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बारात लेकर LLB की परीक्षा देने पहुंच गया छात्र, बाहर गाड़ी में इंतजार करती रही दुल्हन…कॉलेज प्रशासन ने वर-वधू को आशीर्वाद देकर किया विदा

हरिद्वार 6 फरवरी 2023: हरिद्वार के पंडित पूर्णानंद तिवारी लॉ कॉलेज में आज अलग ही नजारा देखने को मिला। यहां एलएलबी 5th सेमेस्टर की सीपीसी के पेपर की परीक्षा के दौरान एक छात्र दूल्हे की ड्रेस में परीक्षा देने के लिए पहुंच गया। इस दौरान पत्नी बाहर गाड़ी में परिवार वालों के साथ दूल्हे की प्रतीक्षा करती रही। इसको कॉलेज के प्रधानाचार्य अशोक कुमार तिवारी ने छात्र की प्रशंसा की है।

दरअसल, यह दूल्हा गाजी वाली श्यामपुर कांगड़ी का रहने वाला है। इसका विवाह बीती रात ही हिसार हरियाणा में हुआ। आज उसकी एलएलबी 5th सेमेस्टर के सीपीसी की परीक्षा थी। जिसके लिए दूल्हा अपनी पत्नी को विदा कराकर वहां से सीधे अपने कॉलेज पहुंचा। प्रधानाचार्य से दूल्हे की ड्रेस में ही परीक्षा देने की अनुमति प्राप्त कर उसने सीपीसी पेपर की परीक्षा दी। छात्र अब घर जाकर विवाह की बाकी की रस्मों को पूरा करेगा।

परीक्षा 12 बजे शुरू हुई और खत्म होने तक उसकी पत्नी बाहर गाड़ी में ही परिवार वालों के साथ उसका इंतजार करती रही। अपने वैवाहिक जीवन के साथ व्यावसायिक जीवन को भी प्राथमिकता दिए जाने पर कॉलेज के प्रधानाचार्य अशोक कुमार तिवारी ने छात्र की प्रशंसा की।

दूल्हे तरुण का कहना है कि मेरी शादी रविवार रात हरियाणा में हुई थी। लेकिन परीक्षा देना भी जरूरी था। इसलिए हम बिना घर जाए और रीति रिवाज पूरे किए बिना वहां से सीधे हरिद्वार पहुंच गए। परीक्षा हो गई है तो अब हम अपने रीति रिवाज पूरे करेंगे। बताया कि दूल्हे की ड्रेस में मुझे देखकर कुछ छात्र तो हैरान रह गए लेकिन कुछ छात्रों को पता था कि परीक्षा के दिन ही मेरी शादी भी है। मुझे भी दूल्हे की पोशाक में एग्जाम हॉल में जाना अजीब लग रहा था, लेकिन परीक्षा पहले है इसलिए जाना पड़ा।

तरुण ने कहा कि परीक्षा करीब दो घंटे चली, तब तक मेरी दुल्हन मेरा इंतजार कर रही थी। लेकिन मैं परीक्षा 20 मिनट पहले खत्म करके वापस आ गया था। कॉलेज के प्रधानाचार्य अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि अगर तरुण परीक्षा छोड़ देता तो उसका एक साल खराब हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि छात्र ने अपने करियर को देखते हुए ठीक फैसला लिया। यूनिफॉर्म में न पहुंचने पर पहले उन्होंने दूल्हे की पोशाक में ही परीक्षा देने की परमिशन भी ली थी। छात्र के भविष्य को देखते हुए उसे परीक्षा देने की इजाजत दी गई थी। परीक्षा के बाद वह घर चले गए।

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