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मुख्यमंत्री सुपोषण योजना:बच्चों और महिलाओं के पोषण का रखा जा रहा विशेष ध्यान, भूपेश बघेल के एक निर्णय से लाखों बच्चे हो गए कुपोषण से मुक्त

रायपुर 10 जुलाई 2023 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बच्चों से लगाव और प्यार जग जाहिर है. बच्चे हमारे देश और प्रदेश का भविष्य हैं. इसलिए प्रदेश सरकार बच्चों के बेहतर परवरिश और भविष्य को लेकर कई तरह की योजनाएं संचालित कर रही है. प्रदेश में कुपोषण और एनीमिया बड़ी समस्या रही है. मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने इसे गम्भीरता से लिया और कार्ययोजना बनाकर मुख्यमंत्री सुपोषण योजना शुरू करने का फैसला लिया. बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता ही है कि उनकी नीतियों और योजनाओं की वजह से आज लाखों बच्चों कुपोषण मुक्त हो चुके हैं और कुपोषण के दर में क्रांतिकारी गिरावट आया है. बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य, बच्‍चों को कुपोषण से बचाने के लिए और एनीमिया पीड़ित महिलाओं में खून की कमी दूर करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्‍यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की है. इस योजना की शुरूआत राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती पर 02 अक्‍टूबर 2019 को की गई थी.

इस योजना के तहत राज्‍य के 0 से 6 साल की आयु वर्ग वाले बच्‍चों को कुपोषण और एनीमिया से और 15 साल से लेकर 49 साल की आयु की महिलाओं को एनीमिया से मुक्‍त कराया जा रहा है. इस योजना को लोगों के सहयोग और लोगों की भागीदारी के साथ शुरू किया गया था. लेकिन अब इसे मुख्‍यमंत्री सुपोषण योजना के नाम से संचालित किया जा रहा है

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना को ऐसे समझिए-

छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में बच्‍चों और महिलाओं को सेहतमंद रखने और अनेक प्रकार की बीमारीयों से बचाने के लिए मुख्‍यमंत्री सुपोषण अभियान योजना की शुरूआत की है. जिसके तहत राज्‍य के गरीब परिवार के बच्‍चों और महिलाओ को पौष्टिक आहार उपलब्‍ध कराया जा रहा है. योजना के तहत बच्चों और महिलाओं को अलग-अलग पौष्टिक खाना दिया जा रहा है. जिसे खाने से बच्‍चो में कुपोषण दूर हो रहा है और महिलाओ में एनीमिया जैसी बीमारी दूर हो रही है. इस योजना के प्रयासों से राज्‍य के बच्‍चों में कुपोषण को दूर करने में बड़ी सफलता हासिल हुई है. इस योजना ने करीब 40 प्रतिशत बच्चों को कुपोषण जैसी बीमारी से मुक्ति‍ दिलाई है. और आने वाले समय में इस अभियान के तहत राज्‍य के बच्‍चों को कुपोषण रहति कर करने का लक्ष्य है. इस योजना की सफलता को इसी से समझा जा सकता है कि सिर्फ पिछले करीब 2 साल में ही करीब 1 लाख 40 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का उद्देश्य-

योजना का मुख्य उद्देश्य राज्‍य के कुपोषित बच्‍चों को सुपोषित बनाना है और कुपोषण से उत्‍पन्‍न होने वाली बीमारीयों पर रोक लगाना है. वहीं एनीमिया रोग से ग्रसित महिलाओं को इस बीमारी से मुक्‍त कराना भी इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. एक वक्त था जब छत्तीसगढ़ के अधिकांश क्षेत्रों के बच्चों में कुपोषण बड़ी समस्या के तौर पर देखा जाता था, और महिलाएं एनीमिया रोग से ग्रसित देखी जाती थीं. लेकिन उन सभी के बेहतर स्वास्थ्य के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की गई, जिससे प्रदेश के बच्‍चे और महिलाएं कुपोषण और एनिमिया जैसी बीमारीयों से बहुत हद तक छुटकारा पा रहे हैं. महिलाएं एनीमिया रोग से ग्रसित होती है क्‍योंकि परिवार की आर्थिक तंगी के कारण वो प्रेग्‍नेसी के समय अच्‍छा खान पान यानी पौष्टिक आहार नहीं ले पाती हैं, जिससे गर्भ में पल रहे बच्‍चे में कमजोरी आ जाती है और उन के भी अन्‍दर खून की कमी हो जाती है. जिस कारण उनके शरीर में अन्‍य कई प्रकार की बीमारीयां उत्‍पन्‍न हो जाती है और शिशु के जन्‍म के उपंरात भी महिलाएं अपना खान-पान अच्‍छे से नही कर पाती हैं, जिस कारण बच्‍चा और भी ज्‍यादा कुपोषण का शिकार हो जाता है. इसी कारण बच्‍चे में भी अनेक प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं. इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए सूबे के संवेदनशील मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्‍यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की विशेषताएं-

