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महाकाल कॉरिडोर बनकर तैयार, 11 अक्टूबर को पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण, जानिए क्या है इसकी खासियत…

उज्जैन 20 सितंबर 2022 : मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। इस कॉरिडोर को बनाने में 750 करोड़ रुपये का खर्च आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। महाकाल की नगरी उज्जैन में शिवराज सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट महाकाल कॉरिडोर बनकर तैयार है। इस कॉरिडोर के बनने पर महाकाल मंदिर पहले से अब और ज्यादा भव्य हो गया है। इस प्रोजेक्ट के बाद यहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचेंगे, जिससे यहां का पर्यटन भी बढ़ेगा।

सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा, ”आज हमने जो काम देखा है उस से मैं संतुष्ट हूं। 11 अक्टूबर को माननीय प्रधानमंत्री महाकाल महाराज की नगरी पधारेंगे और प्रथम चरण के कार्यों का लोकार्पण करेंगे। हम आज से ही तैयारियां प्रारंभ कर रहे हैं।” सीएम ने बताया कि महाकाल महाराज की नगरी अवंतिका उज्जैनी तीन लोक से न्यारी है उर्जा स्थल है लेकिन महाकाल परिसर में शिव लीला को उकेर के भगवान की कृपा जो यहां बरसती थी उससे और यह परिसर अद्भुत बन गया है। भगवान की लीलाएं मां पार्वती गणेश जी कार्तिकेय जी ब्रह्मा विष्णु महेश सृष्टि का सार और शिवलीला का सार एक नजर में ही देश विदेश के लोग यहां देख पाएंगे। यह सच मुझ में अद्भुत स्थल है, सब कुछ जो हुआ है महाकाल महाराज की कृपा से ही हुआ है।

उन्होंने कहा, अभी पहले फेज का काम पूर्णता की ओर है। मैंने संपूर्ण काम को बहुत गहराई से देखा है और मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि पहले चरण के काम का अब लोकार्पण किया जा सकता है। माननीय प्रधानमंत्री जो सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ध्वजा पताका लेकर भी चल रहे हैं भारत की संस्कृति जीवन मूल और परंपराएं उनका दुनिया भर में प्रचार-प्रसार हो रहा है। हमने उन्हीं से प्रार्थना की है महाकाल महाराज के परिसर के प्रथम चरण का लोकार्पण करें। उन्होंने बताया, 11 अक्टूबर को पीएम महाकाल महाराज की नगरी पधारेंगे। यह आयोजन उज्जैन में तो होगा ही लेकिन उज्जैन के अलावा मध्य प्रदेश का हर गांव इस आयोजन से जुड़े हर शहर इस आयोजन से जुड़े इसकी भी पूरी योजना हम लोग बना रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है महाकाल महाराज की कृपा से हम अपने उज्जैन नगर और प्रदेश को और आगे ले जा पाएंगे।

कैसा होगा महाकाल कॉरिडोर और क्या है इसकी खासियत

  • महाकाल कॉरिडोर का पहला चरण 350 करोड़ का है। इसका काम करीब करीब पूरा कर लिया गया है। इसमें महाकाल कॉरिडोर, फेसिलिटी सेंटर, सरफेस पार्किंग और महाकाल द्वार का निर्माण कराया जा रहा है‌।
  • पुराण और महाकाल के महत्व को दर्शाता महाकाल थीम पार्क देखने को मिलेगा।
  • विस्तारीकरण योजना के पहले चरण में महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर पथ, शिव अवतार वाटिका, रूद्र सागर तट विकास, नूतन विद्यालय परिसर, गणेश विद्यालय परिसर,पार्किंग,धर्मशाला और प्रवचन हॉल होगा।
  • पूरे परिसर में आकर्षक लाइट, बैठने को हर 10 फीट की दूरी पर आरामदायक कुर्सियां, निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे, प्रदूषण डिटेक्टर और सूचना बोर्ड लगा होगा।
  • कॉरिडोर के एक ओर 108 आकर्षक स्तंभ, दूसरी ओर इतनी ही लंबी लगभग 15 फीट ऊंची दीवार पर शिव महापुराण में उल्लेखित देवी-देवताओं के भित्तीचित्र देखने को मिलेंगे। सप्तत्रषियों और नवग्रहों की मूर्तियां देखने को मिलेंगी।
  • हार-फूल-प्रसाद, श्रृंगार की दुकानें, टिकट काउंटर और सोलर सिस्टम युक्त सरफेस पार्किंग जोन का निर्माण खत्म होने के कगार पर है।
  • त्रिवेणी संग्रहालय के पीछे मंदिर में प्रवेश के लिए दो नए भव्य प्रवेश द्वार, 920 मीटर लंबे खूबसूरत कॉरिडोर से गुजरकर श्रद्धालु मंदिर आ पाएंगे।
  • श्रद्धालु पांच नए रास्तों से महाकाल मंदिर में प्रवेश कर पाएंगे।
  • फेसिलिटी सेंटर होगा जिसमें जूता स्टैंड, क्लॉक रूम, वेटिंग रूम, रेस्टोरेंट, पेयजल और अन्य सुविधाएं होंगी। पब्लिक प्लाजा बन रहा है जिसमें यात्रियों के लिए कियोस्क, टिकट काउंटर, टॉयलेट्स ब्लॉक आदि होंगे
  • दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर विकास, रुद्रसागर जीर्णोद्धार ,छोटा रूद्र सागर तट, रामघाट का सौंदर्यकरण, पार्किंग एवं पर्यटन सूचना केंद्र, हरी फाटक पुल का चौड़ीकरण, रेलवे अंडरपास, रुद्रसागर पर पैदल पुल, महाकाल द्वार एवं प्राचीन मार्ग बेगम बाग मार्ग का विकास होगा।
  • परिसर में पुरातन स्वरूप में पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक की स्थापित भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की 127 विशाल मूर्तियां देखने को मिलेंगी।

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