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CG- कलेक्टर की दो टूक: सरकारी और सार्वजनिक उपक्रम के हॉस्पिटल को रेफरल सेंटर ना बनाये,विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवा अब PHC में भी देनी होगी…. कलेक्टर का ये निर्णय गरीबों के लिए बनेगा वरदान

कोरबा 26 जुलाई 2022। कोरबा जिला में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बड़ा फैसला लिया हैं। कलेक्टर ने सार्वजनिक उपक्रमों के मेडिकल आफिसरो की बैठक लेकर दो टूक शब्दों में ये साफ कर दिया हैं कि उनके हॉस्पिटल रेफरल सेंटर की तरह काम ना करे ! विशेषज्ञ डॉक्टरों की पोस्टिंग और बेहतर संसाधन होने के बाद भी यदि मरीजों को रेफर किया जाता हैं, तो ये बर्दाश्त नही किया जायेगा। साथ ही कलेक्टर ने सार्वजनिक उपक्रम के विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा अब नजदीकी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मेें देने का निर्देश दिया है,जो कि गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित होगा।

औद्योगिक नगरी के नाम से मशहूर कोरबा जिला में एसईसीएल की कोयला खदानों के साथ ही एनटीपीसी, बालकों, सीएसईबी जैसे सार्वजनिक उपक्रम संचालित हैं। इन सार्वजनिक उपक्रमों के अपने हॉस्पिटल भी हैं। लेकिन इन हॉस्पिटलों में पर्याप्त संसाधन और विशेषज्ञ डॉक्टरों की पोस्टिंग के बाद भी इसका ज्यादा लाभ मरीजों को नही मिल पाता। इस गंभीर मुददे पर कोरबा कलेक्टर संजीव कुमार झा ने संज्ञान लिया। एक दिन पहले ही कलेक्टर ने जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था की जानकारी ली गयी। इसके बाद मंगलवार को कलेक्टर ने सार्वजनिक उमक्रमों के अधिकारियों की बैठक ली गयी।

बैठक में कलेक्टर ने सबसे पहले सभी उपक्रमों के हॉस्पिटल में पदस्थ डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ के साथ ही संसाधनों की जानकारी ली गयी। जिसमें एसईसीएल,एनटीपीसी, बालको सहित सीएसईबी के विभागीय हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की पोस्टिंग के साथ ही लाइफ स्पोर्ट एम्बुलेंस और पर्याप्त संसाधन हॉस्पिटल में उपलब्द्ध होने की जानकारी सामने आयी। इन सारी जानकारियों के बाद कलेक्टर संजीव कुमार झा ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी अस्पतालों में 20 बिस्तरों का कोविड केयर सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया गया। जिसका उपयोग कोविड के मरीजों के बढ़ने पर तत्काल उन्हे उपचार लाभ देने में किया जायेगा।

इसके बाद कलेक्टर ने एसईसीएल सहित बालकों और एनटीपीसी में पोस्टेड विशेषज्ञ डॉक्टरों को उनके हॉस्पिटल के नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में सप्ताह में तीन दिन क्षेत्र के मरीजों के उपचार के लिए समय देने का निर्देश दिया गया हैं। कलेक्टर के इस निर्देश पर कुछ उपक्रमों के सीएमओं ने वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति की बात कही गयी। जिस पर कलेक्टर ने साफ कर दिया कि जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा होने के बाद भी इसकी उपयोगिता से समझौता नही किया जायेगा, यह सेवा जल्द शुरू करना होगा। बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए जरूरत पढ़ने पर उपक्रम के एमडी और सीएमडी से भी चर्चा की जायेगी।

इसके साथ ही कलेक्टर ने सार्वजनिक उपक्रम के लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस की सेवा आपातकाल स्थित में बाहरी मरीजों के लिए उपलब्द्ध कराने का निर्देश दिया गया। बैठक में ही दवाओं के मुददे पर कलेक्टर ने साफ किया कि गरीब मरीजों को सार्वजनिक उपक्रम के अस्पतालों में भी जेनरिक दवाओं की खरीदी कर मरीजों को देना शुरू करे। मंगलवार को सार्वजनिक उपक्रम के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कलेक्टर की हुई बैठक के बाद जिले में एक बार फिर स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा होने की उम्मीद हैं। जिले की प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सार्वजनिक उपक्रमों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की सुविधा मिलने से इसका सीधा लाभ ग्रामीण क्षेत्र के गरीब मरीजों को मिल पायेगा। जिससे मरीजों को बेहतर इलाज के लिए अब भटकना नही पड़ेगा।

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