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NW न्यूज 24 स्पेशल : अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव : कला, संस्कृति और विरासत का अनूठा संगम… मुख्यमंत्री की सोच ने जनजातीय कलाओं को संजोने का तैयार किया नायाब मंच…

रायपुर 27 अक्टूबर 2022। 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ 22 साल पूरे कर लेगा। राज्योत्सव के साथ आदिवासी नृत्य की अनूठी छठा इस बार आयोजन में चार चांद लगाने को तैयार है। मुख्यमंत्री ने जब छत्तीसगढ़ की कमान संभाली है, उन्होंने कला, परंपरा और विरासत को ना सिर्फ संजोने का काम किया है, बल्कि उसे वैश्विक स्तर पर उभारने का भी काम किया है। छत्तीसगढ में 1 नवंबर से 3 नवंबर तक अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उसी सोच को साकार कर रहा है। ये लगातार तीसरा साल है, जब छत्तीसगढ़ की जमीं अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की मेजबानी कर रहा है। इस आयोजन में देश-विदेश के आदिवासी कलाकार शिरकत तो करेंगे ही, आदिवासी संस्कृति के इस अनूठे संगम का गवाह भी देश के नामचीन अतिथि होंगे।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर आदिवासी नृत्य महोत्सव का निमंत्रण प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों को भेजवाया गया है। अहम बात ये है कि खुद विधायक व संसदीय सचिव निमंत्रण पत्र लेकर हर राज्यों में पहुंचे और आमंत्रण पत्र सौंपा है। 23वें राज्य स्थापना दिवस पर तीसरी बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य एवं गरिमामय आयोजन रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में होगा। इस महोत्सव के माध्यम से न केवल राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय कलाकारों के बीच उनकी कलाओं की साझेदारी होगी, बल्कि वे एक-दूसरे के खान-पान, रीति-रिवाज, शिल्प-शैली को भी देख-समझ सकेंगे। इन प्रयासों के क्रम में हमने नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल के रूप में एक बहुत महत्वपूर्ण परंपरा की शुरुआत छत्तीसगढ़ में की है। हमारा यह प्रयास न केवल छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि देश और पूरी दुनिया के जन-जातीय समुदायों के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

हर राज्य के मुख्यमंत्रियों को दिया गया है आमंत्रण..

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य की ओर से मंत्री, संसदीय सचिव, विधायकगण सहित अन्य जनप्रतिनिधि देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करने पहुंच रहे हैं।राज्योत्सव एवं राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए आमंत्रण की कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आमंत्रित करने विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा और डॉ. लक्ष्मी ध्रुव पहुंची। उन्होंने श्री गहलोत से मुलाकात कर उन्हें छत्तीसगढ़ की आदिवासी कलाकृति भेंट करते हुए महोत्सव में सम्मिलित होने आमंत्रित किया। वहीं असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमन्त बिश्व शर्मा से मुलाकात कर संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े ने आमंत्रित किया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विधायक खेलसाय सिंह एवं संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह ने मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री सोरेन को रायपुर में आयोजित हो रहे तृतीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से निमंत्रण पत्र दिया। पुद्दूचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी से संसदीय सचिव इन्द्रशाह मंडावी एवं विधायक दलेश्वर साहू ने मुलाकात कर आमंत्रण पत्र सौंपा। सिक्किम के लोक निर्माण एवं संस्कृति मंत्री संदूप लेपचा को आमंत्रित करने पहुंचे संसदीय सचिव कुंवरसिंह निषाद एवं विधायक भुनेश्वर बघेल ने आमंत्रण पत्र और आदिवासी कलाकृति भेंट किया। विधायक सत्यनारायण शर्मा ने लक्षद्वीप के प्रशासक के प्रतिनिधि से मुलाकात कर उन्हें आमंत्रित किया है।इसी कड़ी में संसदीय सचिव गुरूदयाल बंजारे ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को, संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक साहा को, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरूण मेहता को और लघु वनोपज संघ के जीएम एस. मनीवासगन ने तमिलनाडु सरकार के उद्योग मंत्री थांगम थेन्नारासु को आमंत्रित किया है।

