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VIDEO-बैलगाड़ी पर निकली बारात :….कार, घोड़ी, हेलीकाप्टर छोड़िये….इस बैलगाड़ी वाले दुल्हे को देखिये….टशन के साथ निकला बैलगाड़ी पर दुल्हनिया लाने

धमतरी 27 अप्रैल 2022। पालकी पर दुल्हा तो सुना होगा…..घोड़ी पर चढ़ा दुल्हा तो देखा होगा…..कार पर सवार दुल्हा भी नजर आया होगा….लेकिन दुल्हा अगर बैलगाड़ी पर चढ़कर दुल्हनिया लाने पहुंचे, तो क्या कहेंगे। यूं तो कभी-कभार ऐसी तस्वीरें आप तक पहुंची होगी, लेकिन इस बार ये नयी तस्वीर धमतरी से आयी है। जहां, जिले के वनांचल क्षेत्र में बैलगाड़ी पर बारात निकली। धमतरी जिला मुख्यालय से 55 कि.मी दूर सिरकट्टा निवासी रुपेश मरकाम की शादी थी। शादी में कार और घोड़ी पर सवार होने के बजाय दुल्हा बैलगाड़ी से बारात लेकर पहुंचा।

दुल्हन के घर से करीब पांच किलोमीटर का फासला बारातियों ने बैलगाड़ी से ही पूरा किया। बैलगाड़ी से जब बारात पहुंची तो दुल्हन के ग्राम कौव्हाबाहरा,छिन्दपारा में भी लोग दंग रह गये हैं। इस दौरान पारंपरिक अंदाज में सजी बैलगाड़ी को देखने आसपास के गांव के लोग भी पहुंच गये। बैलगाड़ी के इस अंदाज को देख लग्जरी कार भी फीकी हो गयी। मगरलोड ब्लॉक के आखिरी छोर में बसे ग्राम सिरकट्टा निवासी रुपेश मरकाम ने आज के नई सोच के नौजवानों के लिए,अपनी समाज के लिए अपनी विवाह के दौरान बारात में बैलगाड़ी से सवारी कर बहुत बड़ा संदेश सादा जीवन उच्च विचार के रूप में दिया जो भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है।

आधुनिकता की इस युग में अपनी पुरातन संस्कृति को लोग भुलते जा रहे हैं वहीं रुपेश मरकाम आदिवासी समाज से हैं जिनका कहना है अपने पुर्वेर्जों के दौर में आदिवासी समाज में प्राकृतिक सौंदर्य को सामाजिक कार्यक्रमों में सहेजकर उपयोग में लाते रहे हैं प्रकृति और पर्यावरण से हमेशा प्रेम करते रहे हैं। जिनको आज भी सहेजने की सोच उस परिवार और ग्रामीणों की एक अच्छी पहल है।वहीं इस प्रेरणादायक सोच में दुल्हे के परिवार,मित्र और ग्रामीण गोपेश नेताम,नंदकुमार वट्टी, चिन्ताराम कुंजाम,नुकेश नेताम,ओमप्रकाश नेताम,समाज प्रमुख वैदसिंह नेताम,रामजी नेताम,अघनुराम मंण्डावी,श्यामाचरण मंण्डावी,सुकचंद मानिकपुरी ने भी बड़चढ़कर हिस्सा लेकर सहयोग किया।

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