कब है माघ पूर्णिमा? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हिंदू धर्म में माघ माह पूर्णिमा व्रत अधिक शुभ माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा और व्रत किया जाता है। इस बार माघ माह में पूर्णिमा 24 फरवरी को है। इस खास अवसर पर गंगा स्नान और दान करने का भी विशेष महत्व है। ऐसा करने से घर में सुख- समृद्धि का आगमन होता है और साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिना के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप करते हुए काले तिल से हवन करें. मान्यता है इससे नौकरी में आ रही समस्याओं का अंत होता है। उन्नति का वरदान मिलता है। वहीं अगर दान की बात करें तो माघ पूर्णिमा पर काले तिल का दान करें, काले तिल को जल में डालकर स्नान करें। काले तिल से श्रीहरि का अभिषेक करें। शास्त्रों के अनुसार ये उपाय पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है, इसके अलावा शनि को प्रसन्न करने के लिए भी ये कार्य लाभकारी है
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वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल माघ पूर्णिमा 23 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी और 24 फरवरी को शाम 4 बजकर 52 मिनट पर इसका समापन होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा का व्रत 24 फरवरी 2024, शनिवार को रखा जाएगा। इस दिन सूर्योदय से पहले गंगा में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
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माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किए जाते हैं।
भगवान विष्णु का पूजन पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए।
माघ पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, कुआं या बावड़ी स्नान करना चाहिए।
स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
व्रत का संकल्प लेकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए।
गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा जरुर देनी चाहिए।
इस दिन सफेद और काले तिल का विशेष रूप से दान देना चाहिए।
माघ मास में काले तिल में हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।