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पुरानी पेंशन योजना बहाली के पहले सचिव को आखिर वर्ग भेद वाला ज्ञापन जारी हुआ क्यों…… छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के द्वारा भेजे गए पत्र को लेकर मंशा पर फिर उठे सवाल , क्या जानबूझकर फिर की जा रही साजिश ???

प्रदेश में लगभग 2 लाख 95 हजार शासकीय कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की सौगात मिली है और मंच से अलग-अलग कर्मचारी संगठनों ने इसके लिए शासन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जमकर आभार भी जताया है । इस सामूहिक परिणाम का ही प्रयास है कि आज पेंशन बहाली किस तरीके से हो इसके लिए एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है लेकिन इसके ठीक पहले छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा द्वारा वित्त विभाग के सचिव को भेजे गए पत्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है दरअसल जहां सारे संगठन एक सुर में पूर्व सेवा अवधि की गणना को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं और सरल तरीके से यह मांग कर रहे हैं की जो भी शिक्षक जिस तारीख से नियुक्त हुए हैं उसी तारीख से उनके सेवा की गणना करते हुए उन्हें पेंशन का लाभ दिया जाए वही संजय शर्मा ने अपने पत्र में इसमें वर्ग भेद कर दिया है उन्होंने लिखा है कि 1/11/ 2004 के पूर्व नियुक्त (जिस समय 1976 का पेंशन नियम प्रचलित था) शिक्षाकर्मियों को उनके प्रथम नियुक्ति तिथि से अहर्तादायी सेवा की गणना पेंशन के लिए किया जाए तथा 1/11/2004 से 31/03/ 2012 तक नियुक्त शिक्षकों की एनपीएस कटौती नहीं की गई है उपरोक्त अवधि में नियुक्त शिक्षक संवर्ग को भी प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना पुरानी पेंशन के लिए की जाए ।

वहीं 2012 के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए उनकी तरफ से कोई लाइन नहीं लिखा गया है यानी खुद को सभी शिक्षकों का नेता बताने वाले संजय शर्मा की नजर में 2012 के बाद नियुक्त हुए शिक्षक आए ही नहीं।

सोशल मीडिया में इसे ही लेकर अब शिक्षक कह रहे हैं कि हमेशा वर्ग भेद की राजनीति करने वाले नेता ने एक बार फिर बड़ा खेल खेलने की कोशिश की है क्योंकि बाकी संगठन जहां सभी की पूर्व सेवा गणना की मांग कर रहे हैं वही यह जानबूझकर प्रस्ताव दिया जा रहा है कि यदि दिक्कत हो तो केवल 1998 से 2004 के बीच के शिक्षकों को भी
काउंट किया जा सकता है ऐसा इसलिए क्योंकि संजय शर्मा समेत उनके तमाम बड़े पदाधिकारी की नियुक्ति इसी समय हुई है । हालांकि वास्तव में यह समझ से परे है कि जब हर मंच से समस्त शिक्षकों के पूर्व सेवा गणना की मांग की गई है तो फिर सचिव को जानबूझकर इस प्रकार का उलझाने वाला पत्र क्यों भेजा गया है और इसके पीछे की नियत क्या है ।

इधर इस पत्र के जारी होते ही छत्तीसगढ़ शिक्षक संवर्ग/ पंचायत सचिव मंच जिसे 12 संगठनों ने एक राय होकर तैयार किया है और जिनके द्वारा इनडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री का सम्मान समारोह किया गया उनके द्वारा भी मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र को फिर से वायरल किया गया है साथ ही यह पत्र तमाम अधिकारियों को भी भेज दिया गया है जिसमे एक सुर से 1996 से 2016 के बीच अलग-अलग प्रकार से नियुक्त हुए समस्त शिक्षा कर्मियों के लिए पूर्व सेवा अवधि की गणना करते हुए सभी के लिए उनकी सेवा की अवधि की गणना करते हुए पुरानी पेंशन की मांग की गई है ।

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