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DERC चेयरमैन के शपथ ग्रहण पर अगली सुनवाई तक लगाई गई रोक, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और LG को जारी किया नोटिस

DERC Chairman Appointment: दिल्ली सरकार की तरफ से तर्क दिया गया कि पूर्व जस्टिस उमेश कुमार की नियुक्ति से दिल्ली के लोगों को मिल रही मुफ्त बिजली की सुविधा को खत्म किया जा रहा है.

DERC Chairman Appointment: राजधानी में दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेट्री कमीशन (DERC) चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर विवाद लगातार जारी है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई, जिसके बाद फिलहाल दिल्ली में DERC अध्यक्ष के शपथ पर रोक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और दिल्ली के एलजी को नोटिस जारी किया है, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. तब तक शपथ ग्रहण पर रोक जारी रहेगी. दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 7 जुलाई को होने जा रहे शपथ ग्रहण कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की थी.

‘200 यूनिट मुफ्त बिजली बंद करने की तैयारी’
DERC अध्यक्ष के तौर पर पूर्व जस्टिस उमेश कुमार की नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई हुई. दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकील सिंघवी ने कहा कि अपना DERC अध्यक्ष बनाकर एलजी दिल्ली के लोगों की 200 यूनिट मुफ्त बिजली बंद करना चाहते हैं. इसीलिए इस नियुक्ति पर रोक लगनी चाहिए. इसके बाद एलजी तफ्तर की तरफ से पेश हुए वकील ने इसका जवाब दिया.

एलजी दफ्तर ने दिया ये तर्क
वहीं एलजी ऑफिस के लिए पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसे आधारहीन बयान बताते हुए विरोध किया. मेहता ने कहा कि जस्टिस उमेश कुमार की नियुक्ति के मामले में दिल्ली सरकार को पूरी जानकारी थी. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र के अध्यादेश को चुनौती देना चाहती है, उससे पहले उसके एक हिस्से (सेक्शन  45-D के आधार पर हुई है नियुक्ति) के आधार पर जारी आदेश के अमल पर रोक हासिल कर तैयारी करना चाहती है. दोनों तरफ से हुई इस बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल एलजी और केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई के बाद ही DERC अध्यक्ष की नियुक्ति पर फैसला हो सकता है. 

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