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सदन में गूंजा महिलाओं का मुंडन : दिवंगत शिक्षाकर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व अनियमित कर्मचारियों पर सदन में हंगामा, नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री, बृजनोहन सहित किसने क्या बोला, देखिये सदन की आंखो देखी

रायपुर 3 मार्च 2023। कर्मचारियों के नियमितिकरण पर बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में जोरदार हंगामा हुआ। नियमितिकरण के मुद्दे पर आज विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर कई आरोप भी लगाये। हंगामे और शोर शराबे की वजह से सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। इससे पहले आज विपक्ष ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ, अनुकम्पा संघ और अनियमित कर्मचारियों की मांगों का मुद्दा उठाया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर स्थगन लाकर चर्चा कराने की मांग की।

शिवरतन शर्मा ने सबसे पहले अनुकंपा नियुक्ति की मांग पर बैठी महिलाओं का मुद्दा उठाया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि महीनों से अनुकंपा नियुक्ति की मांग महिलाएं कर रही है, लेकिन उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहाहै। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-सथ अनियमित कर्मचारियों के नियमितिकरण का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। विपक्ष ने कहा कि ये मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है, इस पर स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर चर्चा करायी जानी चाहिये। विपक्ष ने कहा कि सरकारी इनकी मांगों पर सुध नहीं ले रही है। सरकार को उनकी बातों को सुनना चाहिए। हमने स्थगन दिया है इस पर चर्चा होनी चाहिए। धरना प्रदर्शन काफी दिनों से चल रहा है, उनसे बातचीत होनी चाहिए। पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति है।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि ऐसी स्थिति प्रदेश में कभी नही देखी, 5 लाख 60 हजार 890 कर्मचारी आंदोलनरत हैं। इन कर्मचारियों को धरना प्रदर्शन के लिए 4 किलोमीटर दूर भेज दिया गया। अनियमित कर्मचारियों के मुद्दे पर भाजपा ने स्थगन को ग्राह्य करने की मांग की। शिवरतन शर्मा ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति की मांग में बैठी महिलायें और  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी मुद्दा उठाया। अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया, जिसकी वजह से पूरा कर्मचारी आज आंदोनरत है। विपक्ष के विधायकों ने कहा-इनके मांगो पर सरकार सुध नही ले रही है, सरकार को उनकी बातों को सुनना चाहिए।

विधायक रंजना साहू ने कहा कि महिलाएं काफी दिनों से  धरना प्रदर्शन कर रही है, उनसे बातचीत होनी चाहिए। पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति है। धरमलाल कौशिक, सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है। वहीं विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि जनता अधिकारों से वंचित हो रही, कार्यालयों में कार्य नही हो रहा। इससे दयनीय स्थिति और नहीं हो सकती। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को मुंडन कराना पड़ रहा है। इन कौरव को उनका मुंडन भस्म करेगा। परीक्षाएं चल रही 1 लाख चार हजार शिक्षक प्रदर्शन कर रहे।

विपक्ष के तेवर पर सत्तापक्ष के विधायकों ने आपत्ति जतायी। इधर, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि आज 138 दिन हो गए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करते हुए। पर सरकार का कोई प्रतिनिधि चर्चा करने तक नही गया। ये संवेदनहीनता है। ये स्थगन 5 लाख कर्मचारियों का प्रतिबिंब है इसपर चर्चा होनी चाहिये। इधर, हो हंगामे के बीच आसंदी ने स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया। आसंदी ने कहा कि  बजट सत्र में कई मुद्दे होते है। ऐसे में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नही हो सकती।  आसंदी ने स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य किया। जिसके बाद सदन के भीतर भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग पर  विधायक अड़ गये। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी।

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