एक्ट्रेस ने किया 264 करोड़ का घोटाला: GST इंस्पेक्टर से बनीं मॉडल… अब 264 करोड़ के घोटाले में ED का शिकंजा….
मुंबई 10 फरवरी 2023 GST अधिकारी का पद छोड़कर अभिनेत्री बन चुकी कृति वर्मा (Kriti Verma) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 263 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच शुरू कर दी है. रोडीज़ और बिग बॉस सीज़न 12 जैसे टीवी शो में दिखाई देने वाली कृति वर्मा पर इल्जाम है कि आयकर विभाग से टैक्स रिफंड जारी करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले और ऐसे ही अपराध में शामिल प्रमुख अभियुक्तों के साथ उनके संबंध हैं. अब ईडी ने कृति को पूछताछ के लिए तलब किया है.
दरअसल, पिछले साल केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आयकर विभाग के एक वरिष्ठ कर सहायक तानाजी मंडल अधिकारी, पनवेल के कारोबारी भूषण अनंत पाटिल समेत कई लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी से टैक्स रिफंड जारी करने के मामले में केस दर्ज किया था.
दिल्ली में सीबीआई इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. जिसमें आकलन वर्ष 2007-08 और 2008-09 के लिए फर्जी रिफंड जारी करने की शिकायत की गई थी. उसी FIR के आधार पर ED ने पीएमएलए (PMLA) के तहत जांच शुरू की है.
मुख्य अभियुक्त तानाजी मंडल अधिकारी जब आयकर विभाग में एक वरिष्ठ कर सहायक के रूप में काम कर रहा था, तो उसकी पहुंच आरएसए टोकन तक थी. उसके पास पर्यवेक्षी अधिकारियों के लॉगिन क्रेडेंशियल थे. उसी की मदद से उसने दूसरों लोगों के साथ मिलीभगत करके इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया था.
ईडी का कहना है कि अधिकांश अवैध धन भूषण पाटिल के खाते में भेजा गया था और एक हिस्सा संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया था। जो प्रॉपर्टी खरीदी गईं, उनमें से कुछ कृति वर्मा के नाम पर भी था। कृति वर्मा ने आरोप से इनकार किया। उन्होंने कहा कि पाटिल के साथ उनके रिश्ते में आने से पहले उन्होंने एक डांस परफॉर्म किया था। उस परफॉर्मेंस का भुगतान उन्हें 1 करोड़ रुपये किया गया था। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में आरोपी के खिलाफ प्रासंगिक जानकारी प्रदान करके एजेंसियों की मदद की। कृति वर्मा का कहना है कि अपराध होने के बाद, 2020 के अंत में एक डांस शो के दौरान पाटिल से मिलने के बाद उनका पाटिल के साथ रिलेशन बना। कृति ने दावा किया कि धोखाधड़ी के बारे में जानने के 6 महीने के भीतर वह भूषण पाटिल से अलग हो गई थीं। ईडी ने अस्थायी रूप से उनकी संपत्ति कुर्क की है।
सीनियर टैक्स असिस्टेंट भी शामिल
कहा जाता है कि धोखाधड़ी को आई-टी इंस्पेक्टर तानाजी मंडल अधिकारी ने पाटिल के साथ मिलकर किया था। तानाजी मंडल उस समय वरिष्ठ कर सहायक के पद पर था। उसने अधिकारियों का विश्वास हासिल किया और उनके लॉग-इन क्रेडेंशियल्स और पासवर्ड का पता लगाया। उसने उनका इस्तेमाल पाटिल की कंपनी के एक खाते में वास्तविक और फर्जी टीडीएस रिफंड दावों को निपटाने के लिए किया।