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छठ महापर्व पर दिखेगा भव्यता का नजारा… चार दिवसीय अनुष्ठान के लिए छठ महापर्व आयोजन समिति तैयारी में जुटा… 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु लोक आस्था के महापर्व में करेंगे शिरकत

रायपुर, 16 अक्टूबर 2022। लोक आस्था का महापर्व छठ राजधानी रायपुर में धूमधाम से मनाया जायेगा। चार दिवसीय छठ महापर्व के इस आयोजन की शुरुआत 28 अक्टूबर से शुरू होगी। छठ महापर्व आयोजन समिति महादेव घाट रायपुर की तरफ से आज प्रेस कांफ्रेंस में आयोजन को लेकर विस्तृत जानकारी दी गयी। छठ महापर्व आयोजन समिति महादेव घाट रायपुर के प्रमुख राजेश कुमार सिंह ने बताया कि28 से 31 अक्टूबर तक होने वाले इस आयोजन को भव्य तरीके से आयोजित किया जायेगा। राजेश सिंह ने बताया कि कोरोना काल की वजह से पिछली बार छठ पूजा में कुछ बंदिशें थी, लेकिन इस बार कोरोना का साया खत्म होने के बाद आयोजन को भव्य तरीके से मनाने का फैसला लिया गया है। इस दौरान भंडारे से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन तक का निर्णय लिया गया है।

छठ महापर्व स्वच्छता का प्रतीक

छठ महापर्व स्वच्छता का सबसे बड़ा प्रतीक है। वर्तमान में भारत सरकार के द्वारा स्वच्छता का कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जबकि छठ महापर्व प्राचीन काल से ही स्वच्छता का सन्देश देती आ रही है। इस पर्व पर लोगों द्वारा शुद्ध प्रसाद बनाया जाता है। जिसे सूर्य भगवान को भोग लगाया जाता है। लोगों के द्वारा समूहों में सड़क एवं घाटों की सफाई की जाती है। हमारी मान्यताओं के अनुसार छठि मैय्या विश्व की सबसे बड़ी स्वच्छता की ब्रांड एम्बेसडर है। इस वर्ष नहाय-खाय 28 अक्टूबर को मनाया जायेगा। लोहंडा एवं खरना 29 अक्टूबर को होगा, संध्या अर्घ्य 30 अक्टूबर को होगा और उषा अर्घ्य 31 अक्टूबर को होगा।

28 से 31 तक छठ महापर्व की रहेगी धूम

छठ पर्व ही दुनिया का मात्र एक पर्व है जिसमें डूबते सूर्य एवं उगते सूर्य की पूजा की जाती है। छठ पर्व को षष्ठी पूजा एवं सूर्य षष्ठी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। छठ पूजा सूर्य और उनकी बहन छठी मैया को समर्पित है। त्यौहार और व्रत के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं। इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना और प्रसाद, प्रार्थना और सूर्य देवता को अर्घ्य देना शामिल है। बिहार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग जिस देश एवं राज्यों में जाकर बसे वहां भी अपनी संस्कृति को आज भी बचाये हुऐ हैं। छठ महापर्व नेपाल, फिजी, मॉरिशस, सूरीनाम, गुयाना एवं अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

तालाबों और छठ घाटों की होगी सफाई

राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन और रायपुर नगर निगम से महादेव घाट और राजधानी के सभी तालाबों की सफाई की अपील की है। समिति के सदस्य भी घाटों की सफाई में अपना सहयोग देंगे। समिति के द्वारा घाटों को सजाया जायेगा। पार्किंग, लाइटिंग, एवं व्रती के लिए हर तरह की सुविधा की व्यवस्था समिति के द्वारा किया जायेगा। इस वर्ष एक लाख से अधिक श्रद्धालु महादेव घाट पर जुटेंगे।


सांस्कृतिक कार्यक्रम 30 अक्टूबर को महादेव घाट में


इस वर्ष भी महादेव घाट पर समिति के द्वारा 30 अक्टूबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की जाएगी। छत्तीसगढ़ के स्थानीय एवं भोजपुरी कलाकार के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की जाएगी। छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार दिलीप षड़ंगी, भोजपुरी कलाकार एवं सुर संग्राम विजेता मोहन राठौर, भोजपुरी कलाकार प्रियंका पांडेय, अंतर्राष्ट्रीय नृत्य नाटिका प्रसिद्ध सोनाली और तरुण चोपड़ा ग्रुप के कलाकार नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगे । सांस्कृतिक कार्यक्रम 30 अक्टूबर को दिन में 2 बजे प्रारम्भ होगी और रात्रि जारीरहेगी। समिति के द्वारा 30 अक्टूबर को खारुन नदी के महादेव घाट पर भव्य संध्या आरती आयोजित की जाएगी । समिति के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन 31 अक्टूबर की सुबह महादेव घाट पर किया जायेगा ।

मुख्यमंत्री को भी किया जायेगा आमंत्रित

समिति की तरफ इस वर्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, रायपुर के विधायक सत्यनारायण शर्मा, विकास उपाध्याय, बृजमोहन अग्रवाल, मेयर ऐजाज़ ढेबर एवं अन्य गण्यमान्य लोगों को समिति के द्वारा आमंत्रित किया जायेगा। इस अवसर पर छठ आयोजन समिति के पदाधिकारी रविन्द्र सिंह, सुनील सिंह, शशि सिंह, सत्येंद्र सिंह गौतम, परमानन्द सिंह, रामकुमार सिंह, कन्हैया सिंह, रामविलास सिंह, सत्य प्रकाश सिंह, जयंत सिंह, बृजेश सिंह, अमरजीत सिंह, संतोष सिंह, अनिल सिंह, शिव शंकर सिंह, जयप्रकाश सिंह, मुकुल श्रीवास्तव, सरोज सिंह, संजय सिंह एवं अन्य सदस्य प्रेस वार्ता में उपस्थित थे ।

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