शिक्षक/कर्मचारी

घमासान जारी है …….! हम तो डूबेंगे, सनम तुम्हे भी “सनम बेवफा”….संजय शर्मा का तीखा पलटवार, बोले..शिक्षक समाज का आईना, कुछ लोगो का स्तरहीन बयान, उनके संस्कार बताते है…..आरोप के अलावा सहायक शिक्षको के लिए क्या आपने?

रायपुर 15 जनवरी 2022। जिस आईटी सेल की बात जिस सबूत की बात की गई वह मात्र अपनी नाकामियों को उजागर होने से बचाने का प्रयास है, जिस ग्रुप की बात की जा रही है वह संगठन का अधिकृत ग्रुप है ही नही, सभी संगठन के पदाधिकारी मौजूद है जिसमें वे अपनी समझ से हर अच्छे व गलत काम की चर्चा सभी करते है, जो लिखा गया सब के समक्ष किया गया चर्चा है न कि सबूत,,?

कहा गया किसी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष का अपमान नही किया गया जबर्दस्ती लड़ाने की साजिश है, इसमें कहने की कोई बात नही, बस वीडियो ही काफी है।कहा गया कि हमारा प्रोटोकॉल है हम अन्य संगठनों के साथ मंच माइक साझा नही करेंगे, जी हाँ डर समवर्ती कर्मचारी संघ से है, टिकैत व एक अन्य कर्मचारी नेता से नही,,क्योकि हड़ताल में उनके लोग तो थे ही नही।फेडरेशन की लड़ाई सिर्फ व सिर्फ अन्य संगठनों से है क्योकि उनको चुभता है कि आज भी सभी सहायक शिक्षक छत्तीसगढ़ में उनके साथ नही है। वेतन की मांग आंदोलन के बाद सभी सहायक शिक्षक कर रहे है उनको उस मुद्दे से भटकाने व पदोन्नति से सहायक शिक्षकों का झुकाव CGTA की तरफ होने से बौखलाहट में कुछ भी बयान बाजी जहर उगलने का काम कर रहे है।

आपने हजारो सहायक शिक्षको को आंदोलन में झोंक दिया, सहायक शिक्षक आर्थिक परेशानी से भी जूझ रहे है, उनको विगत 1 महीने से पेमेंट नहीं मिला है और अब तक आंदोलन से हासिल कुछ भी नहीं हुआ है, कभी इस पर भी बयान दीजिए।सरकार ने उन मांगों पर विचार किया जिसको एसोसिएशन ने लिखकर दिया,,पदोन्नति,,,आगे क्रमोन्नति भी होगा। जमीनी स्तर के सहायक शिक्षक भी इस बात को समझ रहे हैं, अपने संगठन में फूट पड़ने के डर से भी एसोसिएशन पर अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं।

कुछ लोग छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा के लिए अपशब्द इसीलिए कर रहे हैं कि क्योकि संजय शर्मा ने पदोन्नति के लिए पहल किया और सरकार को सुझाव भी दिया,,और पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो भी गई।लोग बोल रहे है हमने पदोन्नति को नकार दिया था,,तो अब रोक कर दिख भी दें अपने पात्र पदाधिकारियो को पदोन्नति लेने से।

पदोन्नति और क्रमोन्नति के द्वारा ही 9300 – 4200 ग्रेड पे संभव है,,12 हजार हर महीने बढ़ाने के सपने केवल दिन में तारे दिखाने जैसा ही है।पदोन्नति तो शिक्षक व सहायक शिक्षक दोनो का हो रहा है, कुछ लोग सहायक शिक्षक को जेब की वस्तु समझ रहे है,,और पदोन्नति होने से आहत है।

प्रदेश भर में पदोन्नति कुछ लोगो को नागवार गुजर रहा है, हजारों लोगों की भीड़ लगी, आंदोलन किया और इसी आंदोलन के मंच में हमेशा संपूर्ण सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति की बात किए और प्रमोशन का बहिष्कार किये लेकिन आज वही लोग प्रमोशन का फायदा ले रहे हैं जो कहते थे पदोन्नति से हमको फायदा नही, जो कहते थे संगठन को तोड़ने का सरकारी प्रयास है, आज वही लोग दिन रात वरिष्ठता सूची में नाम खोज रहे है।

वेतन विसंगति का 12 हजार का लाभ दिलवा दीजिए,,लोग पदोन्नति नही लेंगे,,लेकिन अब आप वेतन विसंगति दूर करने की मांग नही करेंगे,,क्योकि जमीन ही गायब है,,अब तक सब समझ चुके है, सब यह भी समझ चुके है कि अब सहायक शिक्षक के वेतन विसंगति का ऐसा छद्म आंदोलन नही होगा। हाल यह है कि हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हे भी ले डूबेंगे,,अब सहायक शिक्षक इन्हें बेवफा नजर आ रहे, क्योकि वे वेतन विसंगति दूर कैसे होगा, पूछ बैठते है।

घर मे बैठकर ही पदोन्नति की त्रुटियों को बताया जा रहा है, क्योकि मंत्रालय, सचिवालय पर सीधे प्रवेश में रोक है, जिन्हें शिक्षको के लाभ मालूम नही वे अवगत भी क्या कराएंगे, वर्क फ्रॉम होम को क्या समझेंगे? सहायक शिक्षकों में जोश भरने के लिए इनका सॉफ्ट टारगेट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा जी रहते है,,क्योकि कुछ करके बताने का हो तो ही बताएँगे,,अन्यथा कुछ नही कर पाए तो संजय शर्मा के नाम से अपनी बाजार लगाएंगे।

एसोसिएशन निष्पक्ष रहते हुए आखिरी वक्त तक अपने समर्थन पर टिके रहे, और अब भी चाहते है कि मुख्यमंत्री ने क्या घोषणा किया,? या क्या बात की? जिससे हड़ताल खत्म हो गया,,सहायक शिक्षको को सार्वजनिक हो,,शायद अंदर की बात है। इसके बाद भी हमे वे लोग अपशब्द में संबोधित करेंगे और फिर बोलेंगे,,जो सपने भी जागते में दिखाते है।

वेतन विसंगति की मांग को लेकर बना एक भीड़, आज CGTA की पदोन्नति में आकर लटक गई….मुख्यमंत्री ने तो हमेशा आश्वासन दिया है फिर आंदोलन खत्म करने की देर शाम ऐसा क्या आश्वासन मिल गया की आंदोलन खत्म कर दिया गया….जबकि इस आंदोलन में एक भी शिक्षक न निलंबित हुआ न बर्खास्त हुआ न जेल भेजा गया तो किस डर में आंदोलन समाप्त हुआ,,पहले के आंदोलन पर नजर डाले तो हमेशा प्रांतीय पदाधिकारी पर पहले गाज गिरती थी हजारों शिक्षक निलंबित बर्खास्त होते थे फिर भी 38 दिनों तक आंदोलन करते थे CGTA जानता है सामुहिक एकता का महत्त्व, प्रदेश में इसके पहले भी कई संगठन बने लेकिन आपस मे नही लड़े, आपस मे वर्गभेद का जहर नही उगला, यह सब बहुत दुःखद है, पर अनैतिक शिक्षक से उम्मीद भी क्या,?

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