9 देशों के आदिवासी कलाकार पहुंचेंगे महोत्सव में

भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय कलाकारों की टीमों के साथ-साथ 09 देशों के जनजातीय कलाकारों की टीमें भी शामिल हो रही हैं। इस वर्ष यह आयोजन 01 नवंबर से शुरू हो रहा है। यह छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की तारीख भी है। रायपुर में राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव का आयोजन तीन दिनों तक किया जाएगा। इस आयोजन मंी 1500 जनजातीय कलाकार शामिल होंगे। इनमें से 1400 कलाकार भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हैं, और 100 कलाकार विदेशों के होंगे। अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का यह तीसरा आयोजन है। पिछले वर्ष इस आयोजन में 12 देशों ने रुचि ली थी, जिनमें से 07 ने इसमें हिस्सा लिया था। इस साल 26 देशों ने रुचि प्रदर्शित की है, इनमें से 09 देश इस महोत्सव में शामिल होने जा रहे हैं। इस आयोजन में मोजांबिक, मंगोलिया, टोंगो, रशिया, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूजीलैंड और इजिप्ट के जनजातीय कलाकार हिस्सा लेंगे।

20 लाख रूपये के पुरस्कार मिलेंगे विजेताओं को

इस आयोजन में इंटरनेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल में दो कैटेगिरी में प्रतियोगिताएं होंगी। विजेताओं को कुल 20 लाख रुपए के पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान के लिए 5 लाख रुपए, द्वितीय स्थान के लिए 03 लाख रुपए और तृतीय स्थान के लिए 02 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे। 1 नवंबर को सुबह नृत्य महोत्सव का शुभारंभ होगा और शाम को राज्योत्सव के अवसर पर राज्य अलंकरण दिया जाएगा। 3 नवंबर को नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल का समापन होगा। इस महोत्सव के माध्यम से न केवल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय कलाकारों के बीच उनकी कलाओं की साझेदारी होगी, बल्कि वे एक-दूसरे के खान-पान, रीति-रिवाज, शिल्प-शैली को भी देख-समझ सकेंगे। महोत्सव के दौरान संगोष्ठियां भी होंगी, जिनमें जनजातीय विकास के बारे में विमर्श होगा। जाने-माने विशेषज्ञ भी इसमें शामिल होंगे। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की आदिवासी कला संस्कृति, रीति-रिवाज, उत्सव, परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन तथा देश के राज्यों सहित विश्व के अन्य देशों में निवासरत आदिवासी लोगों के कला-संस्कृति के आदान-प्रदान के उद्देश्य से भव्य आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन शुरू किया गया है।

नृत्य के साथ संस्कृति को संजोने की कोशिश

छत्तीसगढ़ राज्य का 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। 42 तरह की जनजातियां प्रदेश में निवास करती हैं। इन सभी जनजातियों के अपने-अपने तीज-त्यौहार हैं, अपनी-अपनी संस्कृति है, अपनी-अपनी कला परंपराएं हैं। इन्हीं सबसे मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य की सुंदर संस्कृति और परंपराओं का निर्माण होता है। छत्तीसगढ़ में जनजातियों की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 31 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति एवं सभ्यता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। इसी कड़ी में राज्य में तीसरी बार आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल की पहल पर इंटरनेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल के रूप में एक बहुत महत्वपूर्ण परंपरा की शुरुआत छत्तीसगढ़ में की गई है। यह प्रयास न केवल छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि देश और पूरी दुनिया के जन-जातीय समुदायों के आपसी मेलजोल, कला-संस्कृतियों के आदान-प्रदान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध साबित हो रहा है।

जनजातीय कलाकारों के बीच होगी कलाओं की साझेदारी : मुख्यमंत्री

श्री बघेल ने कहा कि वनवासियों, आदिवासियों, किसानों, ग्रामीणों और वंचित वर्ग के लोगों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में कला, संस्कृति और पर्यटन को हमने एक मजबूत संसाधन के तौर पर इस्तेमाल किया है, और इसके बढ़िया परिणाम भी हमें मिले हैं। आयोजन के दौरान श्री बघेल ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ की ओर से नौ देशों को आमंत्रण पत्र भेजा गया है। ये सभी देश पहली बार रायपुर में अपनी प्रस्तुति देंगे। इस आयोजन में मोजांबिक, मंगोलिया, टोंगो, रशिया, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूजीलैंड और इजिप्ट के जनजातीय कलाकार हिस्सा लेंगे।

राष्ट्रीय महोत्सव के लिए दो थीम तय

इस बार आदिवासी नृत्य महोत्सव में दो थीम रखी गई है। पहली थीम है ‘फसल कटाई पर होने वाले आदिवासी नृत्य’ और दूसरी थीम है ‘आदिवासी परम्पराएँ और रीति- रिवाज’। विजेताओं को कुल 20 लाख रुपए के पुरस्कारों का वितरण किया जाएगा। प्रथम स्थान के लिए 5 लाख रुपए, द्वितीय स्थान के लिए 3 लाख रुपए और तृतीय स्थान के लिए 2 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे।

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