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366 करोड़ के फर्जी भ्रष्टाचार की खबर को बिना पड़ताल मीडिया ने बना दी सनसनी….. 48 घंटे की पड़ताल में भ्रष्टाचार की कहानी मनगढ़ंत…. अब मीडिया की विश्वसनीयता पर सोशल मीडिया में उठा रहे लोग सवाल

रायपुर 15 जनवरी 2022। सोशल मीडिया में वायरल कुछ फर्जी पन्नों पर बिना पड़ताल किये ही मीडिया ने ऐसी सनसनीखेज खबर बनायी कि प्रदेश के सिस्टम पर ही सवाल खड़ा हो गया। पुलिस की जांच में अब पूरी तरह से साफ हो गया है कि मामला पूरी तरह से फर्जी है। 366 करोड़ के भ्रष्टाचार की पड़ताल 48 घंटे बाद खोदा पहाड़ निकली चुहिया साबित हुई। मामले में बस इतनी ही जानकारी आयी कि एक DEO रिटायर के बाद संविदा नियुक्ति चाहता था, लेकिन उसे संविदा नहीं मिली तो उसने अधिकारियों को फंसाने के लिए मनगढंत तरीके से एक फाइल में एक-एक ट्रांसफर पोस्टिंग के एवज में लाखों रूपये लिखना शुरू कर दिया और फिर एक दिन उसे सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से वायरल कर दिया।

राज्य में 366 करोड़ के भ्रष्टाचार की खबर ना सिर्फ चौकाने वाली थी, बल्कि हैरान करने वाली भी थी, कि इतने बड़े भ्रष्टाचार की खबर मीडिया में बिना रिसर्च के छप कैसे गयी।  पूरी तरह से फर्जी एक खबर को जिस तरह से शिक्षा विभाग का बड़ा घोटाला बनाकर पेश किया गया और उसमें 366 करोड़ के भ्रष्टाचार की मनगढंत कहानी परोसी गयी, उसने हर किसी को हैरान कर दिया। दरअसल 366 करोड़ के जिस भ्रष्टाचार की खबर मीडिया में आयी वो शुरू से ही संदेहास्पद थी। लिहाजा ज्यादातर लोगों ने उसे नजरअंदाज कर दिया।

13 जनवरी को मीडिया में आयी खबर से पहले ही सोशल प्लेटफार्म पर कागज वायरल हो रहे थे, लेकिन उस वायरल पन्ने शुरू से ही संदेह के दायरे में थे, लिहाजा किसी ने भी उस वायरल पन्नों को तवज्जो नहीं दी। डायरी के पन्ने और उसमें लिखे रकम पर किसी को यकीन नहीं हो रहा था, लेकिन पिछले दो दिनों से मीडिया ने उस फर्जी खबर को तूल देकर विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़ा कर दिया।

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