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साल 2023 में देखने को मिलेंगी ग्रहण की चार घटनाएं, पूर्ण सूर्य ग्रहण से होगी शुरुआत

रायपुर 5 जनवरी 2023: इस साल सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल दुनिया भर के खगोल प्रेमियों को एक पूर्ण सूर्यग्रहण समेत ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखाएगी। हालांकि, भारत में इनमें से केवल दो खगोलीय घटनाएं निहारी जा सकेंगी।

उज्जैन की प्रतिष्ठित शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि 20 अप्रैल को होने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण से इस साल यह सिलसिला शुरू होगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि पांच और छह मई की दरम्यानी रात होने वाले उपच्छाया चंद्रग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। साल के इकलौते वलयाकार सूर्यग्रहण के नजारे से देश के खगोलप्रेमी वंचित रहेंगे। यह घटना भारतीय मानक समय के मुताबिक 14 और 15 अक्टूबर की दरम्यानी रात में होगी। उन्होंने बताया कि 28 और 29 अक्टूबर की दरम्यानी रात होने वाला आंशिक चंद्रग्रहण देश में देखा जा सकेगा और इस खगोलीय घटना के वक्त चंद्रमा का 12.6 फीसद हिस्सा ढंका नजर आएगा।

कब लगता है चंद्रग्रहण
गौरतलब है कि उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है, जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रमा “पेनुम्ब्रा” (धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है। इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता है। इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता है। उपच्छाया चंद्रग्रहण के वक्त पृथ्वीवासियों को पूर्णिमा का चंद्रमा पूरा तो दिखाई देता है, लेकिन उसकी चमक कहीं खोई-खोई नजर आती है।

क्या है उपच्छाया चंद्रग्रहण
उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है, जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रमा धरती की परछाई के कुछ हिस्से से होकर गुजरता है। इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है और ग्रहण को चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में देखा जा सकता है। उपच्छाया चंद्रग्रहण के वक्त पृथ्वीवासियों को पूर्णिमा का चंद्रमा पूरा तो दिखाई देता है, लेकिन उसकी चमक कहीं खोई-खोई नजर आती है।

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