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VIDEO: क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा, तमाशा बना दिया है? हाई कोर्ट के जस्टिस का वीडियो हुआ वायरल…भड़के जज बोले : सबको 5-5 लाख का पॉकेट से…

बिहार 5 दिसंबर 2022 सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में जज पुलिस को फटकार लगाते दिख रहे हैं। ये वायरल वीडियो पटना हाई कोर्ट की बताई जा रही है। जहां पर सुनवाई के दौरान जज बिहार पुलिस खुब खिंचाई कर रहे हैं।
पुलिस पर साधा निशाना

मिली जानकारी के मुताबिक, पटना हाईकोर्ट में हाल ही में एक महिला के घर गिराने के आरोप में जज ने बिहार पुलिस को जमकर सुनाया। जज ने कहा कि ‘क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा। आप किसका प्रतिनिदित्व करते हैं, राज्य या किसी निजी व्यक्ति का? तमाशा बना दिया है। किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ देंगे’।

पैसा देकर घर तुड़वा दिजीए
इस वायरल वीडियो में पटना हाई कोर्ट जस्टिस संदीप कुमार होते हैं। वहीं संदीप आगे कहते हैं कि ‘घूस लेकर जनता दरबार,पुलिस और सीओ मिलकर घर तुड़वा रहे हैं। अब सब अपनी पॉकेट से पांच-पांच लाख निकाल करे देंगे’। वीडियो में देखा जा सकता है कि जज संदीप कुमार की पीठ ने पिटीशन को पढ़ते हुए कहा कि ‘सभी अधिकारियों की किसी न किसी भू-माफिया से मिलीभगत है’। जज आगे पढ़ते हुए बोलते हैं कि भूमि विवादों को चिन्हित करके थाना को ही पावर दे दिया गया है क्या निष्पादन करना है? उन्होंने कहा कि आपको समस्या है तो थाना जाएं और पैसा देकर घर तुड़वा दीजिए। सिविल कोर्ट को बंद कर दीजिए। हम आपकी रक्षा के लिए नहीं हैं न कि गलत करने के लिए बैठे हैं’।

याचिकाकर्ता का घर 15 अक्टूबर को पुलिस प्रशासन के आदेश पर बुलडोजर से ढहा दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस ने भू-माफिया के साथ मिलकर ऐसा किया और पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
महिला के घर को कथित रूप से बुलडोजर से ढहाने के लिए पटना हाई कोर्ट ने बिहार पुलिस को कड़ी फटकार लगाई.

‘भूमि विवाद निपटाने का काम क्या पुलिस को ही दे दिया है’

जस्टिस संदीप कुमार की पीठ ने कहा कि भूमि विवाद चिह्नित करने और उसके निष्पादन का पावर पुलिस को ही दे दिया है? आपकी समस्या है तो थाने पर जाएं, पैसे दें और किसी का भी घर तुड़वा दें. सिविल कोर्ट को बंद कर दीजिए.’

पीड़ित पक्ष के वकील ने कोर्ट को बताया कि कुछ भू-माफिया भी मामले में शामिल हैं. इसका संज्ञान लेते हुए पीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और 8 दिसंबर को सुनवाई की अगली तारीख पर अपने वकीलों के माध्यम से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया.

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