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लता ने डूंगरपुर के राजा को दिया था दिल….. लेकिन प्यार रह गया अधूरा….शादी नहीं हो पायी, दोनों रह गये आजीवन कुंवारे…..दोनों अक्सर क्रिकेट स्टेडियम में मिला करते थे…

मुंबई 6 फरवरी 2022। सुर सम्राज्ञी लता मंगेश्कर का आज सुबह निधन हो गया। लता मंगेश्कर के निधन पर पूरे देश ही नहीं विदेश में भी शोक है. लता दीदी को करोड़ों-अरबों चाहने वाले हैं… लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर लता दीदी किसे चाहती थी और वो चोहत पूरी क्यों नहीं हुई।  आज हम आपको लता जी की मोहब्बत के बारे में बताने जा रहे हैं. कहा जाता है कि लता जी को भी किसी से प्यार हुआ था लेकिन शादी नहीं हो पाई थी. उनकी ये प्रेम कहानी अधूरी ही रह गई.

अफेयर के मामले में लता मंगेश्कर का नाम सिर्फ एक शख्स के साथ जुड़ा. जी हां, लता मंगेशकर को भी अपने समय में प्यार हो गया था और वो उनकी इस कदर दीवानी थीं कि, उन्होंने कभी शादी नहीं की और वो शख्स थे दिवंगत क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह डूंगरपुर. लता जहां उनके क्रिकेट खेलने के अंदाज पर मर मिटीं, तो वहीं राज सिंगर की आवाज के कायल थे, राज सिंह लता मंगेशकर को ‘मिट्ठू’ नाम से बुलाते थे.

कहा जाता है कि लता मंगेशकर और राज सिंह एक दूसरे के होने वाले थे, लेकिन जब राज सिंह ने शादी की बात अपने पिता महारावल लक्ष्मण सिंह ने शादी करने के उनके विचार को खारिज कर दिया था. इसके पीछे का कारण यह था कि, लता एक शाही परिवार से नहीं थीं. ऐसे में ये रिश्ता टूट गया और दोनों का प्याप इतना गहरा था कि ना कभी लता जी ने शादी की और ना ही कभी राज ने किसी का साथ निभाया. दोनों ने भले ही शादी नहीं की, लेकिन वो हमेशा एक अच्छे दोस्त बने रहे.

दिवंगत क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह डूंगरपुर, लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर के करीबी दोस्त थे। राज सिंह राजस्थान के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे और डूंगरपुर के तत्कालीन राजा स्वर्गीय महारावल लक्ष्मण सिंहजी के सबसे छोटे बेटे थे। दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला बढ़ा और लता मंगेशकर को उनसे प्यार हो गया।राज सिंह का जन्म राजस्थान के डूंगरपुर में 19 दिसंबर 1935 को एक राज परिवार में हुआ था। राज सिंह ने 1955 से 1971 के दौरान 86 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे। उन्होंने 16 सालों तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला और करीब 20 सालों तक BCCI से जुड़े रहे। 12 सितंबर 2009 को उनका निधन हो गया।

राज 1959 में लॉ करने मुंबई गए थे। क्रिकेट खेलने के भी शौकीन थे। 1955 से ही राजस्थान रणजी टीम के सदस्य थे। मुंबई के क्रिकेट मैदान में लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर से मुलाकात हुई। उनके भाई अक्सर राज को अपने साथ घर लेकर जाते थे। राज सिंह पहली मुलाकात में ही लता को दिल दे बैठे थे। धीरे-धीरे बात शुरू हुई। लता रिकॉर्डिंग में बिजी रहती थीं। बिजी शेड‌्यूल के कारण ज्यादा मिल नहीं पाती थीं। कहते हैं, राज उनके गाने सुनकर उनकी कमी को पूरा करते थे। फुरसत मिलते ही दोनों मिलते थे।

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