शिक्षक/कर्मचारी

DEO की क्यों हुई छुट्टी ? एक स्कूल में एक से अधिक का पदांकन, प्रमोशन में संवर्ग में भी गड़बड़िया..तीन सदस्यीय कमेटी ने कई…

रायपुर 1 मई 2023। प्रदेश में प्रमोशन में बड़े पैमाने पर धांधली की शिकायत हुई है। फिर चाहे बात जिलास्तरीय प्रमोशन की बात हो या फिर संभाग स्तरीय प्रमोशन की। प्रमोशन-पोस्टिंग को लेकर ज्यादा शिकायत प्राथमिक शाला प्रधान पाठक में हुई है। इस शिकायत के बीच कोंडगांव के जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल की छुट्टी हो गयी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक कोंडागांव के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल की कई शिकायतें विभाग को मिली थी, जिसके बाद जांच के आदेश दिया गया था। जांच की रिपोर्ट में कई बड़ी अनियमितता सामने आयी है। एक ही स्कूल में जहां दो-दो, तीन-तीन प्रधान पाठक को पोस्टिंग कर दी गयी, तो कहीं ई संवर्ग के शिक्षकों का टी संवर्ग में और कहीं टी संवर्ग के शिक्षकों ई संवर्ग में प्रमोशन कर दिया गया।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक सहायक शिक्षक से प्राइमरी स्कूल प्रधान पाठक एक प्रमोशन का ऐसा मामला था, जहां एक ही स्कूल में 3-3 प्रधान पाठक की पोस्टिंग कर दी गयी थी। वहीं वहीं 40-50 स्कूल ऐसे थे, जहां एक ही पद के लिए दो-दो प्रधान पाठक को पदोन्नति दे दी गयी थी। इसके लिए 10 से ज्यादा ऐसे भी प्रकरण थे, जिसमें टी संवर्ग से ई संवर्ग में पदोन्नति दे दी गयी थी, जबकि उसी तरह से ई संवर्ग से भी कई सहायक शिक्षकों की टी संवर्ग में भी पदोन्नति हो गयी थी।

जानकारी के मुताबिक शिक्षक प्रमोशन में हुई शिकायत को लेकर कलेक्टर दीपक सोनी ने भी संज्ञान लिया था। विभागीय स्तर पर भेजी गयी शिकायत के आधार पर तीन सदस्यीय एक कमेटी बनायी गयी थी। इस मामले में कमेटी ने जांच की और अपनी जांच रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपी। स्कूल शिक्षा विभाग ने जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए अशोक पटेल प्रभारी जिला शिक्षा अघिकारी को कोंडागांव डीईओ के पद से हटा दिया। राज्य सरकार ने उन्हें बस्तर जेडी कार्यालय में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ किया है।

अपुष्ट खबरें ये भी है कि प्रमोशन में काफी राजनीतिक दवाब तो था ही पैसे के लेनदेन की भी शिकायत थी। दरअसल कोंडागांव के शिक्षक प्रमोशन में दो विधायकों के तरफ भी खूब सिफारिश आयी थी। इसके अलावे डीईओ कार्यालय के निचले स्तर के कर्मचारियों ने भी खूब वारे-न्यारे किये थे। केशकाल, कोंडगांव और नारायणपुर का विधानसभा क्षेत्र भी कोंडगांव में आता है। गड़बड़ियों की एक बड़ी वजह ये भी कही जा रही है कि सिफारिशों के भी वजह से एक-एक पद पर कई-कई शिक्षकों की पदोन्नति दे दी गयी। इन गड़बड़ियों की वजह से कई पात्र लोग अपने अधिकार से वंचित रह गये।

मधुलिका तिवारी होंगी नयी DEO

राज्य सरकार ने कोंडगांव के DEO के पद से अशोक पटेल को हटाते ही नये डीईओ की पोस्टिंग कर दी है। राज्य सरकार ने जशपुर की प्रभारी डीईओ मधुलिका तिवारी को कोंडगांव का प्रभारी डीईओ बनाया है।

BEO का निलंबन रद्द, BEO पर थे गंभीर आरोप

सांरगढ BEO रेशमलाल कोशले का निलंबन राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है। रेशम लाल कोशले का निलंबन बहाल करते हुए राज्य सरकार ने सारंगढ़ का नया विकासखंड शिक्षा अधिकारी बनाया है। हालांकि बगीचा बीईओ रहते उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच होती रहेगी। इसे लेकर राज्य सरकार ने SCERT के अपर संचालक योगेश शिवहरे को जांचकर्ता अधिकारी बनाया है। वहीं बगीचा के बीईओ को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गाय है।

आपको बता दें कि बगीचा के बीईओ रहते रेशम लाल कोशले पर आरोप लगे थे, जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें 9 दिसंबर 2022 को निलंबित कर दिया था और सरगुजा के जेडी कार्यालय में अटैच किया था। इस मामले में 28 फरवरी को बीईओ के खिलाफ विभागीय जांच केलिए पत्र जारी किया गया था। लेकिन, आज राज्य सरकार ने उनका निलंबन बहाल करने का आदेश दिया है। विभाग ने निर्देश दिया है कि बीईओ के निलंबन अवधि के बारे में विभागीय जांच के बाद निर्णय लिया जायेगा।

बीईओ पर क्या लगा था आरोप

जशपुर जिले में शिक्षा गुणवत्ता को सुधारने के लिए शासन ने कुछ नए संकुल केन्द्र बनाने का निर्णय लिया जिसके तहत बगीचा ब्लॉक में शासन के आदेश के बाद 25 नए संकुल बनाए जाने थे. (संकुल कई स्कूलों के समूह को कहा जाता है) जिसके इसटेबलिसमेंट खर्च के लिए शासन द्वारा बीईओ और संकुल कार्डिनेटर के संयुक्त खाते में 40-40 हजार की राशि भेजी गई थी लेकिन बीईओ, बीआरसी और एकाउंटेंट ने संकुल के कार्डिनेटर पर दबाव बनाकर ये राशि निकलवा ली और बिना इसटेबलिसमेंट किए 21 संकुलों की 8 लाख 40 हजार रुपए हजम कर ली. इसके बाद इस मामले में अपने आप को फंसता देख कुछ संकुल कार्डिनेटरों ने इसकी शिकायत संयुक्त संचालक शिक्षा से की थी.

बीईओ समेत तीन लोगों पर हुई थी

संयुक्त संचालक ने इस शिकायत की जांच के लिए एक टीम बनाई जिस टीम ने जांच कर संयुक्त संचालक को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. जांच में यह पाया गया कि ब्लॉक के 25 संकुलों के लिए शासन द्वारा 40-40 हजार रुपए की राशि इसटेबलिसमेंट के लिए भेजी गई थी. उनमें से 21 संकुल केन्द्रों की 8 लाख 40 हजार की राशि बिना इसटेबलिसमेंट के बीईओ द्वारा निकाल ली गई जिसमें ब्लॉक एजुकेशन आफिसर (BEO) रेशम लाल कोसले के साथ बीआरसी श्री राठौर और अकाउंटेंट शैलेष कुमार अम्बष्ठ दोषी पाए गए हैं. इसके अलावा जांच अधिकारियों ने अकाउंटेंट शैलेष कुमार को इस मामले में 13 हजार रुपए की रिश्वत लेने का दोषी पाया है.

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