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“शिक्षकों को ऑउट ऑफ टर्न प्रमोशन व दो साल के एक्सटेंशन मिले”, राष्ट्रपति-राज्यपाल से पुरस्कृत शिक्षकों ने उठायी मांग, बैठक में बनी रणनीति

रायपुर 2 जुलाई 2023। छत्तीसगढ़ राज्य मध्यप्रदेश का हिस्सा था। 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ के रूप में नये राज्य का उदय हुआ, तो उसमें मध्यप्रदेश के अधिकांश कानूनों को ज्यों का त्यों अपना लिया गया। लेकिन, कुछ कानून ऐसे भी थे जिन्हे ताक पर रखकर छोड़ दिया गया। उसी में एक कानून था राज्यपाल एवं राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षकों को सेवानिवृत्ति में दो वर्ष की बढ़ोतरी एवम आउट आफ टर्न प्रमोशन। हालांकि छत्तीसगढ़ बनने के बाद उत्कृष्ट शिक्षकों की तरफ से पर्दे के पीछे इन नियमों को मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी लागू करने की बात होती रही, लेकिन ये मांग अब जोर पकड़ती दिख रही है।

एमपी में लागू है नियम, छग में क्यों नहीं

दो साल के एक्सटेंशन और आउट ऑफ द टर्न प्रमोशन का मुद्दा हाल के दिनों जोर तब पकड़ा, जब प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर शिक्षा विभाग के विभिन्न पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की गयी। क्योंकि पदोन्नति की इस प्रक्रिया में उन असाधारण प्रतिभा वाले शिक्षकों को नजर अंदाज किया गया। ना तो उन शिक्षकों के लिए कुछ विशेष प्रावधान किया गया और ना ही मध्यप्रदेश की तर्ज पर उन शिक्षकों के लिए पूर्व से चली आ रही सुविधाओं का लाभ मिला।

अवार्ड प्राप्त शिक्षक हैं मायुस

सरकार की अनदेखी से उन शिक्षकों को मायूसी हाथ लगी, जिनको राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के हाथों उत्कृष्टता का पुरस्कार मिला था। इन शिक्षकों की मायूसी का कारण यह था कि किसी भी विभाग में जब किसी भी कर्मचारी को राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत होने का अवसर प्राप्त होता है तो उक्त विभाग में यह नियम पहले से है कि उन्हें आउट आफ टर्न प्रमोशन मिलेगा। इस आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का उन्हें लाभ यह मिलता है कि वो अन्य कर्मचारियों से आगे का पद ग्रहण करते हुए अपने कर्तव्यों का भली-भांति निर्वहन उत्कृष्ट ढंग से करते हैं।

अवार्ड प्राप्त शिक्षकों को विशेष प्रावधान देना क्यों जरूरी

किसी शिक्षक को उनके असाधारण प्रतिभा के लिए अगर राष्ट्रपति या राज्यपाल के हाथों अवार्ड मिलता है, तो वो शिक्षक बिरादरी के साथ-साथ बच्चों के लिए भी एक रोल मॉडल बनाता है। उन शिक्षकों के लिए विशेष प्रावधान व प्रमोशन का सबसे बड़ा प्रभाव यह पड़ता है कि अन्य कर्मचारी भी उनके कार्यों से प्रभावित होकर उसी तरह का कार्य करने को प्रेरित होते हैं। अक्सर पुलिस विभाग में इस प्रकार की पदोन्नति देखी गई है। परंतु शिक्षा विभाग की बात की जाए तो आज तक इस प्रकार की पहल किसी भी शासन के द्वारा नहीं की गई, जबकि मध्य प्रदेश सरकार की नियमावली में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि यदि कोई भी शिक्षक राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत होते हैं तो उन्हें आउट आफ टर्न प्रमोशन मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में भी दो साल सेवावृद्धि व आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की मांग

लेकिन अब राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों की तरफ से छत्तीसगढ़ में भी दो साल की सेवावृद्धि व आउट ऑफ द प्रमोशन की मांग उठने लगी है। इसी कड़ी में रविवार को राष्ट्रपति एवं राज्यपाल पुरुष के शिक्षकों के संगठन की एक ऑनलाइन बैठक रखी गई। इस बैठक में सेवानिवृत्ति दो वर्ष बढ़ोतरी व आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की बात मुख़्य रूप से रखी गयी। संघ के प्रमुख राज्य एवं राष्ट्रीय अवार्ड फोरम के प्रदेश सचिव विष्णु शर्मा के संयोजन में दर्जनों शिक्षकों ने आज ऑनलाइन बैठक में शिरकत की। जिसमें से राजेंद्र जायसवाल, अनुराग तिवारी, जांजगीर राकेश टंडन , मुकुंद उपाध्याय कोरबा से, बी पी चंद्राकर, चुरामणी , कृष्णा कुमार , मुन्ना लाल, सागर, शीला सोनी, सुरेश राठौर, टेकराम साहू, विजय, भागचंद चतुर्वेदी, सहित कई राज्यपाल पुरुष के व्याख्याता एवं शिक्षक शामिल रहे. इन सभी ने मिलकर यह निर्णय लिया कि राज्य शासन के समक्ष है इस बात का अनुरोध किया जाएगा कि राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षकों को भी आउट आफ टर्न प्रमोशन शासन द्वारा दिया जाए ।

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