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संसद की स्थायी समितियों में बड़ा बदलाव… गृह व IT मंत्रालय से जुड़ी कमेटी की अध्यक्षता कांग्रेस से वापस ली गई… टीएमसी से भी…

नयी दिल्ली 5 अक्टूबर 2022। संसदीय स्थाई समिति में बड़े बदलाव की खबर सामने आई है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने गृह और आईटी पर पार्ल पैनल की अध्यक्षता खो दी है. वहीं, लोकसभा में देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी टीएमसी को भी किसी पैनल की अध्यक्षता नहीं दी गई है.संसदीय स्थायी समितियों का मंगलवार (4 अक्टूबर) को पुनर्गठन किया गया. बड़े फेरबदल में कांग्रेस (Congress) ने (Home), आईटी (IT) पर संसदीय पैनल की अध्यक्षता खो दी है. वहीं तीसरी सबसे बड़ी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) को किसी भी पैनल की अध्यक्षता नहीं दी गई है. इसके अलावा एक बड़ा बदलाव ये भी हुआ है कि स्थाई समितियों की संख्या घटा दी गई है. अब 24 के मुकाबले केवल 22 स्थायी समितियां रहेंगी, जिसमें लोकसभा की 15 और राज्यसभा की 7 समितियां होंगी.

इससे पहले लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के पास भी एक समिति का अध्यक्ष पद था. लोकसभा में सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की समिति के अध्यक्ष थे. इसके अलावा समाजवादी पार्टी (SP) को किसी भी स्थाई समिति की अध्यक्षता नहीं दी गई है. 

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को हालांकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी समिति के अध्यक्ष के रूप में रखा गया है. वहीं, कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की जगह भाजपा सांसद और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बृज लाल को गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे शशि थरूर की जगह शिंदे धड़े के शिवसेना सांसद प्रतापराव जाधव को नियुक्त किया गया है. लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पिछले महीने स्पीकर ओम बिरला को लिखे पत्र में कहा था कि वह संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी से यह जानकर निराश हैं कि आईटी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष की भूमिका के आवंटन को वापस लेने का निर्णय लिया गया है

यह नए भारत की वास्तविकता है

सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सदन के नेता पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा था, जिसमें कांग्रेस से गृह मामलों पर संसदीय समिति की अध्यक्षता “हथियाने” के सरकार के कदम का विरोध किया गया था. 2019 के आम चुनाव के बाद विपक्षी दल ने विदेश मामलों और वित्त पर सदन के पैनल की अध्यक्षता खो दी. तृणमूल कांग्रेस, जिसके पास खाद्य और उपभोक्ता मामलों के संसदीय पैनल की अध्यक्षता थी, को फेरबदल के बाद किसी संसदीय समिति की अध्यक्षता नहीं दी गई है. टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एक बयान में कहा कि टीएमसी संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को एक भी अध्यक्ष नहीं मिलता है. सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी स्थायी समितियों के दो महत्वपूर्ण अध्यक्षों को खो देती है. यह नए भारत की वास्तविकता है.

16 का नेतृत्व लोकसभा सदस्य और आठ राज्यसभा सदस्य करते हैं

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में बदल दिया गया है. भोजन पर पैनल की अध्यक्षता भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी और स्वास्थ्य उनकी पार्टी के सहयोगी विवेक ठाकुर करेंगे. साथ ही, DMK को उद्योग पर संसदीय पैनल की अध्यक्षता दी गई है, जो अब तक TRS के पास थी. 24 संसदीय स्थायी समितियां हैं, जिनमें से 16 का नेतृत्व लोकसभा सदस्य और आठ राज्यसभा सदस्य करते हैं.

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