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भूकंप : तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए , रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई तीव्रता

उत्तराखंड16 अक्टूबर 2023|उत्तराखंड में आज फिर भूकंप से धरती डोल उठी. प्रदेश के पिथौरागढ़ में आज सोमवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. जानकारी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई है. गनीमत ये रही है. इस मामले में अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है. पिछले कुछ दिनों में इस इलाके में कई बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं, जिसे लेकर भी लोग परेशान है.

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक पिथौरागढ़ में आए भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.0 मापी गई है. ये पिथौरागढ़ से 48 किमी उत्तर पूर्व में 5 किमी की गहराई में आया. भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घबराकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए, जिसके बाद आसपास काफी अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला. 

आपको बता दें कि इससे पहले भी 5 अक्टूबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उत्तरकाशी में सुबह करीब चार बजे के आसपास धरती हिलने लगी थी. उस वक्त लोग गहरी नींद में सोये हुए थे. उस वक्त 3.2 की तीव्रता का भूकंप आया था. ऐसे में लोगों के ज्यादा पता तो नहीं चल पाया, लेकिन पिछले कुछ दिनों में इस क्षेत्र में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिसके वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है.

वहीं इससे पहले रविवार शाम को दिल्ली-एनसीआर में भीषण भूकंप के झटके महसूस किए गए थे । ये झटके गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में बहुत तेज महसूस किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, फरीदाबाद में जमीन के 10 किलोमीटर नीचे भूकंप का केंद्र था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई है। भूकंप करीब 4 बजकर 8 मिनट पर महसूस किया गया। भूकंप के डर से लोग अपने घरों और ऑफिस के बाहर निकल आए। दो हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली एनसीआर में भूकंप की वजह से धरती कांपी है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा कैसे लगा सकते हैं?

  • 0 से 1.9 सीज्मोग्राफ से मिलती है जानकारी
  • 2 से 2.9 बहुत कम कंपन पता चलता है
  • 3 से 3.9 ऐसा लगेगा कि कोई भारी वाहन पास से गुजर गया
  • 4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है 
  • 5 से 5.9 भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है
  • 6 से 6.9 इमारत का बेस दरक सकता है 
  • 7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं 
  • 8 से 8.9 सुनामी का खतरा, ज्यादा तबाही
  • 9 या ज्यादा सबसे भीषण तबाही, धरती का कंपन साफ महसूस होगा

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