टेक्नोलॉजी बिज़नेस

अब देश में ही बनेंगे हाई स्पीड ट्रेनों के व्हील्स एंड ट्रैक, अभी विदेशों पर रहना पड़ता है निर्भर…

नई दिल्ली 12 सितंबर 2022 : रेलमंत्री ने अश्विनी वैष्णव ने ऐलान किया है कि पहिया और पटरी अब देश में ही बनेगा. उन्होंने कहा कि  भारत अब High Speed Wheel और Hi speed Rail अब यहीं देश में तैयार करेगा. अब तक इंपोर्ट किया जाता रहा है. अब भारत आने वाले वक्त में Export भी करेगा. इस संबंध में आज ही टेंडर निकाला गया है. इस एग्रीमेंट का नाम “मेक इन इंडिया व्हील एग्रीमेंट” है. 120kmph से ज्यादा  की स्पीड में  ट्रेनों में Hi Speed wheel की ज़रूरत होती है.

बता दें कि1960 से यूरोप से इंपोर्ट करते थे.  LHB, वंदे भारत ( 400 का टारगेट) ट्रेनों में इसी व्हील की जरूरत है. टेंडर की पूरी प्रक्रिया दो महीने में पूरी कर ली जाएगी. 2 लाख Wheels / Year की ज़रूरत पड़ती है. एक लाख SAIL से लेते रहेंगे. बाकी नई फैक्ट्री से लेंगे, जो टेंडर के जरिए प्लांट लगाएगा. फिलहाल एक प्लांट लगनी है. प्लांट में निवेश करने वाली कंपनी को 80 हजार व्हील जिसकी रकम करीब 600 करोड़ रकम सालाना बैठती है ये बिजनेस पक्के तौर पर रेलवे देंगे. 18 महीने में फैक्ट्री सेट अप करके प्रोडक्शन स्टार्ट करने की योजना है. Wheel दो तरह के होते हैं। कास्ट व्हील और forced व्हील। तेज गति वाले ट्रेन में forced व्हील की जरूरत पड़ती है जो अब तक आयात ही करनी पड़ती थी। अब भारत में बनेगी।

देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदेभारत से लेकर हाई स्पीड ट्रेनों के व्हील्स अब देश में ही बना करेंगे। रेल मंत्रालय ने इसको लेकर आज टेंडर फ्लोट कर दिया है। कोशिश हैं की आने वाले समय में रेलवे की जरूरत को पूरा करने के साथ साथ दुनिया के देशों में एक्सपोर्ट भी किया जाय। वहील्स के साथ ही अब हाई स्पीड रेलवे ट्रेक के लिए पटरी भी अब यही तैयार किया जाएगा। जिसको लेकर बहुत जल्द टेंडर निकाला जाएगा। 

मेक इन इंडिया व्हील एग्रीमेंट योजना के तहत रेलवे पब्लिक सेक्टर की कम्पनी के अलावा निजी सेक्टर की कम्पनी भी इसमें शामिल होंगे। जिस कम्पनी के साथ एग्रीमेंट होगा उसके लिए रेलवे उन कम्पनियों को खरीद की गारंटी मुहैया कराएगी। जिसके साथ ही उनको एक्सपोर्ट करने की भी छूट होगी।

मौजूदा समय में रेलवे के बेलापुर और बैंगलोर स्थित रेल व्हील्स फैक्टरी ने कास्ट व्हील्स का उत्पादन होता है। पर नई नीति के बाद रेलवे ने बनाई जाने वाली जर्मनी तकनीकी से बनाई जाए वाली LHB कोच में फोर्ज्ड व्हील्स का उपयोग होता हैं। फिलहाल दूर्गापुर स्थित सेल के प्लांट में इसका उत्पादन होता है। पर ज्यादातर जरूरत यूरोपीय देशों से इम्पोर्ट किया जाता हैं पर अब 400 से ज्यादा वंदे भारत एक्सप्रेस से लेकर LHB ट्रेनों के लिए आने वाले समय में 2 लाख से ज्यादा सालाना इन फॉर्ज्ड व्हील्स की जरूरत है। 

अब इन मांग को ना केवल मेक इन इंडिया के तरह पूरा किया जाएगा बल्कि रेलवे प्लांट लगाने वाली कंपनी को 80 हजार व्हील खरीद की गारंटी देगी।  जिसकी रकम करीब 600 करोड़ से ज्यादा होगी। वही कम्पनी व्हील्स  एक्सपोर्ट करने की छूट होगी। 18 महीने में फैक्ट्री सेट अप करके प्रोडक्शन स्टार्ट करने की योजना है इसके साथ ही रेलवे ट्रेक के लिए भी जल्द प्लांट शुरू करने की योजना है।

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