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शर्मनाक : इंतजार में चिता पर रखा रहा मां का शव घंटो तक ,संपत्ति के लिए लड़ती रहीं बेटियां…

मथुरा16 जनवरी2024|जमीन-जायदाद के लिए भाईयों को तो आपस में लड़ते बहुत बार देखा होगा लेकिन 3 बहनों को जायदाद के लिए लड़ते देख आप भी हैरान हो जाएंगे। इतना ही नहीं यह तीन बहने जमीन के बंटवारे को लेकर इतना क्रुर हो गई कि अपनी मां की लाश को भी जलने नहीं दिया।

मामला यूपी के मथुरा का हैं जहां मां की मौत के बाद बेटियों में जमीन के बंटवारे को लेकर जमकर विवाद हो गया। इतना ही नहीं इस घटना का तमाशा श्मशान घाट पर लगा रहा। मां का शव जहां चिता पर पड़ा था उसी के सामने बेटियां जायदाद के हिस्से के लिए लड़ती रहीं।

तीनों बहनों ने तब तक मां का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जब तक मामले का निपटारा नहीं हो गया। 8 घंटे तक यह तमाशा लगा रहा। दरअसल, मथुरा के 85 वर्षीय महिला पुष्पा की मौत के बाद उसकी तीनों बेटियों के बीच जमीनी हिस्से को लेकर लड़ाई शुरू हो गई और 8 घंटे तक महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार की विधि सम्पन्न कराने आए पंडित भी घाट से लौट गए। 8 घंटे के बाद में जब स्टाम्प लाकर जमीन का लिखित बंटवारा कराया गया तब अंतिम संस्कार संपन्न किया गया।

यहां लकड़ी लगाकर चिता तैयार करने के बाद उस पर शव मुखाग्नि के लिए रखा गया. इसी बीच मृतका पुष्पा देवी की बड़ी बेटी शशी निवासी सादाबाद, जो कि विधवा है वे अपनी बहन सुनीता के साथ पहुंची. वहां दोनों ने बखेड़ा कर दिया. कहा कि मां के नाम पर चार बीघा जमीन थी. उसकी वसीयत मिथलेश ने अपने नाम लिखा ली है, उसके आधार पर वह पूरी संपत्ति को अकेले रखना चाहती है. मिथलेश ने इसका विरोध किया. काफी देर तक गहमागहमी हुई.

मौके पर गोविंद नगर और शहर कोतवाली पुलिस भी पहुंच गई. इसके बाद रिश्तेदारों ने दखल दिया और स्टांप मंगवाकर समझौता लिखा गया. इंस्पेक्टर रवि त्यागी के अनुसार चार बीघा जमीन में से मिथलेश द्वारा डेढ़ बीघा जमीन को बेच दिया गया था. ढाई बीघा जमीन बची थी. समझौते में तय हुआ कि एक बीघा जमीन विधवा शशि को दी जाएगी और बाकी की जमीन में बराबर का बंटवारा सुनीता और मिथलेश के बीच किया जाएगा.

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