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10 जनपथ पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल….कुछ देर में शुरू होगा बैठकों का दौर….मुख्यमंत्री ने बैठक को लेकर कही ये बात

रायपुर 20 अप्रैल 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 10 जनपथ के लिए रवाना हो गये हैं। दिल्ली दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं संग चुनावी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। खबर है कि AICC की इस महत्वपूर्ण बैठक में रणनीतिकार के तौर पर प्रशांत किशोर भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा में बताया था कि दिल्ली में प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे, वहीं 10 जनपथ जाकर भी मुलाकात करेंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज 10 जनपथ में सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री ने बैठक के एजेंडे के बारे में जानकारी होने से इंकार किया, लेकिन उन्होंने इतना जरूर बताया है कि 2024 के चुनाव के मद्देनजर ये बैठेकें हो रही है।

कल जाना था..कल की बैठक कैंसिल हुई तो आज जा रहा हूं….प्रभारी जनरल महासचिव वेणु गोपाल से मुलाकात होगी..10 जनपद में बैठक होगी..लगातार बैठकों का दौर चल रहा है..सारे बड़े नेताओं और प्रदेश के नेताओं से मिल रहे हैं….2024 को ध्यान मे रखकर यह बैठक है

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि

सिंधिया अपने पुराने बयान को निकालकर देखे पहले …जिनकी कोई जिनकी कोई ऑडियोलॉजी नहीं है जो दल बदलते हैं ऐसे लोगों का जवाब देना उचित नहीं समझता

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कोयला नीति को लेकर भी केंद्र को आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की कोयला नीति असफल रही है और यह लोग जो पहले क्रिप्टी माइंस है राज्य सरकार को अलॉट थे उस को निरस्त कर दिया उसके बाद नीलाम किए उसमें कोई पार्टिसिपेट नहीं हो पाए और उसके बाद ही स्थिति यह है कि उन्होंने राज्य सरकारों को अलाट की खदाने और ना ही जो यूजर हैं उसको दिए आज जो पावर प्लांट आज जो कोयले की स्थिति है आज पावर प्लांट के अलावा दूसरे जो प्लांट है इन्हें कोयले की आवश्यकता है सभी जगह कटौती कर दी गई है या फिर बंद कर दिया गया है तो औद्योगिक गतिविधियों में निश्चित रूप से इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा दूसरी तरफ कोयला जितना आवश्यकता है उतना उत्पादन हो नहीं रहा है और इसलिए भारत सरकार अब जो विदेश से कोयला आना है उस पर दबाव डाल रहे हैं राज्य सरकार इस को अनिवार्य रूप से 10% या 20% उतना आपको देश का कोयला है उसके साथ विदेशी कोयला आपको मिलाना होगा आज स्थिति क्या है उसके कारण से आज यदि देश के अंदर कोयले की बात करें ₹3000 – 4000 प्रति टन और विदेश से जो कोयला आने वाला है वह 15000 से 20000 प्रति टन है तो इतना बार राज्य सरकार पर जितने भी इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड है उस पर आएगा तो इसका मतलब यह है कि उत्पादन महंगा होगा तो बिजली भी महंगा होगा और दूसरी बात यह है कि अब विदेशी कोयला जो है उसे अलॉट करने के लिए और उसे खपाने के लिए राज्यों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है तो स्थिति तो कोयले की ठीक नहीं है पिछले समय तो कैसे-कैसे करके संभल गया और अब जो स्थिति है वह भयावह होने वाली है बहुत सारे राज्य की स्थिति यह है कि राहुल जी ने तो 8 दिन का बताया है लेकिन कुछ राज्यों में 3 से 4 दिन का है तो कोयले की स्थिति बहुत खराब होने वाली है

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