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BEO हटाये गये: व्याख्याता नहीं रखते BEO बनने की योग्यता, कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने की कार्रवाई, ABEO ने दायर की थी याचिका

रायपुर 24 जुलाई 2023। कसडोल BEO को राज्य सरकार ने हटा दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद ये कार्रवाई की गयी है। दरअसल 30 सितंबर को व्याख्याता राधेलाल जायसवाल का तबादला कसडोल का प्रभारी BEO बनाया गया था। इस आदेश के खिलाफ कसडोल के ABEO रामाकांत देवांगन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें स्थानांतरण नीति के उल्लंघन का उल्लेख किया गया। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिसंबर महीने में ही आदेश जारी कर

 इस मामले में कोर्ट ने 2दिसंबर 2022 को आदेश पारित किया था। कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर राधेलाल जायवाल को प्रभारी बीईओ के पद से हटा दिया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक पदोन्नति नियम 2019 के मुताबिक विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद पर सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी या 5 साल का अनुभव ऱखने वाले प्राचार्यों को पदोन्नत किया जा सकता है। ऐसे में व्याख्याता से प्रभारी BEO बनाये गये राधेलाल जायसवाल बीईओ की अनिवार्य योग्यता नहीं रखते हैं।

लिहाजा राज्य सरकार ने रामाकांत देवांगन सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी का आवेदन स्वीकार करते हुए उन्हें कसडोल में यथावत रखा है। वहीं राधेलाल जायसवाल व्याख्याता का प्रभारी बीईओ के पद पर किया गया स्थानांतरण रद्द कर दिया है। राधेलाल जायसवाल को डीईओ कार्यालय बलौदाबाजार भाटापारा में अटैच किया गाय है।

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