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केरल की राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्लेयर ने बिहार में की आत्महत्या…कोच पर लगाया इल्जाम…पढ़े क्या है मामला….

बिहार 11 जून 2022 “तुम पहले जैसी नहीं रही, तुम कितनी बदल गई हो. तुम कितना हँसती और बोलती थी. किसी के मिलने पर उससे बात करने पर खुश होती थी. तुम्हें मालूम है मैं उस ‘पुरानी तुम’ से कितना प्यार करती हूं…”

“लेकिन आज तुमने खुद को समेट लिया है. तुमने बात करना बंद कर दिया है जैसे तुमने खुद को कहीं खो दिया है. तुम वापस आओगी. मैं चाहती हूं कि तुम वापस लौटो कुछ यादें बनाने के लिए.”

मलयालम भाषा में लिखा ये आख़िरी खत लिथारा केसी का है.

23 साल की लिथारा केसी ने 26 अप्रैल को पटना के राजीव नगर स्थित अपने किराए के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.

जिसके बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 28 अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस संबंध में पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है.
क्या है मामला
मूल रूप से केरल के कोझीकोड के कक्काटिल की रहने वाली लिथारा बास्केटबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी थीं. वो साल 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर बास्केटबॉल फेडरेशन कप जीतने वाली केरल टीम की सदस्य थी.

उन्हें स्पोर्ट्स कोटे से रेलवे में नौकरी मिली थी. लिथारा पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर डिवीजन के पर्सनल डिपार्टमेंट (कार्मिक विभाग) में जूनियर क्लर्क के तौर पर 15 नवंबर 2019 से काम कर रही थीं.

26 अप्रैल को लिथारा अपने घर शाम तकरीबन 6 बजे लौटी और खुद को कमरे में बंद कर लिया. केरल में रह रहे उनके माता पिता ने उनसे रात को संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वो असफल रहे.

जिसके बाद परेशान होकर उन्होंने लिथारा के किराए के घर के पास रहने वाले एक जान पहचान के व्यक्ति से संपर्क किया. लेकिन जान पहचान के व्यक्ति का फ़ोन भी लिथारा ने नहीं उठाया.

जिसके बाद लिथारा के घर जाकर देखने पर आत्महत्या की बात सामने आई.

लिथारा के परिवार को इस घटना की सूचना दी गई जिसके बाद लिथारा के मामा राजीवन और उनके एक पड़ोसी निशांथ पटना आए. जिन्हें पोस्टमॉर्टम करके शव सौंप दिया गया.
कोझीकोड में रहने वाले लिथारा के पिता करूनान केसी दैनिक मजदूरी करते हैं. उनकी पत्नी यानी लिथारा की मां कैंसर की मरीज हैं.

इस दंपति के तीन बच्चे हैं जिसमें से दो लड़कियों यानी लिथारा की दो बहनों की शादी हो चुकी है. लिथारा सबसे छोटी संतान थीं और अपने माता-पिता का अकेला आर्थिक सहारा भी.

उनके पड़ोसी निशांथ ने बीबीसी हिंदी को बताया, “लिथारा का परिवार आर्थिक तौर पर बहुत कमजोर बैकग्रांउड से आता है. चूंकि वो सरकारी नौकरी में थीं तो परिवार के लिए वहीं एक उम्मीद थीं. उसने शायद अभी कुछ लाख का लोन भी लिया था. वो थोड़े दिनों पहले ही 11 अप्रैल को घर आई थीं और तीन दिन रहने के बाद पटना काम पर लौट गई थी. वो एक खुशमिजाज लड़की थीं.”
निशांथ बताते है कि लिथारा ने अपने परिवार से कई बार ये जिक्र किया था कि कोच रवि सिंह लिथारा को लगातार परेशान करते थे. वो कहते है, “हम लोगों VS उसके साथ खेलने वाले खिलाड़ियों से भी बात की तो उन्होंने बताया कि लिथारा कोच से परेशान थीं.”

लिथारा के मामा राजीवन ने पटना के राजीव नगर थाने में 27 अप्रैल को जो नामजद एफआईआर कराई है उसमें भी लिखा है, “लिथारा ने मुझे पूर्व में फोन पर बताया था कि मेरे बॉस्केटबॉल कोच के द्वारा शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है. मेरे ऊपर भी वो दबाव बना रहे हैं. उनकी ऊपर तक पहुंच होने के चलते मैं उनके विरुद्ध कंप्लेन नहीं कर पा रही हूं. मुझे (राजीवन) को पूर्ण विश्वास है कि लिथारा ने अपने कोच रवि सिंह के उकसाने/प्रताड़ित करने के कारण ही मानसिक रूप से परेशान होकर आत्महत्या कर ली है.”

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