हेडलाइन

VIDEO-कलेक्टर को राजस्व मंत्री की धमकी पर पूर्व गृहमंत्री का पलटवार….कहा दबाव बनाकर अफसरों से गलत काम नही करवा सकते, अगर गलत हैं तो …..

रायपुर 10 दिसंबर 2022। कोरबा में प्रशासनिक अफसरों को मीडिया के सामने लताड़ने और फिर कलेक्टर संजीव झा को धमकी भरे लहजे में कोरबा से शिफ्ट हो जाने की चेतावनी देने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा हैं। अफसरों पर तमतमाये राजस्व मंत्री के इस विडियों के वायरल होने के बाद पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने पलटवार करते हुए गंभीर आरोप लगाये हैं। ननकीराम कंवर ने राजस्व मंत्री के दबाव में जिले में बड़े पैमाने पर जमीन की गड़बड़ी करने का आरोप लगाया हैं। ननकीराम कंवर यहीं नही रूके उन्होने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी सरकार का ही अंग हैं, और राजस्व मंत्री सरकार में होकर अपने ही अंग पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, इसका मतलब हैं कि वो खुद गलत करवा रहे हैं।

गौरतलब हैं कि कोरबा में शहर के बीचों बीच संचालित ट्रांसपोर्ट नगर को बरबसपुर में शिफ्ट करने का मामला अब प्रतिष्ठा का विषय बनता नजर आ रहा हैं। दरअसल बरबसपुर में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर की 40 एकड़ जमीन मसाहती गांव में आने के साथ ही नगर निगम के ठोस अपशिष्ट केंद्र से 500 मीटर के दायरे में आने की वजह से खटाई में पड़ती दिख रही हैं। ऐसे में शुक्रवार को राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने राजस्व, नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों को बरबसपुर के उक्त स्थल पर बुलाकर मीडिया के सामने ही जमकर खरी-खोटी सुनाई। ट्रांसपोर्ट नगर के स्थल बदलने से नाराज मंत्री मौके पर कलेक्टर संजीव झा के नही पहुंचने से और भी ज्यादा तमतमा गये। इसके बाद जयसिंह अग्रवाल ने तल्ख तेवर के साथ अफसरों को ना केवल ट्रांसपोर्ट नगर बरबसपुर में ही बनाये जाने के सख्त निर्देश दिये, बल्कि यहां तक कह दिया कि ट्रांसपोर्ट नगर कही शिफ्ट नही होगा….अगर शिफ्ट होगा तो अब यहां से कलेक्टर शिफ्ट होगा।

मीडिया के सामने अफसरों को मंत्री जी के फटकार लगाने का विडियों अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा हैं। ऐसे में रामपुर विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने राजस्व मंत्री के इस बर्ताव पर पलटवार किया हैं। ननकीराम कंवर ने राजस्व मंत्री के इस बर्ताव को गलत बताते हुए आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी सरकार का अंग होता है….ओर सरकार में रहकर राजस्व मंत्री अपने ही अंग पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसका मतलब हैं कि वो खुद गलत करवा रहे हैं। ननकीराम कंवर ने यहां तक कह दिया कि राजस्व विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाकर सरकारी और वन भूमि में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही हैं। ननकीराम कंवर यहीं नही रूके उन्होने कहा कि बरबसपुर सहित कुरूडीह मार्ग पर नेशनल हाईवे गुजर रही हैं।

इस मार्ग पर 104 नंबर का खसरा वन भूमि हैं, लेकिन राजस्व विभाग के आर.आई.-पटवारी ने उस जमीन के मद को परिवर्तित कर किसान के नाम पर चढ़ा दिया हैं। उसी जमीन को अब बालको के एक व्यक्ति ने एन.एच. से अधिक मुआवजा पाने के लिए छोटे-छोटे भूखंड में खरीदा हैं। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने राजस्व मंत्री को नसीहत देते हुए यहां तक कह दिया कि अफसरों पर दबाव और डांट-फटकार कर काम नही कराया जा सकता। अधिकारी सरकार का अंग है, यदि अधिकारी गलत कर रहे हैं,तो उसे सीधे निलंबित करे, और यदि मंत्री अधिकारियों से गलत करवा रहे है, तो मुख्यमंत्री को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए।

आखिर क्यों बढ़ गया हैं टेंशन….क्या हैं न्यू ट्रांसपोर्ट नगर का पेंच !

