इंटरव्यू में नंबर कम आया था। इसलिए इस बार इंटरव्यू के लिए खास तैयारी की। रायपुर में रहकर अपनी पूरी पढ़ाई करने वाली श्रद्धा शुक्ला कहती है कि इस बार मैंने इंटरव्यू में काफी मुखरता के साथ जवाब दिया। जो भी सवाल पूछे गये, उसका जवाब बहुत अच्छे से दिया। लेकिन इसके बाद राजगीत गाकर उन्होंने काफी हद तक इंटरव्यू को अपने पक्ष में कर लिया।

2019 में पहली बार UPSC की परीक्षा में श्रद्धा प्रारंभिक परीक्षा भी क्लियर नहीं कर सकी थी, लेकिन अपने दूसरे प्रयास 2020 में उन्होंने सिर्फ प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षा पास की, बल्कि इंटरव्यू को भी क्वालीफाई किया।

पिछली बार पोस्टल सर्विस में में हुआ चयन

श्रद्धा ने UPSC के अब तक तीन अटेंप दिये थे, जिसमें से वो दो बार सेलेक्ट हुई। हालांकि 2020 के यूपीएससी उनका मेन लिस्ट में सेलेक्शन नहीं हुआ था। रिजर्व लिस्ट में उन्हें इंडियन पोस्टल सर्विस में मिला था। रिजर्व लिस्ट में उन्हें 46वीं रैंक मिली थी, जिसके बाद वो अभी फरीदबाद में ट्रेनिंग कर रही है। श्रद्धा बताती है कि उन्होंने तय किया था कि बनना है तो सिर्फ IAS ही बनना है। श्रद्धा कहती है कि उनके दादाजी का सपना था कि मैं आईएएस बनूं। आज उनका सपना मैंने पूरा कर दिखाया है।

डायरी लिखने की शोकीन है श्रद्धा

श्रद्धा कहती है कि उनकी हाबी डायरी लिखने में हैं। डायरी में उन्होंने कई बार अपने जीवन का लक्ष्य आईएएस बनने को लिखा है। श्रद्धा कहती है कि जब वो इंटरव्यू से आयी तो उन्होंने अपने वाल पर लिख दिया था कि इस बार मैं अंडर-50 आऊंगी, ये मेरी सोच थी, लेकिन जब 45वीं रैक आयी तो लगा कि मैंने जो सोचा था वही हुआ। श्रद्धा कहती है कि वो पढ़ने में हमेशा से अच्छी रही है, उनकी साथी उन्हें किताबी कीड़ा कहा करती थी। श्रद्धा कहती है कि स्कूल में ऐसा भी नहीं था कि वो हमेशा से फर्स्ट या सेकंड आती थी, वो तीसरी-चौथी आ जाती थी, लेकिन उसके बाद मैंने अपने आपको पढ़ाई में काफी बेहतर किया।

ज्योग्राफी से दी UPSC की परीक्षा

श्रद्धा कहती है कि उनकी पूरी पढ़ाई रायपुर में ही हुई। बीडी गर्ल्स कालेज से पढ़ाई पूरी करने वाली श्रद्धा ने ग्रेजुएशन के दौरान ही लक्ष्य बनाया था कि उन्हें IAS बनना है, लेकिन कैसे बनना है इसका रूट मैप नहीं था। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने इसके मैप देने की कोशिश की। एमएससी की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने पहली बार यूपीएससी दिया, जिसमें में वो असफल रही, दूसरे अटेंप में वो यूपीएससी में सेलेक्ट हुई, लेकिन अपनी रैंकिंग से संतुष्ट नहीं थी, इसके बाद 2021 के यूपीएससी में परीक्षा दी और फिर 45वीं रैंक लाकर आईएएस बनना कंफर्भ कर दिया। श्रद्धा साइंस की स्टूडेंट रही हैं, उन्होंने फिजिक्स के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन किया है, लेकिन रायपुर में रहकर पढ़ाई के दौरान साइंस से यूपीएससी की तैयारी में काफी दिक्कतें आती, लिहाजा उन्होंने आर्ट्स को चुना और ज्योग्राफी से यूपीएससी की परीक्षा दी। श्रद्धा बताती है कि पढ़ाई से लेकर तैयारी तक उन्होंने रायपुर में की। दिल्ली पहली बार तब गयी, जब इंटरव्यू देने जाना था।

छत्तीसगढ़ में काम करने की इच्छा

हालांकि अभी कैडर आवंटन में थोड़ा वक्त है, लेकिन श्रद्धा कहती है कि अगर उन्हें होम कैडर मिला, तो मेरे लिए काफी अच्छा होगा, मैंने जो अब तक परीक्षाओं में लिखा है, उसे मूर्त रूप में लाने का मुझे मौका मिलेगा। छत्तीसगढ़ के लिए मुझे बहुत कुछ करना है। आगे देखते हैं कितना मौका मिलेगा।

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