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ACB/EOW का चौका: एक ही दिन में चार गिरफ्तारियों से मचा हड़कंप, घूसखोर व घोटालेबाज सकते में, जल्द दिखेगा और भी बडा़ एक्शन

रायपुर 4 अप्रैल 2024। एक ही दिन में ACB/EOW ने चार शिकार कर हड़कंप मचा दिया है। IPS अमरेश मिश्रा के ACB/EOW चीफ बनने के बाद से ही अटकलें लगने लगी थी, कि अब घूसखोरों व घोटालेबाजों के खिलाफ बड़ा एक्शन शुरू होगा। गुरुवार को इसकी झलक दिख भी गयी। IPS Amresh Mishra की गिनती ईमानदार अफसर के साथ-साथ रिजल्ट देने वालों अफसरों में भी होती है। लिहाजा अब  एक तरफ जहां रिश्वतखोरों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है, तो वहीं दूसरी तरफ घोटालेबाजों पर भी नकेल कसी जा रही है। गुरुवार को ACB ने चौका मारते हुए छुईखदान में PHE विभाग के SDO राजेश मड़ावे, सूरजपुर में पटवारी रामगोपाल साहू, शराब घोटाले में अरविंद सिंह और अनबर ढेबर को गिरफ्तार कर सनसनी फैला दी है। चर्चा है कि जल्द ही कुछ और बड़ी गिरफ्तारियां होने वाली है।

5.40 लाख रुपये रिश्वत मांग रहा था पीएचई विभाग का अफसर

एन्टी करप्शन ब्यूरो, रायपुर ने राजेश मड़ावे, एसडीओ (लोक स्वास्थ्य यात्रिकी), छुईखदान ब्लॉक, जिला-खैरागढ़ (छ.ग) को 1.5 लाख रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। दरअसल  डायनामिक कंस्ट्रक्शन, जबलपुर के प्रोपराइटर प्रवीण तिवारी  ने एन्टी करप्शन ब्यूरो को शिकायत की थी, कि छुईखदान क्षेत्र में छत्तीसगढ़ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत जलजीवन मिशन के तहत पाइपिंग एवं टैंक निर्माण के कार्य का ठेका मिला था। प्रार्थी द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व कार्य पूर्ण कर लिया गया था। जिसका लगभग 40 लाख रूपये का भुगतान होना था। इसके लिए राजेश मड़ावे, एसडीओ (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी), छुईखदान ब्लॉक, जिला-खैरागढ़ से सपर्क कर भुगतान हेतु निवेदन किया तो श्री मडावे ने कुल राशि का 12 प्रतिशत यानि 5.40 लाख रूपये की डिमांड की। इसकी पहली किश्त 1.50 लाख रूपये लेकर दिनांक 4 अप्रैल 2024 को अपने छुईखदान स्थित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी कार्यालय में बुलाया। एसीबी की टीम ने ट्रेप आयोजित कर उक्त आरोपी को 1.50 लाख रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा। रिश्वती राशि बरामद कर जप्त की गई एव आरोपी को धारा । भ्रष्टावार निरोधक अधिनियम, 1988 (सशोधित अधिनियम 2018) के तहत गिरफ्तार किया गया।

3000 रुपये पटवारी गिरफ्तार

रिश्वतखोरी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए एन्टी करप्शन ब्यूरो के अम्बिकापुर की टीम ने पटवारी रामगोपाल साहू को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।  पटवारी, प.ह.नं. 17, तेलईमुडा एवं प्रभारी पटवारी, प.ह.न 2. ग्राम गोविदपुर, तहसील, रामानुज नगर जिला सूरजपुर को 3000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। दरअसल सुनील कुमार सिंह, निवासी ग्राम गोविदपुर, तहसील रामानुजनगर, जिला सूरजपुर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो अम्बिकापुर को शिकायत प्रस्तुत की गई थी कि, उसकी पैतृक भूमि विभिन्न खसरों में कुल रकबा 0.810 हे0 है। उसके माता-पिता का देहांत हो चुका है फौती चढ़ाने एवं प्रार्थी का नाम राजस्व अभिलेखों में संशोधित कराने हेतु प्राथी ने उक्त आरोपी से संपर्क किया तो आरोपी पटवारी ने 5000 रूपये रिश्वत की मांग की गई एवं प्रार्थी से 2000 रूपये तत्काल प्राप्त कर लिये गये। शेष 3000 रूपये लेकर आरोपी ने प्रार्थी को भारतीय स्टेट बैंक सूरजपुर में बुलाया। एसीबी की टीम ने ट्रेप आयोजित कर उक्त आरोपी को उक्त बैंक के प्रागण में 3000 रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथो पकडा। रिश्वती राशि बरामद कर जप्त की गई एवं आरोपी को धारा-7, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के तहत गिरफ्तार किया गया।

शराब घोटाले में दो गिरफ्तार

एसीबी/EOW पूरी तरह से एक्शन में है। एक तरफ जहां एसीबी ने आज प्रदेश में दो बड़ी कार्रवाई की है, तो वहीं शराब घोटाले में दो गिरफ्तारी भी की है। 2200 करोड़ के शराब घोटाले में अरविंद सिंह के बाद अब महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की जहां गिरफ्तारी की है। शराब घोटाले में जिस तरह से एक्शन के मूड में एसीबी की टीम है, उससे साफ है कि आने वाले दिनों अन्य भी गिरफ्तारी हो सकती है।ACB-EOW ने फिल्मी अंदाज में अनवर ढेबर को गिरफ्तार कियाहै। ये गिरफ्तारी कुम्हारी टोल प्लॉजा के पास से की गयी है। गिरफ्तार कर अनवर ढेबर को EOW- ACB दफ्तर लाया गया है, जहां ACB और EOW की टीम उनसे पूछताछ कर रही है।

अरविंद सिंह को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर लिया है। शराब घोटाले में अरविंद सिंह पहले से ही जेल में बंद थे। जमानत के बाद जैसे ही वो जेल से बाहर आये, उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। देर रात अरविंद सिंह जेल से रिहा हुए थे।आपको बता दें कि रायपुर जेल में बंद 2200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले के आरोपित अरविंद सिंह को एक लाख रुपए के मुचलके पर सशर्त जमानत मिली थी। हाईकोर्ट बिलासपुर में जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की कोर्ट ने जमानत आदेश जारी किया है। 21 मार्च को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने दो अप्रैल को जारी फैसले में सशर्त जमानत दी थी।

 

 

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