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4 प्रधान पाठक बर्खास्त: फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई, 6 शिक्षकों की मिली थी शिकायत

सुकमा 4 सितंबर 2023। फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले 4 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। चारो शिक्षक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए फर्जी आदिवासी बनकर सालों से नौकरी कर रहे थे। दरअसल आदिवासी समाज ने विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी कर रहे करीब 36 लोगों की नामजद शिकायत कलेक्टर के पास की थी। 7 महीने तक लंबी जांच चलने के बाद फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। 6 शिक्षकों में 4 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं एक शिक्षक रिटायर और एक की नियुक्ति बीजापुर जिले से हुई थी इसलिए बीजापुर जिला प्रशासन को जांच के लिए भेजा गया है।

आरोप है कि कई शिक्षकों ने मां की वंशावली का उपयोग करके फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया था। जांच करने के बाद जिला कलेक्टर ने शिक्षकों पर कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में प्रधान पाठक पीएस पटेलपारा फंदीगुड़ा सलवम गीता, प्रधान पाठक पीएस धाड़ाभाटा वरलक्ष्मी नाग प्रधान पाठक बालक आश्रम इंजरम सलवम गिरीश, और प्रधान पाठक पीएस मिलमपल्ली ओसिक ठाकुर को बरखास्त किया गया है।

जानकारी के मुताबिक 1980 से 2012-13 के बीच तहसीलदार की ओर से जारी अस्थाई जाति प्रमाणपत्र के आधार पर इन्हें नियुक्तियां दे दी गई। यह सिर्फ 6 माह के लिए वैध होता है। बाद में आवेदक को स्थाई जाति प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य है। इसी समय अविभाजित बस्तर और दंतेवाड़ा जिले में निकली सरकारी नौकरियों में सुकमा जिले के कई लोगों ने आवेदन दिया था. कई लोगों ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी प्राप्त कर ली। साथ ही इन्हें आदिवासी बनकर अन्य शासन की योजनाओं का लाभ भी उठा रहे थे। इसी आधार पर ये कार्रवाई की गयी है।

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