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लड़की को 10 साल की रेप की सजा : 15 साल के लड़के से 19 साल की लड़की ने किया था बलात्कार… अब कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा…

इंदौर 21 मार्च 2023 अभी तक आप किसी लड़के द्वारा लड़की की रेप करने के मामले में कोर्ट द्वारा सजा होने के बारे में सुना होगा. लेकिन मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. जहां कोर्ट ने पहली बार किसी लड़की को पॉस्को एक्ट यानी दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाई है. कार्ट ने दुष्कर्म की आरोपी युवती को 10 साल के कठोर कारावा और तीन हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है. आरोपी युवती 2018 में बहला-फुसलाकर गुजरात ले गई थी और उसके साथ गंदी हरकतें की थी.


बता दें कि 5 नवंबर 2018 को एक महिला ने इंदौर के बाणगंगा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका 15 साल का बेटा 3 नवंबर 2018 को पास की दुकान में खीर के लिए दूध लेने गया था, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी वह घर नहीं लौटा।


महिला ने बेटे को आसपास और रिश्तेदारों के यहां भी काफी तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद महिला ने अपने बेटे के बहला-फुसलाकर अगवा किए जाने की आशंका जताते हुए पुलिस से उसे ढूंढ़ने की गुहार लगाई थी।


इसके बाद पुलिस लापता किशोर की तलाश में जुट गई थी। कुछ दिन बाद पुलिस ने उस किशोर को ढूंढ निकाला, तब उसके साथ एक युवती भी पकड़ी गई थी।


पुलिस ने किशोर से पूछताछ की तो उसने बताया कि राजस्थान की रहने वाली 19 वर्षीय युवती उसे धोखे से अपने साथ गुजरात ले गई थी। वहां उसने किशोर को टाइल बनाने की फैक्ट्री में नौकरी पर लगा दिया था।
पीड़ित किशोर ने बताया कि वह युवती उसे बार-बार शारीरिक संबंध बनाने के लिए भी मजबूर करती थी। लड़के ने बताया कि वो अपने घरवालों से बात न कर सके, इसके लिए उसका मोबाइल फोन भी वह युवती अपने पास ही रखती थी।


पीड़ित लड़के के बयानों के आधार पर पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने लड़की का मेडिकल टेस्ट कराया और जब युवती पर लगे आरोपी की जांच की तो वो भी सही पाए गए।


जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि इस युवती ने नाबालिग लड़के को फोन किया था कि मेरा घरवालों से झगड़ा हो गया, तुम मेरे साथ चलो। वो नाबालिग को बहला फुसलाकर गुजरात ले गई और उसे किसी कंपनी में काम पर लगा दिया।


माता-पिता से बात भी नहीं करने देती थी लड़की
नाबालिग ने पुलिस से कहा, मैं अपने माता-पिता से बात न कर सकूं, इसलिए युवती ने मेरा मोबाइल भी अपने पास रख लिया था. पुलिस ने आरोपी युवती को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि इस युवती ने नाबालिग लड़के को फोन किया था कि मेरा घरवालों से झगड़ा हो गया, तुम मेरे साथ चलो. वो नाबालिग को बहला फुसलाकर गुजरात ले गई और उसे किसी कंपनी में काम पर लगा दिया.

कोर्ट ने फैसले में कही ये बात
श्रीवास्तव ने बताया कि लड़की खुद किराए का मकान लेकर रहने लगी. इसके बाद लड़के के साथ जबदस्ती शारीरिक संबंध बनाए. इस बीच लड़के के घरवालों ने गुमशुदगी रिपोर्ट लिखाई और पुलिस ने जब तलाश की तो युवती पकड़ी गई. पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया. उन्होंने कहा कि यह पहला मामला है जब किसी महिला को पॉस्को एक्ट के तहत सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने पीड़ित किशोर को 50 हजार रुपये प्रतिकर राशि के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा भी की है. स्पेशल कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ये जरूरी नहीं कि पॉस्को एक्ट में हमेशा पुरुष ही दोषी हो, महिला भी दोषी हो सकती है.

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