मनोरंजन

दया बेन, बबिता जी के बाद अब इस कलाकार ने छोड़ा तारक मेहता का उल्टा चश्मा! एक महीने से नहीं कर रहे शूटिंग

मुंबई 17 मई 2022 सभी के पसंदीदा शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) से एक बुरी और हैरान करने वाली खबर सामने आई है। लीड ऐक्टर शैलेश लोढ़ा (Shailesh Lodha) शो को छोड़ रहे हैं। करीब 14 साल तक इस शो में काम करने के बाद उन्होंने शूटिंग बंद कर दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक शैलेश नए और अच्छे मौके के लिए शो छोड़ रहे हैं। शो में जेठालाल के खास दोस्त यानी तारक मेहता की भूमिका निभा रहे शैलेश एक जाने माने कवि, ऐक्टर, कॉमेडियन और राइटर हैं। आइये जानते हैं शैलेश के जीवन (Shailesh Lodha Biography) से जुड़ी बातें..

एक महीने से नहीं की शो की शूटिंग

ई-टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शैलेश लोढ़ा ने शो छोड़ने का मन बना लिया है। बताया जा रहा है कि पिछले एक महीने से शैलेश लोढ़ा शो के लिए शूटिंग नहीं कर रहे हैं और उनका यहां लौटने का भी कोई इरादा नहीं है। दावा किया जा रहा है कि शैलेश शो के कॉन्ट्रैक्ट से खुश नहीं हैं और उन्हें लगता है कि उनकी डेट्स का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किय्या जा रहा है। शो छोड़ने की दूसरी वजह यह भी बताई जा रही है कि एक्स्क्लुसिविटी फैक्टर के चलते शैलेश दूसरे मौकों को एक्सप्लोर नहीं कर पा रहे हैं। हाल ही में वे कई ऑफर ठुकरा चुके हैं और लेकिन आगे वे मौके गंवाना नहीं चाहते। प्रोडक्शन हाउस की ओर से शैलेश को मनाने की काफी कोशिश की जा रही है। लेकिन ऐसा लगता है कि वे शो छोड़ने की ठान चुके हैं। हालांकि, खुद शैलेश की ओर से इस बारे में कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन अगर वाकई वे यह शो छोड़ते हैं तो मेकर्स को इसे आगे बढ़ाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सक्ता है।

बचपन से ही था कविताएं लिखने का शौक
शो में तारक मेहता का किरदार निभाने वाले शैलेश लोढ़ा का जन्म 8 नवंबर 1969 में राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। शैलेष ने मुंबई में रहकर एक एक्टर के तौर पर पहचान बनाई। शैलेश लोधा बचपन से पढ़ाई में होशियार थे और उन्हें कविताएं लिखने का शौक था। उन्हें बचपन से ही एक कवि के रूप में जाना गया। शैलेश ने बीएससी किया और अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय जोधपुर में काम किया, हालांकि उन्हें अब जीवन में कुछ बड़ा करना था इसीलिए उन्होंने कवि के तौर पर अपनी एक नई पहचान बनाई। शैलेश आए दिन कविता सम्मेलनों में भाग लेते हैं।

Back to top button