हेल्थ / लाइफस्टाइल

जोड़ों में दर्द और सूजन ,हो सकती है बड़ी बीमारी ,इसके लक्षण और इलाज देखिये…

नई दिल्ली 13 अक्टूबर 2023 वर्ल्ड अर्थराइटिस डे यानी विश्व गठिया दिवस हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है. यह एक वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता इवेंट है जो हर साल गठिया रोग के बारे में जागरूकता पैदा करने, किसी के जीवन पर इसके प्रभाव और लक्षणों, निवारक उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए आयोजित किया जाता है. गठिया होने के कारण में कई लाइफस्टाइल फैक्टर्स के साथ धूम्रपान, मोटापा, खराब डाइट और एक्सरसाइज न करना भी शामिल है. कुछ गठिया रोग आनुवंशिकी भी होते हैं. हालांकि गठिया 50 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध लोगों में होता है, लेकिन अब यह रोग 30 वर्ष की आयु के लोगों में भी होने लगा है. तो आइए आज विश्व गठिया दिवस के मौके पर गठिया के बारे में जान लीजिए.

गठिया क्या है?

गठिया एक सूजन संबंधी डिसऑर्डर है जो शरीर में हड्डियों के जोड़ों के आसपास के टिश्यूज को प्रभावित करता है जिससे जोड़ों में दर्द, कड़कपन और चलने-फिरने में कठिनाई होती है. गठिया के 100 से अधिक प्रकार मौजूद हैं लेकिन सबसे आम हैं ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड गठिया.

रुमेटीइड गठिया, एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस और ल्यूपस जैसी सूजन से संबंधित है. वहीं दूसरा प्रकार ऑस्टियोआर्थराइटिस है जो गठिया का एक सामान्य प्रकार है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है.

गठिया के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है. इसके इलाज का तरीके गठिया के प्रकार पर निर्भर करता है. इसलिए गठिया के संकेत और लक्षणों को समझना काफी जरूरी है.

गठिया के लक्षण

गठिया की शुरुआत में हाथों में दर्द महसूस होता है. इसके बाद धीरे-धीरे सुबह-शाम जोड़ों में अकड़न और सूजन जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. हाथों को काम करने में भी दिक्कत होने लगती है. विशेषज्ञों का कहना है कि हड्डियों और जोड़ों को खराब होने से बचाने के लिए जरूरी है कि शुरुआत में ही इसका इलाज हो जाए.

गठिया का इलाज

गठिया से बचने के लिए हर एक व्यक्ति को पोषण से भरा संतुलित आहार लेना चाहिए. धूम्रपान से बचना चाहिए क्योंकि इससे गठिया का खतरा बढ़ जाता है. अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित हो गया है तो ऐसे व्यक्ति को अपनी जीवनशैली को बदलना होगा. गठिया से पीड़ित लोगों को मांसपेशियों को मजबूत और जोड़ों को लचीला बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम भी करना चाहिए.

डॉ. मेंदीरत्ता ने कहा, “आपको यह समझना होगा कि हर प्रकार के गठिया का इलाज अलग-अलग होता है इसलिए हर व्यक्ति को अलग-अलग दवाएं भी खानी हो सकती हैं. अगर आपको जोड़ों में या शरीर में दर्द रहता है तो तुरंत किसी एक्सपर्ट को दिखाएं.

दर्द निवारक दवाओं का प्रयोग ना करें

डॉ. मेंदीरत्ता ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘कई लोग शरीर में हल्का सा दर्द होने पर पेन किलर्स खा लेते हैं लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए. दरअसल, दर्द निवारक दवाएं सीधे किडनी को प्रभावित करती है. ओवर-द-काउंटर गोलियों का उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए. अब गठिया के लिए जैविक इंजेक्शन का उपयोग किया जा रहा है. जोड़ों को मुड़ने से बचाने के लिए यह एक अच्छा इलाज है.

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