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हाईकोर्ट : नर्स अभ्यर्थियों को मिली बड़ी राहत… हाईकोर्ट ने GNM अभ्यर्थियों को स्टाफ नर्स की चयन प्रक्रिया में भाग लेने की दी अनुमति… मेडिकल कालेज में 171 पदों पर निकली है वैकेंसी

 बिलासपुर 9 अगस्त 2022। हाईकोर्ट ने GNM अभ्यर्थियों को स्टाफ नर्स की चयन प्रक्रिया में भाग लेने की इजाजत दे दी है। दरअसल 9 जून को चंदूलाल चंद्राकर शासकीय मेडिकल कालेज में स्टाफ नर्स के 171 पदों पर वैकेंसी निकली थी। छत्तीसगढ़ नर्सेस भर्ती नियम 2012 के उपनियम के तहत स्टाफ नर्स के पदों पर भर्ती एवं नियुक्ति केलिए शैक्षिक योग्यता की आलोचना करते हुए भारतीय संवैधानिक मान्यता को चुनौती देते हुए दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को इस भर्ती एवं चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने की इजाजत दे दी है।

भर्ती के लिए योग्यता बीएससी नर्सिंग या पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग उत्तीर्ण होना निर्धारित किया गया था। उक्त 2012 के नियम की अनुसूची और उपनियमों को मनमाने और गलत ढंग से प्रयोग में लाये जाने से राजनांदगांव की दीप्ति तिवारी सहित तीन अन्य आवेदक ने परेशान होकर हाईकोर्ट की शरण ली थी।

दीप्ति तिवारी जीएनएम की तीन वर्षीय डिप्लोमाधारी है, जो नर्सेस रजिस्ट्रेशन परिषद रायपुर से पंजीकृत है। दीप्ति तिवारी व अन्य तीन अभ्यर्थियों ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी व घनश्याम कश्यत के माध्यम से याचिका दायर की। इन आवेदकों का कहना है कि सीढ़े तीन साल के जीएनएम के वो सभी डिप्लोमाधारी है। इन अभ्यर्थियों ने रायपुर और दुर्ग संभाग के संस्थानों से कोर्स पूरा किया है। स्टाफ नर्स के 171 पदों पर भर्ती और नियुक्ति के लिए 9 जून 2022 को विज्ञापन जारी किया गया था। राजनांदगांव के मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी ने 22 अप्रैल 2022 को इसी तारत्मय में तीन पद के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें नर्सिंग स्नातक या पोस्ट बेसिक नर्सिंग स्नातक तथा जीएनएम को छत्तीसगढ़ नर्सिंग परिषद में पंजीयन होना अनिवार्य किया गया था।

बाद में 16 जून 2022 को भी बिलासपुर संभाग के स्वास्थ्य सेवा विभाग के संयुक्त संचालक ने स्टाफ नर्स के 121 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। जिसके लिए भी पोस्ट बेसिक नर्सिंग स्थानत अथना जीएनएम / वरिष्ठ मिडवाईफरी के प्रशिक्षण में सफल होना वांछित था । इसमें भी नर्स के रूप में नर्सिंग परिषद का पंजीयन होना जरूरी ठहराया गया है।

जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की बेंच में सुनवाई के दौरान ये दलील दी गयी कि स्टाफ नर्स के पद के लिए जीएनएम डिप्लोमाधारी अभ्यर्थी ही काबिल होंगे। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि भारतीय नर्सिंग परिषद अधिनियम 1947 की धारा में भी यह साफ साफ आज्ञापक प्रावधान है कि मान्यता प्राप्त संस्थानों से पंजीकृत हो चुके अभ्यर्थियों को ही इस पद के लिए योग्य माना जायेगा। इस कानून की धारा 16 में भी नर्सिग परिषदों को शक्ति और अधिकार प्राप्त हैं, जो कहता है कि अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान नयी दिल्ली से जीएनएम के कोर्स किये हुए अभ्यर्थियों को स्टाफ नर्स के पद में नियुक्ति केलिए प्राथमिकता मिलेगा। हालांकि जीएनएम के कोर्स में खासकर प्रशिक्षित विद्यार्थियों को इस प्रोफेशन में सिद्धांतिक और प्रशिक्षण कोर्स में बेसिक कौशल रखने वाले अभ्यर्थियों को महत्वपूर्ण सहायता मिलता है।

डिवीजन बेंच में 14 जुलाई को सुनवाई हुई। इस दोरान कहा गया कि शासन और प्रशासन के तहत स्टाफ नर्स की जो पोजिशन एक समान आधार पर दो अलग-अलग योग्यताओं की मांग की जा रही है, वो अनुचित प्रतीत होता है। इस प्रकार कल 4 अगस्त को अभिलेश नस्तीबद्ध करने के लिए मुल्तयी की गयी थी। दिप्ती तिवारी के साथ-साथ अन्य  में कविता साहू, पुष्पा टंडन और गायत्री सलाम को अंतरिम राहत देते हुए सबको स्टाफ नर्स के पद भर्ती और नियुक्ति की चयन प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है।

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