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हवाई हमला : “ड्रोन-हेलीकॉप्टर से निशाना बनाकर हो रही बमबारी” नक्सलियों ने जारी किया प्रेस नोट, लिखा.. डर की वजह से ..

रायपुर 11 जनवरी 2023। छत्तीसगढ़ तेलंगाना बोर्डर पर नक्सलियों पर हमले को लेकर माओवादियों ने प्रेस नोट जारी किया है। माओवादी सचिव गंगा की तरफ से जारी नोट में कहा गया है कि बुधवार को जवानों ने बस्तर के पामेड़, किस्टारम सरहदी इलाके के मड़कनगुड़ा मेट्टागुड़ा बोट्टेतोंग, साकिलेर, मडड़पादुलेड़, कन्नेमरका, पोट्टेमंगुम, बोत्तलंका, रासापल्ली और एर्रापाड़ में जंगल और पहाड़ को निशाना बनाकर ड्रोन व हेलीकाप्टर से बमबारी की गयी। नक्सलियों ने कहा कि पिछले साल भी इसी तरह से हमला किया गया था।

हालांकि जवानों की तरफ से किये गये ऐसे हमले को लेकर पुलिस ने इनकार किया है। हालांकि बुधवार को ये खबरे कुछ मीडिया में आयी थी कि हेलीकाप्टर पर नक्सलियों ने फायरिंग की है, इस हमले में पायलट को भी गोली लगी है, वहीं छह जवान को भी गोली लगने की जानकारी आयी थी, लेकिन इस घटना की पुलिस और CRPF दोनों ने खंडन किया थ । CRPF ने लिखित बयान जारी कर रहा है कि हेलीकाप्टर से उतरे कोबरा बटालियन के जवानों के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ के बाद नक्सली मौके से फरार हो गये। सीआरपीएफ ने अपने बयान में दावा किया है कि किसी भी जवान को कोई नुकसान नहीं हुआ है। आपको बता दें कि इससे पहले बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने भी इसी तरह के हेलीकाप्टर पर हमला और जवानों के घायल होने की खबर का खंडन किया था।

CRPF का मीडिया को जारी बयान पढ़िये

विभिन्न सोशल मीडिया द्वारा यह सूचना प्रचारित किया जा रहा है कि सुरक्षा बलों द्वारा दिनांक 11/01/2023 को बीजापुर सुकमा तेलंगाना सीमा पर हेलीकाप्टर इत्यादि द्वारा नक्सलियों पर हमला किया गया है।बीजापुर सुकमा तेलंगाना सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के विरुद्ध लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में दिनांक 11/01/2023 को सी.आर.पी.एफ की कोबरा बटालियन की टुकडी हेलीकाप्टर द्वारा फारवर्ड आपरेटिंग बेस भेजी जा रही थी। इस पार्टी के हेलीकाप्टर से उतरते वक्त कोबरा और नक्सलियों के बीच फायरिंग हुई और नक्सली भागने पर मजबूर हो गये। कोबरा बटालियन की टुकडी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। नक्सलियों के नुकसान की सूचना प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है। क्षेत्र में सर्व अभियान जारी है।सी.आर.पी.एफ. की कोबरा बटालियन एक विशेष फोर्स है, जिसे राष्ट्रविरोधी दलों से निपटने की सीख हासिल है और नक्सलियों से निपटने मे पूर्णतः निपूर्ण है।सरकार द्वारा की जा रही विकास सम्बंधी गतिविधियों के कारण स्थानीय आबादी का समर्थन माओवादी तेजी से खोते जा रहे है।

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