कोरबा शहर के बीचों-बीच संचालित ट्रांसपोर्ट नगर आज एक बड़ी समस्या हैं। इसे शहर से बाहर करने को लेकर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रयास शुरू किया था। कोरबा विधायक रहते जयसिंह अग्रवाल ने ट्रांसपोर्ट नगर को बरबसपुर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आबंटित 72 एकड़ जमीन पर बनाने का प्रस्ताव तैयार कराया था। चूकि पूर्व में ही नगर निगम कोरबा को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 72 एकड़ भूमि अलॉट कर दी गयी थी। लिहाजा मौजूदा वक्त में 32 एकड़ भूमि पर नगर निगम का ठोस अपशिष्ट केंद्र संचालित हैं। शेष बची 40 एकड़ जमीन पर ट्रांसपोर्ट नगर फेस-1 बनाने की योजना तैयार की गयी। आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय से मास्टर प्लान में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की खाली पड़ी 40 एकड़ जमीन का मद ट्रांसपोर्ट नगर के लिए संसोधित कराया गया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ट्रांसपोर्ट नगर को बरबसपुर में शिफ्ट करने का काम तेज किया गया। जानकारों की माने तो बरबसपुर क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट होने की जानकारी के बाद शहर के बड़े व्यापारियों ने इस क्षेत्र के करीब 8 से 10 हेक्टेयर क्षेत्र में सस्ती कीमत पर जमीन खरीदकर अपने पैसे निवेश कर दिये। उनको उम्मींद थी कि ट्रांसपोर्ट नगर के शिफ्ट होते ही जमीन की कीमत कई गुना बड़ जायेगी।

बताया जा रहा हैं कि बरबसपुर में ट्रांसपोर्ट नगर की नीव रखी जाती, उससे पहले ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए आबंटित जमीन में से 40 एकड़ जमीन को ट्रांसपोर्ट नगर के कमर्शियल उपयोग पर आपत्ति जता दी गयी। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा 40 एकड़ जमीन को ट्रांसपोर्ट नगर के लिए अलॉट करने के बाद ही बरबसपुर में ट्रांसपोर्ट नगर की वैधानिक अनुमति होने का हवाला दिया गया। लेकिन प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर मसाहती गांव में आने के साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में आने के कारण अब एक बड़ी समस्या खड़ी हो गयी हैं। जिला प्रशासन के लिए बगैर नक्शा के मसाहती गांव बरबसपुर के 40 एकड़ जमीन का सीमांकन और उन जमीनों पर काबिज लोगों की आपत्ति जहां एक बड़ी चुनौती हैं, वही दूसरी तरफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की गाइड लाइन के मुताबिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में नो कंस्ट्रक्शन जोन और बफर जोन घोषित हैं। ऐसे में बरबसपुर के ठोस अपशिष्ट केंद्र के 500 मीटर के दायरे में स्थित ट्रांसपोर्ट नगर की प्रस्तावित जमीन पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की गाइड लाइन ने ग्रहण लगा दिया हैं। जिसे जानकर अब कोई भी अफसर अनदेखी नही करना चाह रहे हैं। ऐसे में बरबसपुर क्षेत्र में मोटी रकम निवेश करने वालों का टेंशन बढ़ने लगा हैं, जिन्होने सालों पहले एकड़ो में जमीन खरीद कर बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रखा था।

मंत्री का कलेक्टरों से विवाद का है पुराना नाता…

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का कलेक्टरों से विवाद का पुराना नाता रहा हैं। विधायक रहते जयसिंह अग्रवाल को तात्कालीन कलेक्टर पी.दयानंद से तगड़ा विवाद पूरे छत्तीसगढ़ ने देखा हैं। स्याहीमुढ़ी में बने ऐजुकेशन हब को लेकर जयसिंह अग्रवाल ने पी.दयानंद पर सीधे हमला बोलकर भ्रष्टाचार सहित कई गंभीर आरोप लगा दिये थे।लेकिन कोई भी आरोप आज तक सिद्ध नही हो पाये। इसके बाद सरकार बदली और राजस्व मंत्री बनने के बाद जयसिंह अग्रवाल का तात्कालीन कोरबा कलेक्टर किरण कौशल से डीएमएफ के कामकाज को लेकर नाराजगी सामने आयी थी। इसके बाद पूर्व कलेक्टर रानू साहू ने जब कुसमुंडा-इमलीछापर-सर्वमंगला मार्ग का भुगतान पर रोक लगा दी, तब राजस्व मंत्री ने मीडिया के सामने पूर्व कलेक्टर रानू साहू पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये थे। इसके बाद एक बार फिर मौजूदा कलेक्टर संजीव झा से मंत्री जयसिंह अग्रवाल की ठन गयी हैं। बरबसपुर से ट्रांसपोर्ट नगर दूसरे स्थान पर शिफ्ट किये जाने को लेकर मंत्री ने सीधे तौर पर अफसरों को चेतावनी देते हुए ये कह दिया कि ट्रांसपोर्ट नगर तो शिफ्ट नही होगा, लेकिन कोरबा से कलेक्टर जरूर शिफ्ट हो जायेंगे। राजस्व मंत्री ने अफसरों को एक सप्ताह का अल्टीमेट भी दिया हैं। अब देखने वाली बात होगी कि राजस्व मंत्री के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना चुका ट्रांसपोर्ट नगर की नींव शहर से बाहर कहां रखी जाती हैं, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

Back to top button