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रविवार की रात खुला हाईकोर्ट :…जानिये क्या है मामला जिसकी सुनवाई छुट्टी के दिन हुई, पढ़िए

रायपुर 30 मई 2022। रविवार को छुट्टी के बावजूद हाईकोर्ट एक स्पेशल केस की सुनवाई के लिए खुला। शाम साढ़े सात बजे डिवीजन बेंच में वर्चुअल सुनवाई हुई। करीब एक घंटे की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने कलेक्टर जांजगीर-चांपा के आदेश पर रोक लगा दी है। नगर पंचायत राहोद की अध्यक्ष ने कलेक्टर द्वारा जारी अविश्वास प्रस्ताव के आदेश को चुनौती दी थी।

कलेक्टर जांजगीर-चांपा से नगर पंचायत उपाध्यक्ष व पार्षदों ने अध्यक्ष सत्या राजेंद्र गुप्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए अविश्वास प्रस्ताव की मांग की थी। इस पर कलेक्टर जांजगीर-चांपा जितेंद्र शुक्ला ने अध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए 30 मई को अविश्वास प्रस्ताव के लिए नगर पंचायत राहोद की बैठक बुलाने व मतदान की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे। जानकारी के मुताबिक राहोद नगर पंचायत के उपाध्यक्ष व पार्षदों ने चार मई को कलेक्टर कार्यालय में शिकायत की थी। कलेक्टर ने 15 मई को नगर पंचायत अध्यक्ष को नोटिस जारी किया था। नोटिस में 30 मई को अविश्वास प्रस्ताव की तिथि तय कर दी। शिकायत को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष से पूछताछ नहीं किये जाने को लेकर भी सवाल खड़े किये थे।

राहोद नगर पंचायत की अध्यक्ष ने इसके खिलाफ वकील सुमित सिंह के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय में अर्जेंट हीयरिंग की गुहार लगाई। इसमें सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का जिक्र भी किया। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के. अग्रवाल व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में हुई। डिवीजन बेंच ने कलेक्टर के अविश्वास प्रस्ताव के लिए आदेश पर रोक लगा दी है।

याचिकाकर्ता के वकील सुमित सिंह ने कलेक्टर की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि पार्षदों की शिकायत के आधार पर अविश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि तय करना प्रविधान का खुला उल्लंघन है। शिकायत की जांच कराई जानी थी। याचिकाकर्ता को एक नोटिस जारी कर अविश्वास प्रस्ताव की तिथि बता दी गई। उनकी गलती क्या है और किस आरोप के आधार पर कार्रवाई की जा रही है, इसका भी नोटिस में जिक्र नहीं किया गया। याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप तय किए बिना ही इस तरह की कार्रवाई नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है।

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