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धन्यवाद मुख्यमंत्री जी ! स्कूलों में शाला प्रवेशोत्सव कल : जिलों से LIVE जुड़ेंगें मंत्री, जनप्रतिनिधि व कलेक्टर्स….बस्तर के बीहड़ के 260 स्कूल भी कल से होंगे गुलजार…शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश

रायपुर 15 जून 2022। कल से नये शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो रही है। कल प्रदेश में शाला प्रवेशोत्सव को खास तरीके से मनाने का निर्णय शिक्षा विभाग ने लिया है। इस दौरान सभी जिलों से कलेक्टर्स और जनप्रतिनिधि लाइव जुड़ेंगे। स्कूलों से आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान बच्चे और शिक्षक भी मौजूद रहेंगें। शिक्षा विभाग ने तैयारी की है कि शाला प्रवेशोत्सव के पहले ही दिन बच्चों को स्कूल ड्रेस और किताबें भी उपलब्ध करा दी जाये। वहीं इस बार नया शैक्षणिक सत्र बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों के लिए वरदान बनने वाला है। सालों से बंद स्कूल फिर से गुलजार होने वाले हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 16 जून को दोपहर 1.30 बजे अपने निवास कार्यालय से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का प्रदेश के चयनित मुख्य स्कूलों में सीधा प्रसारण किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यक्रम में बटन दबाकर नक्सल प्रभावित चार जिलों- सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में बंद पड़े 260 स्कूलों को फिर से शुरू करेंगे। इन स्कूलों से 11 हजार 13 बच्चों को शिक्षा का लाभ मिलेगा। बीजापुर जिले में सबसे अधिक 158, सुकमा जिले में 97, नारायणपुर जिले में 4 और दंतेवाड़ा जिले में एक बंद स्कूल फिर से खोला जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल छत्तीसगढ़ महतारी एवं स्वामी आत्मानंद के चित्र पर मार्ल्यापण कर कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इस मौके पर पुनः खोले जा रहे स्कूलों के पालकों और बच्चों से ऑनलाइन सीधा संवाद करेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और बीजापुर के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा भी कार्यक्रम को सम्बोधित करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विद्यार्थियों का स्वागत और पुस्तक वितरण करेंगे।

जिला स्तरीय कार्यक्रम अपरान्ह 3 बजे से शुरू होंगे

प्रदेशव्यापी शाला प्रवेश उत्सव के मुख्य कार्यक्रम के बाद जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव के कार्यक्रम 3 बजे से शुरू होंगे। जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में नव-प्रवेशित बच्चों का मिठाई, गुलाल, पुस्तक एवं गणवेश वितरण कर प्रतिभाशाली बच्चों का सम्मान एवं स्वागत किया जाएगा। अतिथियों द्वारा विभिन्न हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ- महतारी दुलार योजना, सायकल वितरण, विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों के लिए आवश्यक संसाधन और प्रतीकात्मक छात्रवृत्ति का वितरण किया जाएगा। जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी, शाला संकुल के प्राचार्य आगामी सत्र में गुणवत्ता सुधार के लिए तैयार कार्ययोजना से समुदाय विशेषकर पालकों को परिचय कराएंगे। कार्यक्रम में चयनित बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी। पालकों एवं शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों के बीच चर्चा होगी। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि और विशेष अतिथियों द्वारा सम्बोधित किया जाएगा।

बस्तर में 260 स्कूल खुलेंगे

शिक्षा विभाग ने इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली है। बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थिति सामान्य होने के बाद पलायन कर गये लोग अब फिर से अपने गांवों में लौटने लगे हैं। ऐसे में उन इलाकों के बच्चों के लिए स्कूलों को दोबारा से खोलने का फैसला राज्य सरकार ने लिया है।

 गांव में स्थिति सामान्य होने पर ग्रामीणों नेस्कूलों को दोबारा खोलने की मांग शुरू कर दी। कई ग्राम में स्थानीय स्तर पर स्कूलकी व्यवस्था की गयी, तो वहीं खनिज मद से शिक्षा दूत की व्यवस्था कर बच्चों का पठन पाठन शुरू किया गया। 16 जून से शुरू हो रहे नये शैक्षणिक सत्र के साथ नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में 260 नये स्कूलों को खोलने को फैसला लिया गया है। शिक्षा विभाग ने इन चारों जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वो अपने स्तर से स्कूल संचालन को लेकर तैयारी शुरू कर दें। 16 जून को जिले के किसी एक स्कूल का चयन कर शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन किया जायेगा। जिले के प्रभारी मंत्री, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधि उसमें शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री की इस दौरान राज्य स्तरीय कार्यक्रम की स्कूलों में आनलाइन दिखाने की व्यवस्था की जायेगी। स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था के भी निर्देश दिये गये हैं। इन स्कूलों में विद्यादूतों की सेवाएं भी यथावत रखी जायेगी। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि 260 स्कूलों के सफल संचालन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं जैसें बच्चों का नामांकन, पोटा केबिन या कही और पढ़ रहे बच्चों को अपने परिवार के साथ रहकर पढ़ने के लिए इन स्कूलों में प्रवेश दिलवाना। स्कूलों में शिक्षादूतों के साथ-साथ शिक्षक की व्यवस्था करने, सीखने सिखाने के लिए सभी अन्य आवश्यक व्यवस्था करते हुए बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षक देने के सभी प्रयास किये जायें।

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