हेडलाइन

ध्वनि प्रदूषण: नागरिक संघर्ष समिति ने रखा मुख्य सचिव के समक्ष जनता का दर्द, कहा बहुत प्रताड़ित हुई गरबा-डांडिया के दौरान रायपुर की जनता

रायपुर 25 अक्टूबर 2023। मुख्य सचिव द्वारा 4 अक्टूबर को राज्य स्तरीय बैठक लेने और 19 अक्टूबर को जारी पत्र के बावजूद रायपुर शहर में हुए ध्वनि प्रदूषण को लेकर छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर गरबा-डांडिया खेलने और दुर्गा त्यौहार के दौरान बजे डी.जे से रायपुर की जनता को हुई तकलीफ बता कर कार्यवाही की मांग की है

रायपुर की जनता को दुर्गा त्यौहार और गरबा-डांडिया खेलने की दौरान ध्वनि प्रदूषण से हुए असीम कष्ट का विवरण देते हुए समिति ने लिखा है कि शहर की जनता की हालत अब गणेश, दुर्गा त्यौहार, गरबा डांडिया खेलने के दौरान हो रहे डी.जे की ध्वनि प्रदूषण से ऐसी हो गई है कि घर के बुजुर्गों को हो रही तकलीफों को ले कर उन्हें समझाना पड़ता है कि सह लो अब त्यौहार में 5 दिन बचे हैं या अब गरबा डांडिया बंद होने में चार दिन बचे हैं। उदाहरण देते हुए समिति ने कहा कि प्रशासन के लिए इससे शर्मनाक बात क्या को सकती है कि गणेश विसर्जन, जिसमें पुरानी बस्ती रायपुर से होकर तीन दिन वाहनों में डी.जे. बजते हुए निकलते हैं, इस वर्ष उस दौरान, वहां की एक महिला अपने एक वर्ष से छोटे बच्चे को लेकर होटल में रहने चली गई थी।

सिंगापूर सिटी कोटा में गरबा डांडिया खेलने के दौरान बजाये गए डी.जे का उदाहरण देते हुए बताया कि सिंगापुर सिटी की बाउंड्री के आगे रहने वाले परमानंद नगर के निवासियों के घर के अंदर शाम सात बजे से 100 डेसीबल स्तर तक की आवाज आ रही थी। निवासियों ने पुलिस से शिकायत की, सरस्वती नगर थाना प्रभारी ने स्वीकार किया है कि शिकायत सही पाई गई और सिंगापुर सिटी के आयोजनकर्ता को समय सीमा पर डीजे बंद करने के साथ ही निर्धारित सीमा से के ज्यादा डीजे नहीं बजाने की समझाइश दी गई। परंतु पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और ना कोई जप्ती की गई। समझाइश देने के बाद भी दूसरे दिन रात, सात बजे से रात एक बजे तक पूरे वॉल्यूम में डीजे बजाया जाता रहा। डीजे बंद होने के बाद भी तीन घंटे तक डीजे की ध्वनि मस्तिष्क में वंहा के निवासियों में गूंजती रही। पूरे चार दिन निवासी प्रताड़ित रहे। समिति ने 112 में रात दस बजे के बाद निवासियों द्वारा शिकायत करने का प्रमाण देकर बताया कि पुलिस द्वारा रात 12 बजे तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। परमानंद नगर निवासी अमित मल ने समिति को बताया कि ये चार दिन में समझ में आया कि आतंक क्या होता है।

पत्र में बताया गया है कि पूरे शहर में प्रत्येक दिशा में दुर्गा के पंडाल में ध्वनि प्रदूषण किया गया तथा जगह-जगह खेले गए डांडिया-गरबा में रात 12 बजे के बाद तक डी.जे. से ध्वनि प्रदूषण किया गया। पुलिस द्वारा शिकायतकर्ता का नंबर ध्वनि प्रदूषणकर्ता को बता देने से, अब आम जनता में इतना भय व्याप्त है कि जनता अब प्रताड़ना सहना बेहतर समझती है या प्रताड़ना सहने को इतना मजबूर हो गई है।

समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने बताया कि जनहित याचिका क्रमांक 112-2016 में दिए गए आदेश में लिखा है कि आयोजक द्वारा पुलिस की बात नहीं मानने पर, आवोजककर्ता पर मान. उच्च न्यायलय के आदेश की अवमानना का प्रकरण मान. उच्च न्यायलय में दर्ज किया जायेगा और यह कार्य सम्बंधित अथॉरिटी को करना है (ना कि शासन को) परन्तु न्यायालय में एक वर्ष पूर्व शपथ पत्र दिए जाने के बावजूद भी रायपुर जिला प्रशासन द्वारा शपथ पत्र में उल्लेखित लोगों के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर नहीं की जा रही है, जो कि शंका को जन्म देता है। समिति के सदस्यों ने मांग की है कि डांडिया-गरबा खेलने के दौरान, गणेश दुर्गा त्यौहार के दौरान जहां भी आयोजकों ने पुलिस की बात नहीं मानी हो उन पर अवमानना का प्रकरण दर्ज किया जाये।

समिति के डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि आम जनता में पुलिस द्वारा धन-बल वाले आयोजकों का नाम बता देने से अब पुलिस पर जनता का विश्वास नहीं रह गया है। शिकायतकर्ता को धमकी मिलती है। प्रशासन को चाहिए कि आम जन में विश्वास पैदा करें ताकि प्रताड़ित होने की बजाय जनता शिकायत करे।

विश्वजीत मित्रा अध्यक्ष (700018238), डॉ. राकेश गुप्ता, मंजीत कौर बल, व्यासमुनि दिवेदी, डॉ. अनिल जैन, डॉ. दिग्विजय सिंह, डॉ. विकास अग्रवाल, नॉमान अकरम, शरद शुक्ला, हेमंत बैद, अमिताभ दीक्षित एंव सभी सदस्य छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति रायपुर

Back to top button