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत राज्‍य के बच्‍चों और महिलाओं को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अब मिलेट्स भी पौष्टिक आहार के तौर पर दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत 3 वर्ष से लेकर 6 वर्ष तक की आयु के बच्‍चों को वहीं गर्भव‍ती महिलओं और 6 माह तक के दूध पीने वाले बच्चों की माताओं को प्रोटीन से भरपूर खाना दिया जाता है, जिसमें अंडे और स्वाबिन बड़ी शामिल है. इसके अलावा बच्‍चों को मूंगफली और गुड़ से बने हुए लड्डू भी दिए जाते हैं. वहीं गर्भवती स्त्रियों को पौष्टिक आहार का पैकेट दिया जाता है. अब मिलेट्स भी इसमें शामिल किया जा रहा है

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के लिए आवेदन की योग्यताएं-

इस योजना का लाभ केवल छत्तीसगढ़ राज्‍य के स्‍थाई निवासी, गरीब परिवार के बच्‍चे और औरतें ही उठा सकती हैं.
केवल वो ही महिलाएं योजना का लाभ उठा सकती है जो एनीमिया रोग से ग्रसित हैं या गर्भवती हैं. इसके अलावा 6 माह के दूध पीने वाले शिशु की माताएं भी उठा सकती है. इस योजना का लाभ राज्‍य के 0 से 6 वर्ष तक के बच्‍चों को दिया जा रहा है

मुख्‍यमंत्री सुपोषण योजना मोबाइल एप डाउनलोड करने की प्रक्रिया-

छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्‍यमंत्री सुपोषण योजना के लिए एंड्रॉयड एप्‍लीकेशन अर्थात एप को लॉन्‍च किया है. इस एप को डाउनलोड करने के लिए आपको सबसे पहले योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर क्लिक करना होगा. जिसके बाद आपके सामने होम पेज खुल जाएगा. इस पेज पर आपको मुख्‍यमंत्री दर्पण का ऑप्‍शन दिखाई देगा. जब आप मुख्‍यमंत्री दर्पण के ऑप्‍शन पर क्लिक करेंग तो आपके सामने एक और पेज खुल जाएगा. इस पेज पर आपको योजनाओं के Android Apps का ऑप्‍शन दिखाई देगा उस पर क्लिक कर देना है. जैसे ही आप क्लिक करेंग तो आपके सामने कई योजनाओ के एंड्राइड एप खुल जाएंगे आपको इनमे से मुख्‍यमंत्री सुपोषण योजना का चुन लेना है. जैसे आप उस पर क्लिक करेंग तो आप गूगल प्‍लेस्‍टोर के मुख्‍यमंत्री सुपोषण योजना एप के पेज पर पहुंच जाएंगे. यहां से आप इस एप को इंस्टॉल कर सकते हैं

कुपोषण से मिल रहा छुटकारा-

प्रदेश में कुपोषण के कुचक्र को तोड़ने के लिए चलाये जा रहे प्रदेशव्यापी ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ से कुपोषण के दायरे में आने वाले 2 लाख 65 हजार से ज्यादा बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर लाने में सफलता मिली है. इसमें करीब 1 लाख 40 हजार बच्चों को तो पिछले 2 साल में कुपोषण मुक्त किया गया है. अभियान के तहत एक लाख 50 हजार से ज्यादा महिलाओं को एनीमिया से मुक्त किया गया है…….

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