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सावन के आखिरी सोमवार पर बन रहा खास संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र…..

रायपुर 07 अगस्त 2022 : भगवान शिव को समर्पित सावन का माह चल रहा है। इस खास मौके पर शिवभक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के विभिन्न उपाय अपना रहे हैं। वहीं सावन में पड़ने वाले हर एक सोमवार का अपना एक महत्व है। सावन माह 14 जुलाई को शुरू हुआ था जो 12 अगस्त को पूर्णिमा के साथ समाप्त हो जाएगा। वहीं सावन का चौथा यानी आखिरी सोमवार 8 अगस्त को पड़ रहा है। माना जाता है कि सावन सोमवार के दिन भोलेनाथ की आराधना करने के साथ व्रत रखने से सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और सुख-शांति, धन-धान्य की बढ़ोत्तरी होती है। इस बार सावन का आखिरी सोमवार के साथ पुत्रदा एकादशी भी पड़ रही है। ऐसे में इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ गया है। जानिए सावन के आखिरी सोमवार का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

सावन को चौथे और आखिरी सोमवार पर एकादशी और रवि योग का संजोय बन रहा है। इस दिन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पवित्रा एकादशी भी है। सावन पवित्रा एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना से समस्त पाप खत्म हो जाते हैं। वहीं रवि योग में शिव-विष्णु की पूजा बहुत लाभकारी मानी जाती है। रवि योग इतना प्रभावशाली होता है कि इसमें देवी-देवताओं की आराधना से समृद्धि में वृद्धि होती है। शुभ कार्य सफल हो जाते हैं।

शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त – 04.29 AM – 05.12 AM
अभिजित मुहूर्त – 12.06 PM – 12.59 PM

गोधूलि मुहूर्त – 06.57 PM – 07.21 PM

रवि योग- 8 अगस्त को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 37 मिनट तक रहेगा
इन्द्र योग – 7 अगस्त सुबह 10 बजकर 2 मिनट से 8 अगस्त सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक
वैधृति -8 अगस्त सुबह 06 बजकर 55 मिनट तक से 9 अगस्त सुबह 03 बजकर 24 मिनट तक

सावन सोमवार 2022 पूजा करने की विधि
सावन के चौथे सोमवार पर सूर्योदय से पूर्व स्ना कर लें और सर्व प्रथम सूर्य को अर्घ्य दें, रवि योग में सूर्य को अर्घ्य देने पर गंभीर रोग खत्म हो जाते हैं।
पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कर व्रत का संकल्प लें और प्रथम पूजनीय गणेश जी, मां पार्वती और भगवान शंकर का आवहान करें।
अब शिवलिंग का जाभिषेक करें. सावन सोमवार के दिन पार्थिव शिवलिंग बनाकर रुद्राभिषेक करना बहुत फलदायी होता है।
शिव जी का पंचाक्षर मंत्र ऊं शिवायै’ नमः का जाप करते हुए भोलेनाथ संग मां पार्वती का षोडशोपचार पूजन करें. दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत, रोली, मौली, अक्षत, बेलपत्र, धतूर, शमी, भांग, भस्म, भौडल, चंदन, रुद्राक्ष, आंक के पुष्प आदि अर्पित करें।
पति-पत्नी संग मिलकर भोलेनाथ की पूजा करें और शिव चालीसा का पाठ करें. मान्यता है इससे वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. अब धूप, अगरबत्ती, फल, मिठाई का भोग लगाएं और आरती करें।

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