कौन कर रहा है संस्कार की बात जिसके अध्यक्ष रेप के आरोपी, कार्यालय में बैठकर शराब पीने के दोषी, चंदा वसूली, फर्जीवाड़ा के शिकायत दर्ज… टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी कई गलत कार्यों में लिप्त, अब होगी सारे मामलों की शिकायत
रायपुर 16 जनवरी 2022। सहायक शिक्षक फेडरेशन और टीचर्स एसोसिएशन के बीच छिड़ा घमासान फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। वार-पलटवार का दौर पूरे चरम पर है। नाम लेते हुए फेडरेशन लगातार संजय शर्मा पर हमले बोल रहा है, तो वहीं संजय शर्मा भी पलटवार करने का कोई मौका नहीं चूक रहा है। फेडरेशन ने एक बार फिर से संजय शर्मा का नाम लिये बगैर निशाना साधा है। फेडरेशन ने कहा है कि प्रदेश के शिक्षकों को अपनी जागीर समझने वाले और हमेशा आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेलने वाले छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के बाबाजी नैतिकता का पाठ पढ़ाने चले हैं जिनके पूरे चेहरे पर उनके और उनके संगठन के पदाधिकारियों के काले कारनामों से कालिख पुती हुई है ।
क्या प्रदेश के शिक्षकों ने वह वीडियो नहीं देखी है जिसमें उनके मगरलोड के ब्लॉक अध्यक्ष नरेश साहू महिला शिक्षिका के साथ नग्न स्थिति में थे क्या उस मामले में एफआईआर दर्ज होकर नरेश साहू जेल नहीं गए, क्या महिला ने उनके खिलाफ एफआईआर का मामला दर्ज नहीं कराया था और उसके बाद आनन-फानन में उनसे संगठन ने त्यागपत्र लिया था अगर यह झूठ है तो प्रदेश अध्यक्ष मानहानि का दावा ठोक दे हम इसे प्रमाणित कर देंगे वीडियो के साथ….. क्या यह झूठ है की इनके कोंडागांव के एक पदाधिकारी पर स्कूल शिक्षा विभाग के दफ्तर में बैठकर शराब पीने का आरोप है जिसके लिए बकायदा स्कूल शिक्षा विभाग कार्यालय की तरफ से पत्र भी जारी हुआ था अगर ऐसा नहीं हुआ है तो संजय शर्मा इसके लिए श्वेत पत्र जारी कर दें ।
क्या यह झूठ है कि मुंगेली के इनके 1 बड़े पदाधिकारी जो कि सहायक शिक्षक हैं संविलियन पूर्व तक क्रमोन्नति वेतनमान लेते रहे लेकिन कभी भी अपने साथियों को न तो इसका रास्ता बताया न कभी स्वयं प्रदेश अध्यक्ष ने सहायक शिक्षकों को यह बताया कि जैसे उनके पदाधिकारी को क्रमोन्नति वेतनमान मिल रहा है वैसे ही प्रदेश के अन्य सहायक शिक्षकों को भी क्रमोन्नति वेतनमान मिल सकता है , अगर ऐसा नहीं हुआ है तो प्रेस विज्ञप्ति जारी करके वह इसे झूठला दे, छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन दस्तावेजों के साथ इस बात को प्रमाणित कर देगा। क्या यह झूठ है की बरसों तक शिक्षकों से जो सदस्यता शुल्क वसूली गई उसे निजी खाते में रखा गया और संगठन ने पंजीयन कार्यालय के बायलॉज का उल्लंघन करते हुए संगठन का खाता ही नहीं खुलवाया था और जब आपसी लड़ाई हुई तो इसका भी सोशल मीडिया में खुलासा हुआ और इन्हीं के एक बड़े पदाधिकारी में उन्हें पंजीयन कार्यालय में घसीटने की धमकी दी और काफी मान मनौवल के बाद यह मामला दबा।
आज भी सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी प्रमाणित और सार्वजनिक की जा सकती है । सहायक शिक्षक फेडरेशन किसी पर निजी हमला नहीं करना चाहता लेकिन एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने सहायक शिक्षक फेडरेशन के आंदोलन के दौरान सारी सीमाएं लांघ दी है । फेडरेशन के सदस्य प्रदेश के कोने-कोने में फैले हैं और एसोसिएशन के काले कारनामों की 1-1 जानकारी उनके पास है इसके बावजूद हमने कभी किसी अन्य संगठन या किसी अन्य पदाधिकारी को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं की लेकिन जब उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली स्थिति बन ही गई है तो अब आने वाले दिनों में इन सारे मामलों को प्रमाणिक दस्तावेजों के साथ परत दर परत खोला जाएगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष की हैं ।
उन्होंने यह कृत्य करके पूरे आम सहायक शिक्षकों की भावनाओं के साथ खेला है और अब जशपुर से लेकर बस्तर तक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जो खेल खेला है उसके खुलासे के लिए तैयार रहें , अब विभाग द्वारा पूरे मामले की जांच होगी और परत दर परत खुलासा होगा कि कैसे विभाग को फर्जी दस्तावेजों के सहारे गुमराह किया गया और दूसरों का हक छीन कर अपने परिजनों को लाभ दिलाया गया…..सत्यमेव जयते ।