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धर्मांतरण-आरक्षण और काली पट्टी : सदन में विपक्षी विधायक काली पट्टी लगाकर पहुंचे…. भाजपा विधायकों ने गर्भगृह में की नारेबाजी पहुंचे, शोर-शराबे के बीच कार्रवाई स्थगित

रायपुर 4 जनवरी 2023। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज भी आरक्षम और धर्मांतरण का मुद्दा गूंजा। मंत्री कवासी लखमा ने विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सड़क से सदन तक सरकार आरक्षण की लड़ाई लड़ रही है। बीजेपी के खाने और दिखाने के दांत अलग हैं। मंत्री कवासी ने बीजेपी को बेशर्म बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के दबाव में राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं कर रही है इस बात को सभी लोग जान रहे हैं।

इधर, विपक्ष धर्मांतरण के विरोध में काली पट्टी लगाकर सदन पहुंचने पर मंत्री कवासी लखमा ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी लड़ाने का काम करती है। नारायणपुर में भाई से भाई को लड़ाने की कोशिश की जा रही है, इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

प्रश्नकाल के बाद फिर से धर्मांतरण का मुद्दा उठा। नारायणपुर की घटना को लेकर विपक्ष ने काम रोको प्रस्ताव लाया। बीजेपी के सदस्यों ने इस पर चर्चा की मांग की। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने विधायको के साथ मुद्दा उठाया। विपक्ष ने चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया। भाजपा के सदस्य गर्भ गृह में पहुंच गये और नारेबाजी की। हंगामे की वजह से कार्यवाही हुई स्थगित।

इधर, धर्मांतरण और आरक्षण को लेकर काली पट्टी पहनकर विधानसभा पहुचे भाजपा और जोगी कांग्रेस के विधायकों पर तंज कसते हुए कैबिनेट मंत्री ने अमरजीत भगत ने कहा कि जैसी जिसकी सोच, उसको वैसा ही परिणाम मिलता है, वैसे ही फलीभूत होता हैं। इस देश के नागरिकों को देश की आज़ादी के बाद अगर आरक्षण किसी ने दिया तो कांग्रेस सरकार ने दिया बाबा अंबेडकर और नेहरू जी ने दिया, काली पट्टी या नीली पट्टी पहनकर आ जाये कुछ नही होगा। अमरजीत ने कहा कि आदिवासी वर्ग प्रभावित है उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण देने का काम कांग्रेस कर रही है, कल तक आरक्षण बिल पारित नही हुआ था तो हो हल्ला कर रहे थे और आज आरक्षण बिल पारित हो गया है उसके समर्थन में एक भी बयान क्यों नही आ रहा है? कुल मिलाकर इनकी पोल खुल गई है। उन्होंने दावा दावा करता हु अगर आरक्षण पारित नहीं हुआ, आरक्षण बिल को रोकने का प्रयास किया गया, तो इनका गांव भी घुसना मुश्किल हो जाएगा।

वहीं धर्मांतरण पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि अघोषित आपातकाल छत्तीसगढ़ में लग गया है, सरकार संरक्षित धर्मांतरण नारायणपुर में हो रहा है। चंद्राकर ने कहा कि किस अधिकार से राज्यपाल से इस्तीफा मांग सकते हैं, संवैधानिक रूप से सरकार विफल हो चुकी है। दोनों घटनाओं के विरोध में काली पट्टी बांधकर आए हैं। जब तक विधानसभा सत्र चलेगी तब तक डाटा को प्रस्तुत करने की मांग करेंगे, सरकार कुछ ना कुछ छिपाना चाहती है, आपातकाल छत्तीसगढ़ में लगा हुआ है।

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