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नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 2 जवान शहीद ,तीन दिन पहले ही बने थे एक जवान पिता

झारखंड 15 अगस्त 2023 एक ओर पूरा देश आजादी आजादी की 77वीं वर्षगांठ मना रही है. वहीं दूसरी और देश में अमन और सुरक्षा के लिए दो जवानों के शहीद होने की खबर आ रही है. झारखंड के चाईबासा जिले में देर रात पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के दो जांबाज शहीद हो गए हैं.

जानकारी के अनुसार मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई इस मुठभेड़ में सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार शहीद हो गए हैं. शहीद अमित तिवारी 2012 बैच के सब इंपेक्टर थे. वह पलामू के रहने वाले थे.

चाईबासा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड जगुआर की एक टीम नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन कर वापस लौट रही थी. इसी दौरान घात लगाकर नक्सलियों ने टीम के ऊपर बर्स्ट फायरिंग कर दी. इस फायरिंग में इंस्पेक्टर अमित तिवारी और गौतम कुमार को गोली लग गई. नक्सलियों का हमला इतना घातक था कि दोनों मौके पर ही शहीद हो गए. पुलिस ने जवाबी फायरिंग शुरू की तब नक्सली जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए.


नक्सलियों के हमले मव शहीद हुए इंस्पेक्टर अमित तिवारी पलामू के रहने वाले थे। 3 दिन पूर्व ही उनके बेटे का जन्म हुआ था. अभियान खत्म कर अमित तिवारी घर लौटने वाले थे, ताकि अपने बेटे को देख सकें।लेकिन नक्सलियों के द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में वह शहीद हो गए।अमित तिवारी के परिवार का अधिकांश सदस्य पुलिस विभाग में ही कार्यरत है। वहीं सूचना मिल रही है कि शहीद हुए हवलदार गौतम कुमार को भी अपने पिता के मौत के बाद अनुकंपा पर नौकरी मिली थी।

मिली जानकारी के अनुसार, टोंटो थाना क्षेत्र के तुम्बाहाका से लेकर सरजमबुरु तक रास्ता क्लियर करने के लिए सीआरपीएफ और झारखण्ड जगुवार की टीमों की तैनाती इलाके में की गई है।सोमवार को यह टीम में रास्ता क्लियर करने का काम कर रही थी। इसी क्रम में रात करीब 7 बजे पहले से घात लगाकर बैठे एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इससे वहां अफरा-तफरी मच गई।

गोलीबारी के बाद जवान अपने आप को बचाने के लिए जंगलों की आड़ में छुप गए। कुछ जवानों ने भी अपनी पोजीशन लेते हुए जवाबी फायरिंग की। करीब एक घंटे चली मुठभेड़ के बाद नक्सली मौके से भाग निकले।

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