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टिकट में सेवंटी-थर्टी का फार्मूला अपना सकती है कांग्रेस: इन 22 सीटों पर नये चेहरों को मौका, मौजूदा विधायकों में भी कईयों पर कैची, सीनियर्स को मिलेगा आराम

रायपुर 12 सितंबर 2023। पिछली बार कांग्रेस की तूफानी हवा के बावजूद जो प्रत्याशी जीत का झंडा लहरा नहीं सके, अब उन प्रत्याशियों को पार्टी दोबारा मौका नहीं देगी। पार्टी ने प्लान किया है कि जिन सीटों पर 2018 में कांग्रेस हारी थी, वहां अब नये चेहरे को मौका दिया जायेगा। वरीष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने इस बात के संकेत दिये हैं। संकेत से साफ है कि कांग्रेस पिछली बार जिन 22 सीटों को नहीं जीत सकी थी, वहां नये प्रत्याशी उतारे जायेंगे।

2018 के परिणाम की बात करें तो कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनायी थी। पार्टी ने 68 सीटें जीती थी, वहीं 15 पर भाजपा, 2 सीट बसपा और 5 सीट जोगी कांग्रेस ने जीती थी। उन तमाम 22 सीटों पर प्रत्याशी रिपीट नहीं होंगे। रविंद्र चौबे ने मीडिया से बात करते हुए साफ इशारा दिया है कि जहां कांग्रेस की लहर के बावजूद कांग्रेस जीत नहीं सकी, वहां नये प्रत्याशी पर दांव पार्टी लगायेगी।

संकेत ये भी है कि पार्टी महिला या युवाओं को उन सीटों पर उतार सकती है। हालांकि मौजूदा 70 से ज्यादा विधायकों में से भी 25 से ज्यादा विधायकों पर खतरे की घंटी है। उन विधायकों की निष्क्रियता, कार्यकर्ताओं में पकड़ कमजोर, स्थानीय स्तर पर आक्रोश, आरोप सहित कई अन्य आरोपों पर भी पार्टी ने गहन चिंतन की है। लिहाजा पार्टी सेवंटी-थर्टी के फार्मूले पर काम कर सकती है। मतलब मौजूदा विधायकों में 30 प्रतिशत नये चेहरों को पार्टी मौका दे सकती है।

कुछ वरीष्ठ विधायकों के बदले भी नये चेहरे को टिकट देने की तैयारी में है। उनमें कुछ उनके रिश्तेदार, बेटे या करीबी हो सकते हैं। हालांकि पार्टी ये भी तैयारी में है, अगर किसी सीनियर विधायक का टिकट काटा जाये, तो पहले उनसे पार्टी बात करेगी, ताकि बगावत की स्थिति नहीं बन सके।

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