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2000 के नोट छापने में 1600-1700 करोड़ हुए खर्च… बोले थे कालाधन खत्म होगा, नोट का ही अस्तित्व खत्म कर दिया, CM भूपेश बोले- इसे ही कहते हैं थूक कर चाटना

रायपुर 21 मई 2023। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाला फैसला लिया. उसने अचानक 2,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला ले लिया। RBI के फैसले के बाद तरह तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। आरबीआई ने कहा है कि लोग 23 मई से लेकर 30 सितंबर तक 2 हजार रुपये के नोटों को खातों में जमा कराएं या बैंकों में जाकर बदल लें। इधर इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी बड़ा बयान सामने आया है। सीएम बघेल ने इस फैसले पर तंज कसते हुए कहा कि थूककर चाटना इसे ही कहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटों के छापने में 1700-1800 करोड़ रुपये खर्च हुए। जब वापस ही लेना था तो इतना खर्च कर छापे क्यों । बोले थे काला धन खत्म होगा, नोट का ही अस्तित्व खत्म कर दिया।

सीएम ने कहा कि आरबीआई से हम पूछते हैं कि आखिर 2000 के नोट क्यों बंद किए गए, आप अपने ही फैसले को 7 साल बाद बदल देते हैं। साल 2016 में लागू किए और 2023 में बंद कर रहे हैं। जब 2000 के नोट बंद करने ही थे, तब करोड़ों खर्च कर छापे क्यों गए।सीएम ने कहा कि जब 2000 का नोट अस्तित्व में आया, तब कहा गया कि इसमें नैनो चिप लगे हुए हैं और ये बताया गया कि काला धन खत्म करने के लिए इसे लाया गया है। काला धन तो खत्म नहीं हुआ, उल्टे नोट का अस्तित्व ही समाप्त हो गया। सीएम ने कहा कि पता नहीं इसे लाया ही क्यों गया था।

RBI ने जो सर्कुलर जारी किया है, उसके मुताबिक बैंकों के अलावा लोग आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों में भी 2 हजार रुपये के नोट बदल सकते हैं. इसके अलावा लोग केवाईसी और अन्य जरूरी मानदंडों के बाद बैंक खातों में भी ये नोट बिना किसी रुकावट के जमा करा सकेंगे. हालांकि आदेश में यह नहीं स्पष्ट किया गया है कि वह कितने रुपये अपने खाते में जमा कर सकेगा. वहीं खाताधारक बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट के जरिए हर दिन 4,000 रुपये तक दो हजार के नोट एक्सचेंज कर सकेंगे.

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