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न्यायपालिका में निष्पक्षता : “मेरी बेटी वकालत करेगी, इसलिए मेरा तबादला दूसरे हाईकोर्ट में कर दें”…कॉलिजियम ने जस्टिस के अनुरोध पर ट्रांसफर की कर दी सिफारिश

भोपाल 30 मार्च 2023। तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद देश की न्यायपालिका आज भी निष्पक्षता की मिसाल है। एक ऐसा ही उदाहरण मध्यप्रदेश में भी देखने को मिला, जब बेटी की हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने पर जस्टिस पिता ने अपना तबादला अन्य राज्य में कराने की मांग कॉलेजियम से की। कॉलेजियम ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए जस्टिस का तबादला जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय में करने की सिफारिश की है।

दरअसल न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन का ट्रांसफर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट किया है। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन ने इस आधार पर मध्य प्रदेश से बाहर ट्रांसफर की मांग की कि उनकी बड़ी बेटी अगले साल वकालत में प्रवेश करेगी और जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में प्रैक्टिस करेगी।

जस्टिस श्रीधरन ने कहा कि जब उनकी बेटी वकालत में आती है तो वह मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में बने नहीं रहना चाहेंगे। जस्टिस श्रीधरन के प्रस्ताव पर विचार करते हुए कॉलिजियम ने न्यायमूर्ति का तबादला जम्मू कश्मीर करने की सिफारिश की है।

कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में लिखा है…

न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन को 7 अप्रैल 2016 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। 23 जनवरी 2023 के अपने संचार द्वारा, उन्होंने इस आधार पर मध्य प्रदेश राज्य से बाहर स्थानांतरण की मांग की है कि उनकी बड़ी बेटी वकालत में अगले साल प्रवेश करेगी और जिला न्यायालय और उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के समक्ष पेश होंगी। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन ने कहा है कि जब उनकी बेटी वकालत में आती है तो वह मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में बने रहने की इच्छा नहीं रखते हैं। कोलेजियम ने न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन के अनुरोध को स्वीकार करने और न्याय के बेहतर प्रशासन के हित में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सिफारिश करने का संकल्प लिया है।

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